डोईवाला: तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने कार्यकाल के दौरान एक कार्यक्रम में डोईवाला-दूधली मार्ग के चौड़ीकरण की घोषणा की थी, लेकिन चार साल बीत जाने के बाद घोषणा को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है. ऐसे में सड़क चौड़ीकरण न होने से आए दिन हादसे हो रहे हैं.
इतना ही नहीं कई लोग अपनी जान तक गंवां चुके हैं, उसके बावजूद भी लोक निर्माण विभाग के अधिकारी बजट का रोना रो रहे हैं. वहीं, अब ग्रामीणों के धैर्य का बांध भी टूट रहा है. यही वजह है कि ग्रामीणों ने जल्द सड़क चौड़ीकरण न होने पर आंदोलन कर रोड को जाम करने की चेतावनी दे डाली है.
डोईवाला-दूधली मार्ग पर गुजरते हैं भारी वाहन: पूर्व प्रधान उम्मेद बोरा ने कहा कि डोईवाला-दूधली मार्ग पर भारी वाहन गुजरते हैं, लेकिन सड़क संकरी होने की वजह से अक्सर हादसे होते रहते हैं. बावजूद इसके सड़क का चौड़ीकरण नहीं किया जा रहा है. वहीं, स्थानीय ग्रामीण और कांग्रेस नेता गौरव चौधरी ने कहा कि विधानसभा सत्र चलने पर इस मार्ग से सैकड़ों वाहन निकलते हैं.
इसके अलावा टोल टैक्स बचाने के चक्कर में भी भारी वाहन इसी मार्ग से आवागमन कर रहे हैं. जिससे इस मार्ग पर आम जनता का चलना दूभर हो गया है. ग्रामीणों का कहना है कि सड़क चौड़ीकरण न होने पर रोड जाम करने को मजबूर हैं. वहीं, ग्रामीणों की सड़क जाम किए जाने की चेतावनी मिलने पर लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे. जहां उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मुलाकात की.
क्या बोले लोनिवि अधिकारी? लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने 13 करोड़ का एस्टीमेट बनाकर शासन को भेजा है. शासन से बजट मिलने पर 7 किलोमीटर के मार्ग पर काम शुरू कर दिया जाएगा. बता दें कि सड़क चौड़ीकरण को लेकर ग्रामीण पहले भी आंदोलन कर चुके हैं. साथ ही सड़क जाम भी कर चुके हैं, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी सड़क चौड़ीकरण को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. ऐसे में आक्रोशित ग्रामीणों ने आंदोलन की रणनीति बनाकर हाईवे जाम करने की तैयारी कर ली है.
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