रामपुर बुशहर: ग्राम पंचायत नरैण के ब्रांदली गांव में एक पेड़ की टहनी की शिकायत लेकर लोग एसडीएम रामपुर निशांत तोमर के कार्यालय पहुंच गए. ढाई तीन फीट की ये छटांक भर टहनी लोगों के लिए नासूर बन गई है. ये टहनी पेड़ के मालिक को तो सीजन में मीठे फल देती है, लेकिन राहगीरों की आंखों में ये हमेशा खटकती है. मालिक को इस टहनी से जितना प्यार है, ग्रामीणों को इससे इतनी ही नफरत. पेड़ की इस टहनी का कसूर इतना भर है कि इसने सड़क के ऊपर हवा में अपना कब्जा कर रखा है.
अब आप सोच रहें होंगे छटांक भर टहनी ही तो है कोई तोड़ कर फेंक देंगा, इसमें क्या बड़ी बात है, लेकिन ये टहनी कोई झाड़ी ठूंठे आम की नहीं सेब की है. सेब बाजार में बिकता है और इसी सेब से पेड़ के मालिक कुंदन लाल का घर चलता है, लेकिन ये टहनी सड़क के ऊपर लटक रही है, इससे यहां से दूसरे ग्रामीणों को सेब से भरी गाड़ियां और अन्य वाहन ले जाने में परेशानी होती है. एसडीएम के दरबार में अर्जी लेकर पहुंचे ग्रामीणों ने फरियाद में कहा कि ब्रांदली से गवालड़ी लिंक रोड का निर्माण आज से 10-12 साल पहले हुआ है. ये लिंक रोड वाहन योग्य मार्ग है. इस रोड पर करीब 35-40 लाख रुपये सरकार लगा चुकी है. यहां पर एक समस्या बनी हुई है कि सड़क किनारे पर कुंदन लाल नाम के बागवान का एक सेब का पेड़ है, जिससे गाड़ी की आवाजाही प्रभावित हो रही है.
ग्रामीणों ने कहा कि सेब सीजन कुछ दिनों में शुरू होने वाला है. इस रोड के माध्यम से चार गांवों के लोग अपने सेब की फसल को मंडियों तक पहुंचाते हैं, लेकिन सेब की टहनी सड़क से निकलने वाली गाड़ियों से टकरा जाती है( ग्रामीणों की मानें तो बीच सड़क में अपनी नाक घुसा देती है). कुंदन लाल की मलकियत भूमि में लगे सेब के इस पेड़ की टहनी को हटाने के लिए कई बार कहा गया, लेकिन कुंदन लाल टहनी की बलि देने को तैयार नहीं हैं. सेब सीजन में सड़क की मरम्मत के लिए 2 लाख 75 हजार रुपये की राशि जारी की गई थी, इसलिए रोड को ठीक करवाने के लिए ग्रामीणों ने जेसीबी बुलाई थी, लेकिन कुंदन लाल पेड़ की टहनी को हाथ तक नहीं लगाने दिया. ऐसे में क्षेत्र की जनता परेशान हो रही है. ग्रीमीणों ने मांग की है कि इस विषय की जांच पड़ता कर रोड को ठीक किया जाए.
इस बारे में जब ईटीवी भारत ने मालिक कुंदन लाल से बात की तो उन्होंने बताया कि छोटे वाहनों के लिए सड़क बहाल है. उनके सेब के पेड़ों में फसल लगी है. ऐसे में इसे काटना उचित नहीं है. हमारी रोजी रोटी सेब की फसल पर ही निर्भर करती है. यदि फसल को नष्ट किया जाएगा तो साल भर घर का खर्च चलाना मुश्किल हो जाएगा. उन्होंने बताया कि जब गांव वाले सड़क की मरम्मत के लिए पीली मशीन (जेसीबी) लेकर आए थे तो उन्होंने कहा था कि सेब की टहनियों को साइड में बांध कर जेसीबी मशीन को निकाल कर ले जाएं, या छोटी जेसीबी लगाई जाए. अभी सेब के पेड़ को काटने पर दिक्कत आएगी सेब का पेड़ सूख भी सकता है और फसल भी बर्बाद हो सकती है.
वहीं, एसडीएम रामपुर निशांत तोमर ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि इस संबंध में छानबीन की जाएगी. पंचायत से इस बारे में प्रस्ताव पास करवाया जाएगा, जिसके बाद राजस्व विभाग की टीम मौके पर जाकर मुआयना कर संबंधित मामले को लेकर उचित कार्रवाई करेगी.