कुचामनसिटी. जिले के मारोठ कस्बे के निकटवर्ती ग्राम भगवानपुरा में ग्राम सहकारी समिति की राजास में खोली गई मिनी बैंक शाखा बंद होने की वजह से मनरेगा श्रमिकों के करोड़ों रुपए अटकने का मामला सामने आया है. ग्रामीणों ने ग्राम सेवा सहकारी समिति बैंक शाखा भगवानपुरा पर करोड़ों रुपए की हेरा फेरी का भी आरोप लगाया है.समिति के व्यवस्थापक व सहायक पर रुपए गबन करने के आरोप के बाद उच्चाधिकारी हरकत में आ गए. इस संबंध में जब जांच कमेटी ग्राम सहकारी समिति भगवानपुरा पहुंची तो उन्होंने भवन पर ताला लगा पाया. जिस पर जांच कमेटी ने भवन पर नोटिस चस्पा कर कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है.
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम सेवा सहकारी समिति के व्यवस्थापक और खैरवा मिनी बैंक के सहायक किशनलाल ने 2013 और 2014 में किसानों के आए आदान-अनुदान में से एक-एक हजार रुपए मिनी बैंक खातों में जमा करवाये थे. मिनी बैंक भगवानपुरा की शाखा राजास में गोविन्दी, जाबदीनगर, भगवानपुरा, पांचोता व महाराजपुरा के मनरेगा श्रमिकों के खाते खोले गए थे, जिनमें जमा के नाम पर हर दफा पांच-पांच सौ रुपए मिनी बैंक खातों में जमा किया जाता था. मिनी बैंक का संचालन 2008 में शुरू किया गया था, जिसमें मनरेगा श्रमिकों को भुगतान किया जाता था. अचानक मिनी बैंक राजास को बन्द कर दिया गया. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि मनरेगा श्रमिकों की गाढ़ी कमाई का पैसा मेवाराम व किशनलाल खैरवा ने मिलकर हड़प लिया.
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ग्रामीणों ने बताया कि ज्ञापन के माध्यम से जिला कलेक्टर से मांग की गई है कि निष्पक्ष जांच उच्चाधिकारी से करवाई जाए व पीड़ित लोगों को भुगतान करवाया जाए. वहीं, सहकारी समिति नागौर के असिस्टेंट रजिस्ट्रार कार्यालय के संजीव पगोरिया ने बताया कि मामले की जांच को लेकर अधिकारियों की नियुक्ति कर दिया गया है. शिवदयाल बैरवा व अनिल कुमार निरीक्षकऑडिट लेखा परीक्षक, सहकारी समिति नागौर ने कहा कि आज ग्राम सहकारी भवन भगवानपुरा पहुंचने पर भवन में ताला लगा मिलने पर हमने नोटिस चस्पा किया है और कारण बताओ नोटिस जारी कर सारी जानकारी मांगी है. उन्होंने कहा कि मामले की जांच जारी रहेगी और उचित कार्रवाई की जाएगी