बलरामपुर : जिले के रामचंद्रपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत इंद्रावतीपुर में झारखंड की कंपनी सर्वे और उत्खनन का काम कर रही है.जिसका विरोध ग्रामीणों ने किया है. ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम सभा के प्रस्ताव मंजूरी के बिना और निजी भूमि स्वामी की सहमति के बिना ही उत्खनन का काम हो रहा है.जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने किया है.आपको बता दें कि ये काम मेसर्स एस.जे. मिनरल्स प्रोपराइटर ज्योति बजाज कार्ट रांची के अंडर में हो रहा है.
प्रशासन पर दबाव बनाने का आरोप : इंद्रावतीपुर गांव के लोगों ने निजी भूमि पर बिना सहमति के सर्वे और उत्खनन के काम का विरोध किया है.इस काम के विरोध को लेकर प्रशासनिक दबाव का आरोप भी ग्रामीणों ने लगाए हैं. ग्रामीणों ने इस काम के खिलाफ कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. जिसमें ग्रामीणों ने प्रशासन पर दबाव बनाने का आरोप भी लगाया है.
तहसीलदार पर धमकाने का आरोप : सर्व आदिवासी समाज के युवा अध्यक्ष अमित सिंह ने बताया कि ग्रामीणों ने खनिज उत्खनन और सर्वे को लेकर सवाल किया था.जिसके बाद नायब तहसीलदार राहुल केसरी ने जबरन सर्वे करने का दबाव बनाया.इस दौरान तहसीलदार ने अभद्रता और दुर्व्यवहार भी किया. जिससे सभी ग्रामीणों की भावना को ठेस पहुंची है. ग्रामीणों ने नायब तहसीलदार पर कार्रवाई करने की मांग की है. ग्रामीणों ने यह भी कहा कि यदि नायब तहसीलदार पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन और उग्र प्रदर्शन होगा.
''हमने सर्वे और उत्खनन का काम रोकने की कोशिश की तो तहसीलदार ने हमें धमकी दी. पहले भी गांव में कई जगहों पर उत्खनन किया गया और बड़े-बड़े गड्ढे खोदकर छोड़ दिया गया. हमारे कुछ मवेशियों की उन्हीं गड्ढों में गिरने से मौत हो चुकी है. हम लोग कोई भी उत्खनन या फिर सर्वे नहीं चाहते हैं.''-चंद्रिका गुप्ता, ग्रामीण
अपर कलेक्टर ने जताया भरोसा : इस मामले में अपर कलेक्टर इंद्रजीत बर्मन ने ग्रामीणों को समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया है.
''सर्वे करने के लिए सेंट्रल गवर्नमेंट से आदेश आया है. जिसके तहत एसजे कंपनी सर्वे का काम कर रही है. ग्रामीणों को इसकी जानकारी नहीं थी. इसलिए उनके द्वारा विरोध किया गया. ग्रामीणों के बीच से कुछ आपत्तियां आई है उनका निराकरण किया जाएगा. जिसके बाद सर्वे का काम कराया जाएगा.''- इंद्रजीत बर्मन,अपर कलेक्टर
आपको बता दें कि ग्रामीणों के आरोपों को दरकिनार करके सिर्फ आदेश की कॉपी दिखाकर सर्वे करवाना कहीं ना कहीं प्रशासनिक उदासीनता दिखा रहा है.यदि सर्वे का आदेश ग्रामीणों को दिखाकर उनकी रजामंदी ली जाती तो शायद आज विरोध की नौबत नहीं आती.