पटना: राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी में रविवार की रात तेज रफ्तार का कहर देखने को मिला था. बेलगाम ट्रक और ऑटो की भीषण टक्कर में सात मजदूरों की जान चली गई थी. इन मजदूरों की मौत से चार गांवों में सन्नाटा छा गया है. ग्रामीण इस घटना के विरोध में सड़क पर उतर आए हैं और सुबह से ही सड़क जाम कर प्रदर्शन कर रहे हैं.
स्थानीय लोगों का आक्रोश: मृतकों के घरवालों के साथ-साथ स्थानीय लोग भी गुस्से में हैं. वो स्थानीय प्रशासन पर आरोप लगा रहे हैं कि बेलगाम ट्रकों और तेज रफ्तार पर वाहनों पर नियंत्रण नहीं लगाया जा रहा है. मृतक के परिजन कह रहे हैं कि यह कह रहे हैं कि आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं और मृतकों की संख्या बढ़ रही है. रविवार रात के हादसे के बाद से इलाके में कोहराम मच गया है और लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. जिस वजह से मसौढ़ी पितवांस मार्ग पर यातायात बाधित हो गया है.
"दो दिन बाद गया अपनी बेटी के लिए लड़का देखने जाना था, घर में तैयारी भी कर रहे थे. ऐसे में देर रात को खबर आई है की रोड एक्सीडेंट हो गया है. जिससे हम सभी लोग मर्माहत हैं." -रविंद्र बिंद, मृतक के बड़े भाई
प्रशासनिक कार्रवाई और मुआवजे की मांग: देर रात तक जेसीबी की मदद से ट्रक को सड़क से हटा लिया गया. इस घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय विधायक रेखा देवी और फुलवारी विधायक गोपाल रविदास भी घटनास्थल पर पहुंच गए. उन्होंने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है.
"यह एक बड़ी घटना है. एक ही साथ कई परिवारों की जिंदगी चली गई है. सरकार से 10 लख रुपये मुआवजा, सरकारी नौकरी, राशन-पानी की व्यवस्था की हम मांग करते हैं." -गोपाल रविदास, विधायक, फुलवारीशरीफ
बालू लदे ट्रक ने ऑटो में मारी थी टक्कर: बता दें कि मसौढ़ी में तेज रफ्तार से आ रहे बालू लदे ट्रक ने रविवार रात को ऑटो में टक्कर मार दी, जिससे सात मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई. ये मजदूर रोजाना पटना में मजदूरी करने जाते थे और फिर ऑटो से अपने-अपने गांव लौटते थे. इस हादसे में मृतकों की पहचान मसौढ़ी क्षेत्र के डोरीपर, बेगमचक, माधवचक, और हासाडीह गांव के निवासी के रूप में हुई है. वहीं मुखिया रवि प्रकाश ने कहा कि प्रशासन के द्वारा बेलगाम ट्रकों और तेज रफ्तार पर वाहनों पर नियंत्रण नहीं लगाया जा रहा है.
"इस रूट में बड़े वाहन काफी तेज रफ्तार से चलते हैं, जिससे सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है. आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं, स्थानीय पुलिस प्रशासन इन तेज रफ्तार वाहनों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है."- रवि प्रकाश, मुखिया
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पहले में भी हुए कई सड़क हादसे: मसौढ़ी थाना क्षेत्र के नूरा बाजार के पास स्थित कावर पर पुलिया क्षेत्र 'डेथ जोन' बनता जा रहा है. पिछले एक साल में इस इलाके में लगभग 9 सड़क हादसे हो चुके हैं, जिनमें आधा दर्जन मौत हुई है. हाल ही में 10 दिन पहले एक नव दंपति की भी मौत हो गई थी, जो शादी में शिरकत करने जा रहे थे. तीन महीने पहले एक वृद्ध महिला की भी जान चली गई थी. मृतक के आश्रितों को मुआवजा देने की पहल की जा रही है. ऑनलाइन प्रक्रिया के द्वारा ये काम होगा.
"मृतक के आश्रितों को मुआवजा मिलेगा लेकिन अब मुआवजा ऑनलाइन प्रक्रिया के साथ मिलता है. लोगों को समझाया जा रहा है, बावजूद इसके वो शव को नहीं उठाने दे रहे हैं. तकरीबन 5 घंटे से सड़क जाम है."-अमित कुमार पटेल, एसडीएम, मसौढ़ी