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श्रीनगर में ग्रामीणों ने रोका रेलवे का काम, मकानों में दरार और जलस्रोत सूखने से चल रहे नाराज - Rishikesh Karnaprayag Rail Project

Villagers Stopped Railway Project Work in Srinagar श्रीनगर के कांडी, रामपुर, मरगुड़ गांव के ग्रामीणों ने ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना के काम को रुकवा दिया और जमकर नारेबाजी की. ग्रामीणों का आरोप था कि ब्लास्टिंग से उनके घरों में दरारें पड़ गई है, लेकिन अधिकारी उनकी समस्याओं का निस्तारण नहीं कर रहे हैं.

Villagers Stopped Railway Project Work in Srinagar
श्रीनगर में ग्रामीणों ने रोका रेलवे का काम (फोटो- ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 5, 2024, 10:11 AM IST

श्रीनगर: ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना के निर्माण कार्य से प्रभावित कोट विकासखंड के कांडी, रामपुर, मरगुड़ गांव के ग्रामीणों का पारा चढ़ गया. ग्रामीणों ने उनकी समस्याओं का समाधान न होने पर रेल परियोजना का निर्माण काम तक रोक दिया. ग्रामीणों का कहना था कि इससे पहले भी वो रेलवे निर्माण कार्य में हो रही ब्लास्टिंग से आवासीय भवनों में दरार पड़ने, जलस्रोतों के सूखने और रेलवे निर्माण का गंदा पानी आवासीय भवन में घुसने समेत अन्य मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया था. बावजूद इसके भी उनकी मांगों को अनदेखा किया गया. जिससे आक्रोशित ग्रामीणों को सड़क पर उतर कर रेलवे के कार्य को बंद करने के लिए विवश होना पड़ रहा है.

प्रदर्शनकारी स्थानीय ग्रामीण पितांबरी देवी, सीता देवी, रजी देवी, परमेश्वरी देवी ने आरोप लगाया कि परियोजना के तहत होने वाले ब्लास्टिंग से खेत और मकानों में गहरी दरारें पड़ गई है. ब्लास्टिंग के चलते मकान पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. दरारें और टूटे हुए घर में रहने से डर लगता है. उन्होंने कहा कि परियोजना से निकलने वाला पानी घरों के आगे बहने से बीमारियां पैदा होने का खतरा बना हुआ है.

गौर गो कि बीती 27 अप्रैल को रेलवे प्रशासन के साथ हुई वार्ता में अधिकारियों ने एक हफ्ते के भीतर मकानों की वीडियोग्राफी समेत अन्य समस्याओं के निस्तारण करने का आश्वासन दिया था, लेकिन उसके बाद भी कोई भी अधिकारी आवासीय भवनों के निरीक्षण करने के लिए नहीं पहुंचा. ग्रामीणों का कहना है कि जब अधिकारी निरीक्षण करने नहीं पहुंचे तो उन्हें मजबूरन धरना देना पड़ रहा है.

उधर, ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार और रेलवे प्रशासन ने आगामी 7 मई आवासीय भवनों की वीडियोग्राफी समेत अन्य समस्याओं के निस्तारण करने का आश्वासन दिया. साथ ही उन्होंने ग्रामीणों से पांच सदस्य का शिष्टमंडल तैयार करने कहा है. ताकि, आवासीय भवन के सर्वेक्षण करने में भी आसानी हो.

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प्रदर्शनकारी स्थानीय ग्रामीण पितांबरी देवी, सीता देवी, रजी देवी, परमेश्वरी देवी ने आरोप लगाया कि परियोजना के तहत होने वाले ब्लास्टिंग से खेत और मकानों में गहरी दरारें पड़ गई है. ब्लास्टिंग के चलते मकान पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. दरारें और टूटे हुए घर में रहने से डर लगता है. उन्होंने कहा कि परियोजना से निकलने वाला पानी घरों के आगे बहने से बीमारियां पैदा होने का खतरा बना हुआ है.

गौर गो कि बीती 27 अप्रैल को रेलवे प्रशासन के साथ हुई वार्ता में अधिकारियों ने एक हफ्ते के भीतर मकानों की वीडियोग्राफी समेत अन्य समस्याओं के निस्तारण करने का आश्वासन दिया था, लेकिन उसके बाद भी कोई भी अधिकारी आवासीय भवनों के निरीक्षण करने के लिए नहीं पहुंचा. ग्रामीणों का कहना है कि जब अधिकारी निरीक्षण करने नहीं पहुंचे तो उन्हें मजबूरन धरना देना पड़ रहा है.

उधर, ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार और रेलवे प्रशासन ने आगामी 7 मई आवासीय भवनों की वीडियोग्राफी समेत अन्य समस्याओं के निस्तारण करने का आश्वासन दिया. साथ ही उन्होंने ग्रामीणों से पांच सदस्य का शिष्टमंडल तैयार करने कहा है. ताकि, आवासीय भवन के सर्वेक्षण करने में भी आसानी हो.

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