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ये बंदर है खास; मौत पर रोया पूरा गांव, राजा-महाराजा की तरह निकली अंतिम यात्रा

Monkey Funeral in Fatehpur: बंदर की अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब, नम आंखों से बंदर को दी अंतिम विदाई, 13 दिन बाद होगा तेरहवीं संस्कारBody:बीमार बंदर का एक माह से ग्रामीण करा रहे थे इलाजConclusion:

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 7, 2024, 1:35 PM IST

फतेहपुर के गांव में बंदर की शव यात्रा निकालते ग्रामीण.

फतेहपुर: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में बीमार बंदर की मौत हो गई. उसके बाद ग्रामीणों ने जो किया उसकी चर्चा पूरे जिले में हो रही है. बैंड-बाजे के साथ बड़े ही धूमधाम से बंदर की शव यात्रा निकाली गई. अंतिम यात्रा में आधा सैकड़ा से अधिक ग्रामीण शामिल हुए. हिंदू रीति रिवाज के साथ बंदर का अंतिम संस्कार किया गया. ऐसा करके गांव वालों ने मानवता की शानदार मिसाल पेश की है.

मामला ललौली थाना क्षेत्र के बहुआ कस्बे का है. यहां करीब एक महीना पहले जंगल से एक बंदर आ गया था. बंदर कस्बे में लोगों के घर की छतों पर घूमता रहता था. बताया जा रहा है कि एक दिन बंदर एक छत पर बेसुध पड़ा था, सांसे चल रही थीं. यह देख मकान मालिक ने आस पड़ोस के लोगों को जानकारी दी.

इस पर पहुंचे लोगों ने बंदर के बीमार होने की जानकारी पशु चिकित्सक को दी. इसके बाद उस बंदर का इलाज महीनों चलता रहा लेकिन वह ठीक ना हुआ. बीमारी के कारण बुधवार दोपहर उसकी मौत हो गई. इसके बाद ग्रामीणों ने बंदर के अंतिम संस्कार का निर्णय लिया.

जानवर के प्रति ग्रामीणों ने प्रेम व्यक्त करते हुए बैंड-बाजे के साथ कस्बे के विभिन्न रास्तों से होते हुए बड़े धूमधाम से बंदर की शव यात्रा निकाली. इस दौरान सभी धार्मिक प्रक्रियाओं का पालन कर नम आंखों से ग्रामीणों ने बंदर को अंतिम विदाई दी. ग्रामीणों के इस काम की पूरे जिले में सराहना हो रही है.

ये भी पढ़ेंः Watch Video: बुलंदशहर में बंदर के गले में रस्सी बांधकर बेरहमी से घसीटा, मौत

फतेहपुर के गांव में बंदर की शव यात्रा निकालते ग्रामीण.

फतेहपुर: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में बीमार बंदर की मौत हो गई. उसके बाद ग्रामीणों ने जो किया उसकी चर्चा पूरे जिले में हो रही है. बैंड-बाजे के साथ बड़े ही धूमधाम से बंदर की शव यात्रा निकाली गई. अंतिम यात्रा में आधा सैकड़ा से अधिक ग्रामीण शामिल हुए. हिंदू रीति रिवाज के साथ बंदर का अंतिम संस्कार किया गया. ऐसा करके गांव वालों ने मानवता की शानदार मिसाल पेश की है.

मामला ललौली थाना क्षेत्र के बहुआ कस्बे का है. यहां करीब एक महीना पहले जंगल से एक बंदर आ गया था. बंदर कस्बे में लोगों के घर की छतों पर घूमता रहता था. बताया जा रहा है कि एक दिन बंदर एक छत पर बेसुध पड़ा था, सांसे चल रही थीं. यह देख मकान मालिक ने आस पड़ोस के लोगों को जानकारी दी.

इस पर पहुंचे लोगों ने बंदर के बीमार होने की जानकारी पशु चिकित्सक को दी. इसके बाद उस बंदर का इलाज महीनों चलता रहा लेकिन वह ठीक ना हुआ. बीमारी के कारण बुधवार दोपहर उसकी मौत हो गई. इसके बाद ग्रामीणों ने बंदर के अंतिम संस्कार का निर्णय लिया.

जानवर के प्रति ग्रामीणों ने प्रेम व्यक्त करते हुए बैंड-बाजे के साथ कस्बे के विभिन्न रास्तों से होते हुए बड़े धूमधाम से बंदर की शव यात्रा निकाली. इस दौरान सभी धार्मिक प्रक्रियाओं का पालन कर नम आंखों से ग्रामीणों ने बंदर को अंतिम विदाई दी. ग्रामीणों के इस काम की पूरे जिले में सराहना हो रही है.

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