रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गोवंश की सुरक्षा के लिए बड़ा कदम उठाया है. मुख्यमंत्री की पहल पर जल्द ही छत्तीसगढ़ में गोवंश अभ्यारण्य बनाने की शुरुआत होगी. सीएम की ओर से इस बात का जैसे ही ऐलान किया गया डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने इसपर खुशी जताते हुए सीएम को धन्यवाद दिया. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गोवंश अभ्यारण्य बनाने के लिए अफसरों को अहम दिशा निर्देश भी जारी कर दिए हैं.
गोवंश की सुरक्षा के लिए बनेगा अभ्यारण्य: गोवंश अभ्यारण्य बनाने का मकसद खुले में घूमने वाले आवारा गायों को सुरक्षा और खाना मुहैया कराना है. गोवंश अभ्यारण्य बनाए जाने से सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी. आवारा मवेशी अक्सर सड़कों के आस पास घूमते रहते हैं. सड़क पर मवेशियों की मौजूदगी के चलते आए दिन सड़क हादसे होते रहते हैं. सड़क हादसों पर लगाम लगाने के मकसद से गोवंश अभ्यारण्य की भी शुरुआत की जा रही है. डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. विजय शर्मा ने सीएम से मिलकर उनके फैसले पर खुशी जताई है.
सरकार के फैसले पर कांग्रेस का तंज: साय सरकार के गोवंश अभ्यारण्य बनाए जाने की योजना पर कांग्रेस ने निशाना साधा है. कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि इस सरकार को भी गोठान की ओर लौटना ही होगा. शुक्ला ने कहा कि अच्छी बात है कि इस सरकार को गाय और गोबर के संरक्षण की याद आई है.
''गौठान एक ऐसी योजना थी जहां ग्राम वासियों को जोड़कर गायों के गोबर का संरक्षण किया जाता है. गोधन न्याय योजना में हर आदमी अपने आप को उसमें समाहित करता था. गोबर बेचने से पैसा भी मिलता था. इसका फायदा यह भी था कि गायों का संरक्षण होता था उन्हें चारा पानी भी मिलता था. रोजगार के मौके भी पैदा होते थे. राजनीतिक विद्वेष के कारण भाजपा सरकार ने इसे बंद कर दिया. अब गोवंश अभ्यारण योजना शुरू करने जा रहे हैं. आप कितना अभ्यारण बनाएंगे आपको गौठान में आना ही पड़ेगा. इसके पहले भी अपने गौशाला बनाकर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को 15 साल में हजारों करोड़ रुपये अनुदान दिया है. तब गौशाला में गाय मरती थी. तब गौशाला गायों का कत्लगाह बन गई थी. कई बड़े-बड़े भाजपा नेताओं की गौशाला चलती थी. उसमें चमड़े, मांस और हड्डी का व्यापार किया जाता था''. - सुशील आनंद शुक्ला, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस मीडिया विभाग
सुरक्षा और संरक्षण देने की कोशिश: योजना का मकसद सड़क हादसों में कमी लाना है. इसके साथ ही साथ गायों को भोजन और सुरक्षा मुहैया कराना भी सरकार का मकसद है. अभ्यारण्य में गायों की न सिर्फ देखभाल की जाएगी बल्कि उनको मेडिकल सुविधा भी दी जाएगी. पूरे छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में आवारा मवेशी सड़कों और कचरे के ढेर के आस पास आपको भटकते मिल जाएंगे. गोवंश अभ्यारण्य बनने के बाद सड़क हादसों में जरुर कमी आएगी.