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क्षतिग्रस्त निर्माणाधीन पुल से साक्ष्य मिटाने का प्रयास, ग्रामीणों ने किया विरोध, कहा - जब चल रही है जांच तो हड़बड़ी में क्यों हैं संवेदक - Villagers protested in giridih - VILLAGERS PROTESTED IN GIRIDIH

Bridge in Giridih. भेलवाघाटी के अरगा नदी निर्माणधीन पुल का गार्डर गिरने के बाद पथ निर्माण विभाग के अपर सचिव के द्वारा जांच कमेटी गठित की गई है. अभी कमेटी ने जांच शुरू ही की है लेकिन उससे पहले टेढ़ा हुए पिलर को तोड़ने का प्रयास शुरू कर दिया गया है. इसका विरोध ग्रामीणों ने किया है.

Villagers protested against attempt to destroy evidence during investigation of damaged under construction bridge in Giridih
क्षतिग्रस्त निर्माणाधीन पुल से साक्ष्य मिटाने का विरोध करते ग्रामीण (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 23, 2024, 10:37 AM IST

गिरिडीहः 29 जून की शाम को हुई मानसून की पहली बारिश ने फतेहपुर - भेलवाघाटी सड़क पर कारीपहरी गांव में अरगा नदी पर बन रहे पुल की गुणवत्ता की पोल ही खोल दी. पहली बारिश में पुल का पिलर ही झूक गया तो गार्डर गिर गया. मामला गंभीर रहा तो जांच की बात कही गई. जांच शुरू हुई तो आनन - फानन में चार अभियंता को निलंबित कर दिया गया.

क्षतिग्रस्त निर्माणाधीन पुल से साक्ष्य मिटाने की कोशिश (ईटीवी भारत)

अब इस बीच इसमें नया मोड़ आ गया. जांच के दौरान ही इस पुल का निर्माण कर रही एजेंसी ने क्षतिग्रस्त हिस्से को ध्वस्त करने का काम शुरू कर दिया. कहा जाए तो जांच की पूरी रिपोर्ट आने से पहले ही सबूत मिटाने का प्रयास किया गया है. इसका विरोध भी ग्रामीणों ने में शुरू कर दिया है. क्षतिग्रस्त हिस्से को तोड़ने के काम को ग्रामीणों ने पुलिस की सहायता से रुकवा दिया गया है.

भेलवाघाटी के मुखिया विकास कुमार के अलावा ग्रामीण बढ़न तुरी, चंदन यादव, सिकंदर सिंह समेत अन्य का कहना है कि जब जांच चल रही है तो संवेदक इतनी हड़बड़ी में क्यों है, आखिर किसके इशारे पर या आदेश पर क्षतिग्रस्त पिलर को हटाने का काम किया जा रहा है. मुखिया विकास का कहना है कि यह बड़ा मामला है. इस मामले में लीपापोती का प्रयास चल रहा है, तभी तो हाल में इस पुल का काम देख रहे चार अभियंता को निलंबित कर दिया गया.

यह सब उन अधिकारियों को बचाने का प्रयास है, जिसके कार्यकाल में नक्शा बना था, पिलर की आधारशिला रखी गई थी. कुछ लोग वैसे अधिकारियों के साथ साथ संवेदक को बचाना चाहते हैं. कहा कि जांच होने के बाद इसकी रिपोर्ट को सार्वजनिक की जानी चाहिए तथा दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए. इधर पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से को ध्वस्त करने के दरमियान मौके पर मौजूद संवेदक के कर्मी का कहना था कि विभाग को सूचित करने के बाद वे लोग क्षतिग्रस्त हिस्से को हटाने का काम कर रहे थे.

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क्षतिग्रस्त निर्माणाधीन पुल से साक्ष्य मिटाने की कोशिश (ईटीवी भारत)

अब इस बीच इसमें नया मोड़ आ गया. जांच के दौरान ही इस पुल का निर्माण कर रही एजेंसी ने क्षतिग्रस्त हिस्से को ध्वस्त करने का काम शुरू कर दिया. कहा जाए तो जांच की पूरी रिपोर्ट आने से पहले ही सबूत मिटाने का प्रयास किया गया है. इसका विरोध भी ग्रामीणों ने में शुरू कर दिया है. क्षतिग्रस्त हिस्से को तोड़ने के काम को ग्रामीणों ने पुलिस की सहायता से रुकवा दिया गया है.

भेलवाघाटी के मुखिया विकास कुमार के अलावा ग्रामीण बढ़न तुरी, चंदन यादव, सिकंदर सिंह समेत अन्य का कहना है कि जब जांच चल रही है तो संवेदक इतनी हड़बड़ी में क्यों है, आखिर किसके इशारे पर या आदेश पर क्षतिग्रस्त पिलर को हटाने का काम किया जा रहा है. मुखिया विकास का कहना है कि यह बड़ा मामला है. इस मामले में लीपापोती का प्रयास चल रहा है, तभी तो हाल में इस पुल का काम देख रहे चार अभियंता को निलंबित कर दिया गया.

यह सब उन अधिकारियों को बचाने का प्रयास है, जिसके कार्यकाल में नक्शा बना था, पिलर की आधारशिला रखी गई थी. कुछ लोग वैसे अधिकारियों के साथ साथ संवेदक को बचाना चाहते हैं. कहा कि जांच होने के बाद इसकी रिपोर्ट को सार्वजनिक की जानी चाहिए तथा दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए. इधर पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से को ध्वस्त करने के दरमियान मौके पर मौजूद संवेदक के कर्मी का कहना था कि विभाग को सूचित करने के बाद वे लोग क्षतिग्रस्त हिस्से को हटाने का काम कर रहे थे.

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