टिहरी गढ़वाल: उत्तराखंड में लगातार भू कानून बनाने की मांग उठ रही है. इस बीच टिहरी जिले के प्रतापनगर ब्लॉक के भेंनगी गांव के ग्रामीणों ने खुद ही फैसला लिया है कि अब वहां किसी को भी अपनी जमीन नहीं बेचने देंगे. इसके लिए ग्रामीणों ने गांव के मुख्य द्वार पर एक बड़ा बोर्ड लगा दिया है. बोर्ड में साफ लिखा है की जमीन बेचने के लिए बिचौलिए गांव में प्रवेश न करें. जो भी जमीन बेचने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
टिहरी में इस गांव के लोग नहीं बेचेंगे अपनी जमीन: पुरखों की संचित जमीन को अब प्रतापनगर ब्लॉक के भेंनगी गांव के लोग बाहरी लोगों को नहीं बेचेंगे. पिछले एक दशक में जिस तरह से टिहरी झील के आसपास जमीन की खरीद फरोख्त हुई, और अब बाहरी लोग स्थानीय संसाधनों में पर कब्जा जमा रहे हैं, उससे सबक लेकर ग्राम पंचायत की खुली बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया.
ग्राम पंचायत की खुली बैठक में लिया फैसला: दरअसल टिहरी बांध के बनने के बाद टिहरी जिले में जमीनों की खरीद-फरोख्त का धंधा बीते एक दशक से ज्यादा समय से खूब धड़ल्ले से चल रहा है. अब भूमाफिया और बड़ी-बड़ी कंपनियों के लोग भोले भाले ग्रामीणों को प्रलोभन देकर उनकी जमीन को औने-पौने दामों में खरीद रहे हैं. इससे यहां की डेमोग्राफी में भी परिवर्तन आ रहा है.
बिचौलियों को दिया सख्त संदेश: टिहरी गढ़वाल जिले के प्रतापनगर ब्लॉक के भेंनगी गांव के लोगों ने ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में निर्णय लिया है कि कोई भी व्यक्ति अपनी पैतृक जमीन को बाहरी लोगों को नहीं बेचेगा. साथ ही गांव अथवा आसपास के क्षेत्र का कोई बिचौलिया यदि ऐसा करते हुए पाया गया, तो ग्राम पंचायत में पारित प्रस्ताव के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ग्रामीणों ने यह भी निर्णय लिया कि गांव का नागरिक किसी को भी जमीन विक्रय के संबंध में प्रेरित नहीं करेगा. गांव के लोग अपनी ही जमीन बेचकर पूंजीपतियों के द्वारा यहां बनाए जा रहे होटल, रेस्टोरेंट, गेस्ट हाउस में चौकीदार का काम रहे हैं.
डीएम ने पहल को सराहा: टिहरी डीएम मयूर दीक्षित ने कहा कि ग्रामीणों के द्वारा अपनी जमीनों की सुरक्षा के लिए अच्छी पहल की गई है. उप जिलाधिकारी को निर्देश दिए हैं कि वह अपने अधीनस्थ राजस्व उप निरीक्षक को सख्त निर्देश दे कि वह जमीन की खरीद फरोख्त में लगे भूमाफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें.
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