बगहा: बिहार के बगहा में चखनी रजवटिया पंचायत के चखनी गांव स्थित खेल मैदान में पंचायत भवन निर्माण को लेकर ग्रामीण गोलबंद हो गए हैं. ग्रामीणों ने प्ले ग्राउंड में बिहार सरकार पंचायत भवन का निर्माण कराने का पुरजोर विरोध करते हुए जमकर प्रदर्शन किया है. ग्रामीणों की मांग है कि खेल मैदान में पंचायत भवन का निर्माण नहीं हो.
पंचायत भवन को लेकर विवाद: दरअसल, बिहार सरकार द्वारा प्रत्येक पंचायतों में बिहार पंचायत भवन बनाने की घोषणा की गई है, जिसके तहत बगहा सीओ व अन्य अधिकारियों ने चखनी गांव के खेल मैदान में इस भवन निर्माण की स्वीकृति दे दी है. लिहाजा ग्रामीणों का कहना है कि एक तरफ सरकार ने प्रत्येक पंचायत में खेल मैदान बनाने के लिए जमीन चिन्हित कर बनाने का आदेश जारी किया है. वहीं, बगहा एक प्रखंड के सीओ समेत वरीय अधिकारियों ने खेल मैदान में पंचायत भवन बनाने का टेंडर जारी करा दिया है, जिसके बाद इस खेल मैदान में भवन बनना शुरू हो गया है.
"वर्ष 2019 में जब मैं मुखिया नहीं था, तभी प्रशासन ने खेल मैदान में पंचायत भवन बनाने के लिए भूमि चिन्हित कर प्रस्ताव पारित करने के लिए भेज दिया था. जिसको लेकर आज ग्रामीण विरोध कर रहे हैं. लेकिन पंचायत भवन के साथ साथ खेल मैदान भी जरूरी है. लिहाजा प्रशासन और ग्रामीणों को इस बाबत सोचना चाहिए." - मुखिया
'बच्चों के खेल कूद के लिए जगह नहीं बचेगा': स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि अगल बगल के कई पंचायतों के बीच चखनी उच्च विद्यालय प्रांगण से सटे एकमात्र खेल का मैदान है. जहां बच्चे खेलने कूदने के अलावा पुलिस भर्ती के लिए दौड़ लगाते हैं. यदि खेल के मैदान में पंचायत भवन बन गया तो बच्चों को एनएच पर जाकर दौड़ लगानी पड़ेगी. ऐसे में खेल के मैदान में पंचायत भवन नहीं बनना चाहिए. लेकिन ना तो प्रशासन उनकी बात सुन रहा है और ना हीं कोई जनप्रतिनिधि.
प्रशासन के खिलाफ आक्रोश: बता दें कि खेल मैदान में पंचायत भवन निर्माण को लेकर ग्रामीणों ने मुखिया और अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए मंगलवार की शाम मुखिया का पुतला दहन किया. वहीं, बुधवार को प्ले ग्राउंड में जाकर जेसीबी से गड्ढा खोदने का विरोध किया है. फिलहाल ग्रामीणों में प्रशासन के खिलाफ काफी आक्रोश है.
"खेल मैदान और पंचायत भवन का निर्माण दोनों ही सरकार की योजनाएं हैं. सीओ की निगरानी में जमीन चिन्हित कर भवन का डिमार्केशन हुआ है. इससे खेल के मैदान पर कोई असर नहीं पड़ेगा. स्थानीय राजनीति की वजह से लोग विरोध कर रहे हैं, ऐसा नहीं होना चाहिए. विकासात्मक कार्य से ग्रामीणों का ही फायदा है." - डॉ अनुपमा सिंह, बगहा एसडीएम
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