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'घर में डर लगता है' जमुआसोल गांव के लोग ऐसा क्यों कह रहे हैं! जानें, क्या माजरा - BLASTING FOR MINING

देवघर के सारठ के लोग इन दिनों अपने घरों में रहने से डर रहे हैं. क्या कारण है, जानें इस रिपोर्ट से

Villagers troubled by mining in Sarath of Deoghar
खनन के कारण घरों में पड़ी दरारें (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 7, 2024, 9:39 PM IST

देवघर: झारखंड को खनन का प्रदेश कहा जाता है. खनन के माध्यम से झारखंड सरकार को करोड़ों के राजस्व का लाभ होता है. वहीं खनन की वजह से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलता है. लेकिन कई बार खदान और खनन लोगों के लिए आफत भी बन जाता है. कुछ नजर आया देवघर के सारठ प्रखंड क्षेत्र स्थित जमुआसोल गांव के बंधाडीह टोला के पास.

दरअसल, इस जमुआसोल गांव में रहने वाले आदिवासी समुदाय के लोग पिछले कई दिनों से डरे हुए हैं. उनको हर पल ये डर सता रहा है कि खदान में खनन के दौरान होने वाली ब्लास्टिंग की वजह से उनके घर न टूट जाएं. क्योंकि खदान में लगातार ब्लास्टिंग के कारण इस इलाके के कई घर में दरारें आ गयी हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि पत्थर खनन के लिए की जा ब्लास्टिंग से उनके घरों की दीवारें में दरार रहे हैं और उनके छत टूटने लगे हैं.

देवघर के सारठ में खनन से लोग परेशान (ETV Bharat)

जमुआसोल के जेम्स हेंब्रम ने बताया कि कुछ दबंग किस्म के पत्थर माफिया के द्वारा पत्थर तोड़ने के लिए सभी नियम कानून को ताक पर रखकर काम किए जा रहे हैं. उन्होंने इस खनन कार्य को अवैध करार देते हुए कहा कि उनके द्वारा लगातार की जा रही ब्लास्टिंग से दर्जनों घरों में दरारें पड़ गई हैं. जेम्स कहते हैं कि उन्होंने इस बात की शिकायत स्थानीय प्रशासन के साथ साथ डीसी को भी दी है लेकिन अब जांच करने के लिए कोई अधिकारी उनके गांव नहीं आया. इसी तरह ब्लास्टिंग होता रहा तो यहां के लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ सकती है.

वहीं ग्रामीणों की बढ़ती समस्या को लेकर विधायक प्रतिनिधि शालिग्राम मंडल ने कहा कि पूरे मामले की जानकारी देवघर के उपायुक्त को भी दी गई है. लेकिन अभी तक किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई है. कई बार इसकी सूचना जिला प्रशासन और अधिकारियों को दी गई है. विधायक प्रतिनिधि शालिग्राम मंडल ने कहा कि विधायक उदय शंकर सिंह के सारठ पहुंचते ही पूरे मामले की शिकायत उच्च स्तर पर की जाएगी ताकि स्थानीय लोगों के घरों और जीवन को बचाया जा सके.

वहीं इस पूरे मामले पर जिला खनन पदाधिकारी सुभाष रविदास बताते हैं कि इस घटना की जानकारी के बाद वह खुद मामले की जांच करेंगे. अगर ग्रामीणों की समस्या बढ़ेगी तो तत्काल खनन की प्रक्रिया को रोक लगा दी जाएगी जाएगी. इसके अलावा ग्रामीणों द्वारा खनन को अवैध करार दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पेपर देखकर इस बात की जांच भी जाएगी कि खनन के लिए उन्होंने परमिशन लिया है या नहीं.

इसे भी पढ़ें- BCCL Coal Mines Blasting: खौफ में कोलकर्मी और रैयत, थर्राते और डोलते मकान में रहने को मजबूर!

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इसे भी पढ़ें- धनबाद में आउटसोर्सिंग कंपनी की हैवी ब्लास्टिंग से कई घर क्षतिग्रस्त, विरोध करने पर लोगों पर लाठीचार्ज और फायरिंग, आधा दर्जन लोग घायल - Heavy blasting in Dhanbad

देवघर: झारखंड को खनन का प्रदेश कहा जाता है. खनन के माध्यम से झारखंड सरकार को करोड़ों के राजस्व का लाभ होता है. वहीं खनन की वजह से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलता है. लेकिन कई बार खदान और खनन लोगों के लिए आफत भी बन जाता है. कुछ नजर आया देवघर के सारठ प्रखंड क्षेत्र स्थित जमुआसोल गांव के बंधाडीह टोला के पास.

दरअसल, इस जमुआसोल गांव में रहने वाले आदिवासी समुदाय के लोग पिछले कई दिनों से डरे हुए हैं. उनको हर पल ये डर सता रहा है कि खदान में खनन के दौरान होने वाली ब्लास्टिंग की वजह से उनके घर न टूट जाएं. क्योंकि खदान में लगातार ब्लास्टिंग के कारण इस इलाके के कई घर में दरारें आ गयी हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि पत्थर खनन के लिए की जा ब्लास्टिंग से उनके घरों की दीवारें में दरार रहे हैं और उनके छत टूटने लगे हैं.

देवघर के सारठ में खनन से लोग परेशान (ETV Bharat)

जमुआसोल के जेम्स हेंब्रम ने बताया कि कुछ दबंग किस्म के पत्थर माफिया के द्वारा पत्थर तोड़ने के लिए सभी नियम कानून को ताक पर रखकर काम किए जा रहे हैं. उन्होंने इस खनन कार्य को अवैध करार देते हुए कहा कि उनके द्वारा लगातार की जा रही ब्लास्टिंग से दर्जनों घरों में दरारें पड़ गई हैं. जेम्स कहते हैं कि उन्होंने इस बात की शिकायत स्थानीय प्रशासन के साथ साथ डीसी को भी दी है लेकिन अब जांच करने के लिए कोई अधिकारी उनके गांव नहीं आया. इसी तरह ब्लास्टिंग होता रहा तो यहां के लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ सकती है.

वहीं ग्रामीणों की बढ़ती समस्या को लेकर विधायक प्रतिनिधि शालिग्राम मंडल ने कहा कि पूरे मामले की जानकारी देवघर के उपायुक्त को भी दी गई है. लेकिन अभी तक किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई है. कई बार इसकी सूचना जिला प्रशासन और अधिकारियों को दी गई है. विधायक प्रतिनिधि शालिग्राम मंडल ने कहा कि विधायक उदय शंकर सिंह के सारठ पहुंचते ही पूरे मामले की शिकायत उच्च स्तर पर की जाएगी ताकि स्थानीय लोगों के घरों और जीवन को बचाया जा सके.

वहीं इस पूरे मामले पर जिला खनन पदाधिकारी सुभाष रविदास बताते हैं कि इस घटना की जानकारी के बाद वह खुद मामले की जांच करेंगे. अगर ग्रामीणों की समस्या बढ़ेगी तो तत्काल खनन की प्रक्रिया को रोक लगा दी जाएगी जाएगी. इसके अलावा ग्रामीणों द्वारा खनन को अवैध करार दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पेपर देखकर इस बात की जांच भी जाएगी कि खनन के लिए उन्होंने परमिशन लिया है या नहीं.

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