पटना: कटिहार की रैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू परिवार पर हमला करते हुए कहा था कि लालू ने विकास का कोई काम नहीं किया, सिर्फ बच्चे पैदा किए हैं. इतना बाल-बच्चा किसी को पैदा करना चाहिए क्या? उनके इस बयान को बेहद ही ओछा बताते हुए मुकेश सहनी की पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने सीएम को पत्र लिखकर इस पर आपत्ति जताई है. उन्होंने उनके स्वास्थ्य पर चिंता जताते हुए बेहतर उपचार कराने की भी सलाह दी है.
पत्र में क्या लिखा?: देव ज्योति ने अपने पत्र में लिखा, 'आपकी बढ़ती उम्र और कार्यों के बोझ को देखते हुए में सदैव आपके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रहता हूं. हाल के दिनों में जिस तरह आप सार्वजनिक मंचों से बयान देते रहे हैं, उससे मेरी चिंता बढ़ना लाजिमी है. अब आप बिहार के मुख्यमंत्री जैसे ऊंचे पद पर काबिज हैं और जब आपके तरफ से कुछ ऐसे बयान दिए जाते हों, जिसे लोग अपने बच्चों के साथ सुन भी नहीं सकते हैं तो एक बिहारी होने के नाते कष्ट होता है. आपके शर्मनाक बयानों से बिहार के लोगों को देश और दुनिया में लज्जित और अपमानित होना पड़ता है.'
लालू के बच्चों को लेकर आपका बयान शर्मनाक: विकासशील इंसान पार्टी के प्रवक्ता ने आगे लिखा, 'अब आप खुद देखिए, कटिहार में जिस तरह आप अपने दोस्त और राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद जी और उनकी पत्नी और प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती राबड़ी देवी के लिए जिस तरह का बयान दिया, क्या कोई सभ्य व्यक्ति सार्वजनिक मंचों से ऐसा बयान दे सकता है? यही नहीं आपने बिहार विधानसभा में भी जिस तरह जनसंख्या नियंत्रण के संदर्भ में महिलाओं को लेकर बयान दिया था, उसे क्या कोई सभ्य समाज के लोग अपने बच्चों के साथ बैठकर सुन सकते हैं. यह अलग बात है कि उस बयान के लिए आपने सार्वजनिक तौर पर माफी मांग ली थी लेकिन आप हम सभी लोगों के अभिभावक हैं और अभिभावकों को आदर्श मानते हुए लोग आपका अनुकरण करते हैं. क्या आप आने वाली पीढ़ी को ऐसी ही भाषा का ज्ञान देना चाहते हैं?'
नीतीश की सेहत पर जताई चिंता: देव ज्योति ने मुख्यमंत्री नीतीश के स्वास्थ्य पर चिंता जताते हुए कहा कि हो सकता है कि आपके शुभचिंतक इस ओर आपका ध्यान नहीं ले जाना चाहते होंगे लेकिन, मै आपका शुभचिंतक हूं. ऐसे में काफी विचार कर एक सलाह देने की कोशिश की है. हो सकता है कि आपका स्वास्थ्य अब आपका साथ नहीं दे रहा हो और आपको इलाज की जरूरत हो. आज जो आपके राजनीतिक सहयोगी हैं, वे भी पहले ऐसी ही सलाह आपको देते रहे थे लेकिन शायद अब कुछ राजनीतिक लाभ का कारण वे अब यह उचित सलाह नहीं दे पा रहे हैं.
"मेरा आपसे आग्रह है कि जिस तरह आप सार्वजनिक मंचों से बयान दे रहे हैं, वैसा कोई बीमार व्यक्ति ही बयान दे सकता है. बीमारी कई प्रकार के हो सकते हैं. ऐसे में अनुरोध है कि आप अपना उचित इलाज कराएं, जिससे आपके बयानों के कारण बिहार के लोगों को लज्जित और शर्मिंदा नहीं होना पड़े."- देव ज्योति, प्रवक्ता, विकासशील इंसान पार्टी
हार के डर से घबराहट: वीआईपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री जी, आपकी पार्टी के कुछ लोग वीआईपी द्वारा निषाद जाति से प्रत्याशी नहीं दिए जाने से बेचैन हो रहे हैं. मेरी उन्हें भी सलाह है कि वे निषादों की चिंता ना ही करें तो बेहतर है. निषादों के आरक्षण नहीं दिए जाने के कारण ही बीजेपी से गठबंधन नहीं किया. निषादों के अधिकार और संघर्ष के लिए हमारी पार्टी के संस्थापक 'सन ऑफ मत्लाह' मुकेश सहनी संघर्ष कर रहे हैं. उनकी प्राथमिकता ही निषाद का विकास है. ऐसे में किसी और को उनकी चिंता करने की जरूरत नहीं है. ऐसे लोगों को अपनी पार्टी और नेता की चिंता करनी चाहिए.
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