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बादल फटने से बह गए थे घर और जमीनें, डेढ़ महीने बाद भी नुकसान का आकलन न किए जाने पर फूटा ग्रामीणों का गुस्सा, किया प्रदर्शन - Kullu Protest

Kullu Villagers Protest on Jari-Malana Road: मणिकर्ण घाटी में 31 अगस्त की रात बादल फटने से भारी तबाही हुई है. लोगों के घर इस आपदा के भेंट चढ़ गए और जमीनें भी बर्बाद हो गई. अब लोगों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए जरी-मलाणा सड़क पर प्रदर्शन किया और अपनी प्रशासन से उनकी मदद करने की गुहार लगाई.

Kullu Villagers Protest on Jari-Malana Road
कुल्लू में प्रशासन के खिलाफ ग्रामीणों का प्रदर्शन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 18, 2024, 12:52 PM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू की मणिकर्ण घाटी में करीब डेढ़ महीने पहले 31 अगस्त की रात को बादल फटने से भारी तबाही हुई थी. वहीं, बादल फटने से मलाणा डैम भी क्षतिग्रस्त हो गया था. जिससे पार्वती नदी और आसपास के सभी नालों का जलस्तर एकाएक बढ़ गया था और इलाके में बाढ़ आ गई थी. इस तबाही में मलाणा पंचायत के अलावा चौहकी, बलादी गांव भी बुरी तरह से प्रभावित हुए.

प्रशासन पर फूटा ग्रामीणों का गुस्सा

डैम क्षतिग्रस्त होने और नदी-नालों में बाढ़ आने से इन गांव में लोगों के घर और कृषि योग्य भूमि बर्बाद हो गई. ऐसे में ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले डेढ़ महीने में कई बार वो प्रशासन के सामने गुहार लगाते रहे, लेकिन अभी तक उनकी मांगों के ऊपर गौर नहीं किया गया. जिसके चलते मजबूरन तीन गांव के ग्रामीणों ने जरी-मलाणा सड़क पर प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने प्रदर्शन में प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई. इस दौरान मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार के साथ भी ग्रामीणों की खूब बहस हुई और ग्रामीणों ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब पहले उन्होंने प्रदर्शन की चेतावनी दी थी, तो क्यों इससे पहले प्रशासन उनके पास नहीं आया. ग्रामीणों का कहना है कि अब तक प्रशासन द्वारा गांव में हुए नुकसान का आकलन नहीं किया गया है.

Kullu Villagers Protest on Jari-Malana Road
जरी-मलाणा सड़क पर 3 गांव के ग्रामीणों का प्रदर्शन (ETV Bharat)

मलाणा डैम प्रबंधन पर लगाए आरोप

ग्रामीण नीतू कुमार, भगत सिंह, शेरा नेगी का कहना है कि आज ग्रामीण खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो गए हैं और राशन समेत कई दिक्कतों का उन्हें सामना करना पड़ रहा है. मलाणा डैम प्रबंधन की गलती के चलते उनके मकान और जमीन सब बर्बाद हो चुका है. ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि वो मलाणा डैम प्रबंधन से पूरे नुकसान का मुआवजा लें, लेकिन प्रशासन द्वारा उनकी मांगों पर गौर नहीं किया जा रहा है. जिसके चलते मजबूरन उन्हें सड़कों पर प्रदर्शन करना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि उनकी जमीनों को ठीक किया जाए और सरकार की ओर से जो राहत राशि दी जाती है, उसे भी जल्द से जल्द दिया जाए. मगर प्रशासन उनकी मांगों को अनसुना कर रहा है.

वहीं, जरी तहसील के नायब तहसीलदार हेमराज शर्मा ने बताया, "प्रभावितों के नुकसान की सूची तैयार कर ली गई है और प्रभावितों को राहत राशि भी दी गई है. सरकार के पास मामला भेज दिया गया और जल्द ही सरकार की ओर से सभी प्रभावितों की मदद की जाएगी."

ये भी पढ़ें: जिया पंचायत में नाले के पानी से बना घरों के गिरने का खतरा, ग्रामीणों ने डीसी से की तटीयकरण की मांग

ये भी पढ़ें: अब ब्यास नदी बरसात में करेगी कम नुकसान, तटीकरण के लिए जारी हुए इतने करोड़

कुल्लू: जिला कुल्लू की मणिकर्ण घाटी में करीब डेढ़ महीने पहले 31 अगस्त की रात को बादल फटने से भारी तबाही हुई थी. वहीं, बादल फटने से मलाणा डैम भी क्षतिग्रस्त हो गया था. जिससे पार्वती नदी और आसपास के सभी नालों का जलस्तर एकाएक बढ़ गया था और इलाके में बाढ़ आ गई थी. इस तबाही में मलाणा पंचायत के अलावा चौहकी, बलादी गांव भी बुरी तरह से प्रभावित हुए.

प्रशासन पर फूटा ग्रामीणों का गुस्सा

डैम क्षतिग्रस्त होने और नदी-नालों में बाढ़ आने से इन गांव में लोगों के घर और कृषि योग्य भूमि बर्बाद हो गई. ऐसे में ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले डेढ़ महीने में कई बार वो प्रशासन के सामने गुहार लगाते रहे, लेकिन अभी तक उनकी मांगों के ऊपर गौर नहीं किया गया. जिसके चलते मजबूरन तीन गांव के ग्रामीणों ने जरी-मलाणा सड़क पर प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने प्रदर्शन में प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई. इस दौरान मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार के साथ भी ग्रामीणों की खूब बहस हुई और ग्रामीणों ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब पहले उन्होंने प्रदर्शन की चेतावनी दी थी, तो क्यों इससे पहले प्रशासन उनके पास नहीं आया. ग्रामीणों का कहना है कि अब तक प्रशासन द्वारा गांव में हुए नुकसान का आकलन नहीं किया गया है.

Kullu Villagers Protest on Jari-Malana Road
जरी-मलाणा सड़क पर 3 गांव के ग्रामीणों का प्रदर्शन (ETV Bharat)

मलाणा डैम प्रबंधन पर लगाए आरोप

ग्रामीण नीतू कुमार, भगत सिंह, शेरा नेगी का कहना है कि आज ग्रामीण खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो गए हैं और राशन समेत कई दिक्कतों का उन्हें सामना करना पड़ रहा है. मलाणा डैम प्रबंधन की गलती के चलते उनके मकान और जमीन सब बर्बाद हो चुका है. ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि वो मलाणा डैम प्रबंधन से पूरे नुकसान का मुआवजा लें, लेकिन प्रशासन द्वारा उनकी मांगों पर गौर नहीं किया जा रहा है. जिसके चलते मजबूरन उन्हें सड़कों पर प्रदर्शन करना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि उनकी जमीनों को ठीक किया जाए और सरकार की ओर से जो राहत राशि दी जाती है, उसे भी जल्द से जल्द दिया जाए. मगर प्रशासन उनकी मांगों को अनसुना कर रहा है.

वहीं, जरी तहसील के नायब तहसीलदार हेमराज शर्मा ने बताया, "प्रभावितों के नुकसान की सूची तैयार कर ली गई है और प्रभावितों को राहत राशि भी दी गई है. सरकार के पास मामला भेज दिया गया और जल्द ही सरकार की ओर से सभी प्रभावितों की मदद की जाएगी."

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