गिरिडीह: बगोदर बस स्टैंड में विराट करम महोत्सव का आयोजन किया गया है. जिसमें भारी भीड़ उमड़ पड़ी है. रंग-बिरंगे परिधानों में पहुंचे सांस्कृतिक कार्यक्रम की विभिन्न टोलियों में शामिल हैं. कार्यक्रम में युवतियां ढोल और मांदर की थाप पर करम गीतों पर नृत्य किया.
कार्यक्रम में झारखंड की लोक कला और संस्कृति को देखने मिला. खोरठा गीतों पर युवतियां करम डाल को रखकर उसके चारों तरफ नृत्य करती नजर आई. वहीं पुरुष मांदर बजाते दिखे. पुरुष वर्ग के लोग भी इस मौके पर खोरठा गीतों पर झूमर नृत्य करते नजर आए. करम अखाड़ा की पूजा-अर्चना कर विराट करम महोत्सव की शुरुआत की गई. इस कार्यक्रम में बड़े-बूढ़े, युवक, युवतियां और महिलाएं शामिल हुई है. जिससे पूरा बस स्टैंड परिसर भरा हुआ दिखा.
बस स्टेंट में मौजूद लोगों ने इस कार्यक्रम का खूब आनंद लिया. इस कार्यक्रम में महिलाओं द्वारा बेहतरीन सांस्कृतिक कला को पेश किया. महिलाओं ने अलग-अलग कला के जरिए लोगों से खत्म हो रहे लोक कला को बचाने का भी अपील की.
बता दें की करम पर्व पिछले तीन सालों से यहां पर विराट करम महोत्सव का आयोजन किया जाता है. आयोजन के पीछे का मुख्य उद्देश्य विलुप्त हो रहे झारखंड की लोक कला और संस्कृति को बचाना है. करम महोत्सव को सफल बनाने में आयोजन समिति के छोटन प्रसाद छात्र, त्रिभुवन महतो, प्रेमचंद साहु, डालेश्वर महतो, नीतीश पटेल, प्रवीण महतो, तुलसी महतो, सिकंदर अली, लखन मेहता, लक्ष्मण महतो, उमेश आदर्श, हेमंत महतो और खुबलाल महतो आदि शामिल थे.
क्या है करम पर्व
करम पर्व मुख्य रूप से झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम और बांग्लादेश में मनाया जाता है. इस पर्व में बहनें अपने भाइयों की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं. साथ ही उनके लम्बी उम्र की भी कामना करती हैं.
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