ETV Bharat / state

साल भर गुहार के बाद भी सरकार ने नहीं सुनी समस्या, ग्रामीणों ने निकाला तोड़, नदी पर बना दिया पुल - Temporary Bridge on Kamal River

author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 27, 2024, 6:57 PM IST

Updated : Aug 27, 2024, 7:51 PM IST

Construction of Temporary Bridge on Kamal River in Uttarkashi कमल नदी पर बनी आरसीसी पुलिया बहने के बाद से नई पुलिया का निर्माण नहीं हो पाया है. जिस कारण तलड़ा गांव के 40 परिवार जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने को मजबूर हैं. ग्रामीणों ने सरकार से गुहार भी लगाई लेकिन सरकार ने नहीं सुनी.

Construction of Temporary Bridge on Kamal River in Uttarkashi
ग्रामीणों ने कमल नदी पर अस्थायी लकड़ी का पुल बनाया (PHOTO- ETV Bharat)
ग्रामीणों ने कमल नदी पर अस्थायी लकड़ी का पुल बनाया (VIDEO- ETV Bharat)

उत्तरकाशी: शासन-प्रशासन की अनदेखी से परेशान तलड़ा गांव के ग्रामीणों ने कमल नदी पर आवाजाही के लिए अस्थाई पुलिया का निर्माण किया है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव के लिए बनी आरसीसी पुलिया गत वर्ष बह गई थी. उसके बाद से आज तक गांव के लिए पुलिया का निर्माण नहीं हो पाया है. यही कारण है आज भी ग्रामीण जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं. ग्रामीणों ने इस संबंध में डीएम को ज्ञापन भेजकर शीघ्र नए पुल की मांग की है.

पुरोला विधानसभा के तलड़ा गांव के लिए पहले जिला पंचायत की ओर से आरसीसी पुलिया बनाई गई थी. यह पुलिया गत वर्ष मॉनसून के दौरान कमल नदी के उफान पर आने के बाद बह गई थी. उसके बाद ग्रामीणों ने आवाजाही के लिए वहां पर पत्थरों से अस्थाई पुल तैयार किया था. जो कि एक वर्ष चलने के बाद इस साल भी बरसात के दौरान बह गई. ग्रामीणों का कहना था कि कई बार शासन-प्रशासन को मौखिक और लिखित जानकारी दी. लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है. जिसके बाद उन्होंने स्वयं के संसाधन जुटाकर अस्थाई पुलिया का निर्माण किया है.

ग्रामीण अनिल रावत, ऋतिक चमोली, विपिन रावत, राजेंद्र रावत, हरवीर राणा, प्रेम सिंह राणा, हरेंद्र राणा, सोहन लाल ,दीपक चंद, हरदेव सिंह का कहना है कि पुलिया बहने के कारण उन्हें अपनी फसलें सड़क तक पहुंचाने के लिए करीब चार से पांच किमी की दूरी तय करनी पड़ती है. इसके साथ ही स्कूली बच्चों को भी जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है.

ग्रामीणों ने बताया कि गांव में करीब 40 परिवार निवास करते हैं. उन्हें पिछले एक साल से शासन-प्रशासन की अनदेखी के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उसके बाद जब कहीं पर सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने स्वयं श्रमदान कर कमल नदी पर लकड़ी की पुलिया का निर्माण किया.

ये भी पढ़ेंः सालभर बाद भी नहीं बनी पुलिया, जान जोखिम में डालकर आवाजाही के लिए मजबूर ग्रामीण

ग्रामीणों ने कमल नदी पर अस्थायी लकड़ी का पुल बनाया (VIDEO- ETV Bharat)

उत्तरकाशी: शासन-प्रशासन की अनदेखी से परेशान तलड़ा गांव के ग्रामीणों ने कमल नदी पर आवाजाही के लिए अस्थाई पुलिया का निर्माण किया है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव के लिए बनी आरसीसी पुलिया गत वर्ष बह गई थी. उसके बाद से आज तक गांव के लिए पुलिया का निर्माण नहीं हो पाया है. यही कारण है आज भी ग्रामीण जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं. ग्रामीणों ने इस संबंध में डीएम को ज्ञापन भेजकर शीघ्र नए पुल की मांग की है.

पुरोला विधानसभा के तलड़ा गांव के लिए पहले जिला पंचायत की ओर से आरसीसी पुलिया बनाई गई थी. यह पुलिया गत वर्ष मॉनसून के दौरान कमल नदी के उफान पर आने के बाद बह गई थी. उसके बाद ग्रामीणों ने आवाजाही के लिए वहां पर पत्थरों से अस्थाई पुल तैयार किया था. जो कि एक वर्ष चलने के बाद इस साल भी बरसात के दौरान बह गई. ग्रामीणों का कहना था कि कई बार शासन-प्रशासन को मौखिक और लिखित जानकारी दी. लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है. जिसके बाद उन्होंने स्वयं के संसाधन जुटाकर अस्थाई पुलिया का निर्माण किया है.

ग्रामीण अनिल रावत, ऋतिक चमोली, विपिन रावत, राजेंद्र रावत, हरवीर राणा, प्रेम सिंह राणा, हरेंद्र राणा, सोहन लाल ,दीपक चंद, हरदेव सिंह का कहना है कि पुलिया बहने के कारण उन्हें अपनी फसलें सड़क तक पहुंचाने के लिए करीब चार से पांच किमी की दूरी तय करनी पड़ती है. इसके साथ ही स्कूली बच्चों को भी जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है.

ग्रामीणों ने बताया कि गांव में करीब 40 परिवार निवास करते हैं. उन्हें पिछले एक साल से शासन-प्रशासन की अनदेखी के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उसके बाद जब कहीं पर सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने स्वयं श्रमदान कर कमल नदी पर लकड़ी की पुलिया का निर्माण किया.

ये भी पढ़ेंः सालभर बाद भी नहीं बनी पुलिया, जान जोखिम में डालकर आवाजाही के लिए मजबूर ग्रामीण

Last Updated : Aug 27, 2024, 7:51 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.