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पाकुड़ के गोपीनाथपुर के ग्रामीणों ने प्रशासन से की स्थायी पुलिस पिकेट की मांग, हिंसा के बाद दहशत में हैं लोग - Gopinathpur Violence

Demand of police picket in Gopinathpur Village of Pakur. पाकुड़ के गोपीनाथपुर गांव में हिंसा के बाद अभी भी ग्रामीण दहशत से उबर नहीं पाए हैं. हालांकि अभी गांव में पुलिस टीम तैनात है, लेकिन ग्रामीणों ने स्थायी रूप से गांव में पुलिस पिकेट की मांग की है.

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 6, 2024, 2:22 PM IST

Police Picket In Gopinathpur
पाकुड़ के गोपीनाथपुर गांव में पुलिस पिकेट की मांग करते ग्रामीण (फोटो-ईटीवी भारत)

पाकुड़ः जिले के सदर प्रखंड के गोपीनाथपुर गांव के ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से गांव में स्थायी पुलिस पिकेट की मांग की है. जिला परिषद सदस्य पिंकी मंडल के नेतृत्व में दर्जनों ग्रामीणों ने डीसी-एसपी से मिलकर इस संबंध में मांग पत्र सौंपा है.

पाकुड़ के गोपीनाथपुर गांव में पुलिस पिकेट की मांग करते ग्रामीण (वीडियो-ईटीवी भारत)

बकरीद के दिन गोपीनाथपुर में हुई थी हिंसा

इस मौके पर जिला परिषद सदस्य पिंकी मंडल ने बताया कि बकरीद पर्व के दिन पश्चिम बंगाल के कुछ उपद्रवियों द्वारा मारपीट, तोड़-फोड़, पथराव, आगजनी की घटना को अंजाम दिया गया था. घटना के बाद इलाके में पुलिस कैंप कर रही है. इसके बावजूद पश्चिम बंगाल के ग्रामीणों द्वारा बीच-बीच में गाली-गलौज की जाती है और धमकी दी जा रही है.

पुलिस पिकट बनाने की मांग

जिला परिषद सदस्य ने बताया कि वर्तमान में पुलिस गांव में है, लेकिन यहां से पुलिस के हटने के बाद फिर कोई बड़ी घटना को अंजाम दिया जा सकता है. इस आशंका से गोपीनाथपुर गांव के सभी ग्रामीण भयभीत हैं. उन्होंने बताया कि मुफस्सिल थाना से गांव काफी दूर है और पश्चिम बंगाल से सटे रहने के कारण कभी भी उपद्रवी किसी घटना को अंजाम दे सकते हैं. इसलिए गोपीनाथपुर में स्थायी पुलिस पिकेट की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि गांव में पुलिस पिकेट बन जाने से ग्रामीण खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे और अन्य दिनों की तरह कामकाज कर शांति से जीवन-यापन कर सकेंगे.

बकरीद के दिन उपजा था विवाद

बता दें कि पश्चिम बंगाल के कुछ ग्रामीणों द्वारा झारखंड के गोपीनाथपुर गांव में बकरीद पर्व के दिन प्रतिबंधित मांस काटे जाने का विरोध किया गया था. इसे लेकर सैकड़ों की संख्या में पश्चिम बंगाल के लोगों ने पाकुड़ के गोपीनाथपुर गांव में धावा बोला था और ग्रामीणों के साथ मारपीट, तोड़-फोड़, आगजनी, पत्थरबाजी और बमबाजी की थी.

ग्रामीण और पुलिसकर्मी हो गए थे घायल

घटना में कुछ ग्रामीणों के अलावा पुलिस कर्मी भी घायल हो गए थे. घटना के बाद पश्चिम बंगाल और झारखंड के प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता और ग्रामीणों के साथ शांति समिति की बैठक हुई थी. घटना के बाद से पश्चिम बंगाल और झारखंड दोनों राज्य की पुलिस अपने-अपने इलाके में कैंप कर रही है.

