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मुकेश सहनी ने केन्द्र के अंतरिम बजट को बताया 'चुनावी भाषण', कहा- 'किसान और युवाओं के लिए कुछ नहीं' - Finance Minister Nirmala Sitharaman

संसद में पेश अंतरिम बजट पर राजनेता अपनी प्रतिक्रिया देने में लगे हैं. कुछ इसे उम्मीदों से भरा बजट बता रहे हैं, तो वहीं कुछ नेता इसे चुनावी आइना से देख रहे हैं. ऐसे में वीआईपी चीफ मुकेश सहनी ने क्या कहा आगे पढ़ें पूरी खबर.

Mukesh Sahni Etv Bharat
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 1, 2024, 11:00 PM IST

पटना : केंद्र सरकार द्वारा आज संसद में पेश अंतरिम बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के संस्थापक और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने कहा कि सही अर्थों में केंद्र सरकार का अंतरिम बजट चुनावी भाषण से ज्यादा कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जिस तरह संसद में बजट पेश कर रही थी, उससे साफ लग रहा था कि वे चुनावी भाषण दे रही हैं. बजट में न आधारभूत संरचना की बात कही गई है और न ही किसानों के कल्याण और उनकी तरक्की का मार्ग सुझाया गया है.

''इस बजट से एक बार फिर औद्योगिक घरानों को मदद मिलेगी और गांव के किसान और युवा अच्छे दिनों का इंतजार करेंगे. बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए भी कोई सही रास्ता इस बजट में प्रस्ताव नहीं किया गया है. कुल मिलाकर यह बजट चुनावी वर्ष में सुनहरे सपना दिखाने वाला बजट है.''- मुकेश सहनी, वीआईपी प्रमुख

बिहार के लोगों के लिए बजट निराशाजनक : मुकेश सहनी ने जोर देकर कहा कि बिहार इस अंतरिम बजट से फिर से ठगा महसूस कर रहा है. बिहार के लोगों को आशा थी कि इस चुनावी वर्ष में भी पिछड़े इस राज्य के विकास के लिए कुछ मिलेगा लेकिन फिर से निराशा हाथ लगी. उन्होंने कहा कि इस बजट में भी पूर्व बजट की भांति 2047 में विकसित भारत का सुनहरा सपना दिखाया गया है.

सरकार थपथपा रही पीठ : बता दें कि गुरुवार को केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का अंतरिम बजट पेश किया. जहां प्रधानमंत्री लेकर सत्ताधारी दल के नेता इसकी प्रशंसा करते नहीं थक रहे हैं. वहीं दूसरी ओर विपक्षी नेता इसपर कटाक्ष कर रहे हैं.

पटना : केंद्र सरकार द्वारा आज संसद में पेश अंतरिम बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के संस्थापक और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने कहा कि सही अर्थों में केंद्र सरकार का अंतरिम बजट चुनावी भाषण से ज्यादा कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जिस तरह संसद में बजट पेश कर रही थी, उससे साफ लग रहा था कि वे चुनावी भाषण दे रही हैं. बजट में न आधारभूत संरचना की बात कही गई है और न ही किसानों के कल्याण और उनकी तरक्की का मार्ग सुझाया गया है.

''इस बजट से एक बार फिर औद्योगिक घरानों को मदद मिलेगी और गांव के किसान और युवा अच्छे दिनों का इंतजार करेंगे. बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए भी कोई सही रास्ता इस बजट में प्रस्ताव नहीं किया गया है. कुल मिलाकर यह बजट चुनावी वर्ष में सुनहरे सपना दिखाने वाला बजट है.''- मुकेश सहनी, वीआईपी प्रमुख

बिहार के लोगों के लिए बजट निराशाजनक : मुकेश सहनी ने जोर देकर कहा कि बिहार इस अंतरिम बजट से फिर से ठगा महसूस कर रहा है. बिहार के लोगों को आशा थी कि इस चुनावी वर्ष में भी पिछड़े इस राज्य के विकास के लिए कुछ मिलेगा लेकिन फिर से निराशा हाथ लगी. उन्होंने कहा कि इस बजट में भी पूर्व बजट की भांति 2047 में विकसित भारत का सुनहरा सपना दिखाया गया है.

सरकार थपथपा रही पीठ : बता दें कि गुरुवार को केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का अंतरिम बजट पेश किया. जहां प्रधानमंत्री लेकर सत्ताधारी दल के नेता इसकी प्रशंसा करते नहीं थक रहे हैं. वहीं दूसरी ओर विपक्षी नेता इसपर कटाक्ष कर रहे हैं.

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