पाकुड़ः जिले के सदर प्रखंड के गोपीनाथपुर गांव के ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से गांव में स्थायी पुलिस पिकेट की मांग की है. जिला परिषद सदस्य पिंकी मंडल के नेतृत्व में दर्जनों ग्रामीणों ने डीसी-एसपी से मिलकर इस संबंध में मांग पत्र सौंपा है.
बकरीद के दिन गोपीनाथपुर में हुई थी हिंसा
इस मौके पर जिला परिषद सदस्य पिंकी मंडल ने बताया कि बकरीद पर्व के दिन पश्चिम बंगाल के कुछ उपद्रवियों द्वारा मारपीट, तोड़-फोड़, पथराव, आगजनी की घटना को अंजाम दिया गया था. घटना के बाद इलाके में पुलिस कैंप कर रही है. इसके बावजूद पश्चिम बंगाल के ग्रामीणों द्वारा बीच-बीच में गाली-गलौज की जाती है और धमकी दी जा रही है.
पुलिस पिकट बनाने की मांग
जिला परिषद सदस्य ने बताया कि वर्तमान में पुलिस गांव में है, लेकिन यहां से पुलिस के हटने के बाद फिर कोई बड़ी घटना को अंजाम दिया जा सकता है. इस आशंका से गोपीनाथपुर गांव के सभी ग्रामीण भयभीत हैं. उन्होंने बताया कि मुफस्सिल थाना से गांव काफी दूर है और पश्चिम बंगाल से सटे रहने के कारण कभी भी उपद्रवी किसी घटना को अंजाम दे सकते हैं. इसलिए गोपीनाथपुर में स्थायी पुलिस पिकेट की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि गांव में पुलिस पिकेट बन जाने से ग्रामीण खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे और अन्य दिनों की तरह कामकाज कर शांति से जीवन-यापन कर सकेंगे.
बकरीद के दिन उपजा था विवाद
बता दें कि पश्चिम बंगाल के कुछ ग्रामीणों द्वारा झारखंड के गोपीनाथपुर गांव में बकरीद पर्व के दिन प्रतिबंधित मांस काटे जाने का विरोध किया गया था. इसे लेकर सैकड़ों की संख्या में पश्चिम बंगाल के लोगों ने पाकुड़ के गोपीनाथपुर गांव में धावा बोला था और ग्रामीणों के साथ मारपीट, तोड़-फोड़, आगजनी, पत्थरबाजी और बमबाजी की थी.
ग्रामीण और पुलिसकर्मी हो गए थे घायल
घटना में कुछ ग्रामीणों के अलावा पुलिस कर्मी भी घायल हो गए थे. घटना के बाद पश्चिम बंगाल और झारखंड के प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता और ग्रामीणों के साथ शांति समिति की बैठक हुई थी. घटना के बाद से पश्चिम बंगाल और झारखंड दोनों राज्य की पुलिस अपने-अपने इलाके में कैंप कर रही है.
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