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झारखंड की सीमावर्ती गांव पर पश्चिम बंगाल के ग्रामीणों ने किया हमला, जबरदस्त बमबारी और फायरिंग - Gopinathpur village of pakur

बमबारी और फायरिंग की घटना के बाद पाकुड़ का गोपीनाथपुर गांव पुलिस छावनी में तब्दील, एसपी ने खुद संभाला मोर्चा - Bombing And Firing In Pakur

गोपीनाथपुर गांव में पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी कर रहे कैंप, शांति समिति की हुई बैठक - Dispute between villages

पाकुड़ः जिले के सदर प्रखंड के गोपीनाथपुर गांव के ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से गांव में स्थायी पुलिस पिकेट की मांग की है. जिला परिषद सदस्य पिंकी मंडल के नेतृत्व में दर्जनों ग्रामीणों ने डीसी-एसपी से मिलकर इस संबंध में मांग पत्र सौंपा है.

पाकुड़ के गोपीनाथपुर गांव में पुलिस पिकेट की मांग करते ग्रामीण (वीडियो-ईटीवी भारत)

बकरीद के दिन गोपीनाथपुर में हुई थी हिंसा

इस मौके पर जिला परिषद सदस्य पिंकी मंडल ने बताया कि बकरीद पर्व के दिन पश्चिम बंगाल के कुछ उपद्रवियों द्वारा मारपीट, तोड़-फोड़, पथराव, आगजनी की घटना को अंजाम दिया गया था. घटना के बाद इलाके में पुलिस कैंप कर रही है. इसके बावजूद पश्चिम बंगाल के ग्रामीणों द्वारा बीच-बीच में गाली-गलौज की जाती है और धमकी दी जा रही है.

पुलिस पिकट बनाने की मांग

जिला परिषद सदस्य ने बताया कि वर्तमान में पुलिस गांव में है, लेकिन यहां से पुलिस के हटने के बाद फिर कोई बड़ी घटना को अंजाम दिया जा सकता है. इस आशंका से गोपीनाथपुर गांव के सभी ग्रामीण भयभीत हैं. उन्होंने बताया कि मुफस्सिल थाना से गांव काफी दूर है और पश्चिम बंगाल से सटे रहने के कारण कभी भी उपद्रवी किसी घटना को अंजाम दे सकते हैं. इसलिए गोपीनाथपुर में स्थायी पुलिस पिकेट की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि गांव में पुलिस पिकेट बन जाने से ग्रामीण खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे और अन्य दिनों की तरह कामकाज कर शांति से जीवन-यापन कर सकेंगे.

बकरीद के दिन उपजा था विवाद

बता दें कि पश्चिम बंगाल के कुछ ग्रामीणों द्वारा झारखंड के गोपीनाथपुर गांव में बकरीद पर्व के दिन प्रतिबंधित मांस काटे जाने का विरोध किया गया था. इसे लेकर सैकड़ों की संख्या में पश्चिम बंगाल के लोगों ने पाकुड़ के गोपीनाथपुर गांव में धावा बोला था और ग्रामीणों के साथ मारपीट, तोड़-फोड़, आगजनी, पत्थरबाजी और बमबाजी की थी.

ग्रामीण और पुलिसकर्मी हो गए थे घायल

घटना में कुछ ग्रामीणों के अलावा पुलिस कर्मी भी घायल हो गए थे. घटना के बाद पश्चिम बंगाल और झारखंड के प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता और ग्रामीणों के साथ शांति समिति की बैठक हुई थी. घटना के बाद से पश्चिम बंगाल और झारखंड दोनों राज्य की पुलिस अपने-अपने इलाके में कैंप कर रही है.

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गोपीनाथपुर गांव में पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी कर रहे कैंप, शांति समिति की हुई बैठक - Dispute between villages

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