कांकेर: कोयलीबेड़ा ब्लॉक के करीब 40 गांवों के लोग बारिश के दिनों जान जोखिम में डालकर घरों से बाहर निकलते हैं. दरअसल बारिश के दिनों में मेंढकी नदी हमेशा उफान पर रहती है. नदी में पानी की धार ज्यादा होने से नदी का बड़ा फ्लो एनीकट में होता है. स्थानीय लोगों के मुताबिक करीब 40 गांव के लोग रोज यहां से होकर गुजरते हैं. हर दिन ये गांव वाले उफनते एनीकट को पार कर अपने काम को पूरा करते हैं. किसी भी दिन यहां बड़ा हादसा हो सकता है. सालों से गांव वाले यहां पर पुल बनाने की मांग कर रहे हैं.
जान जोखिम में डालकर मेंढकी नदी पर बने एनिकट को पार कर रहे लोग: गांव वालों का कहना है कि ''यहां से होकर जाना खतरनाक है लेकिन अब उनको इस बात की आदत पड़ गई है. चालीस से भी ज्यादा गांवों के लोग हर दिन इसी तरह से यहां से पार होते हैं. पूरे दिन यहां पर पार होने वाले लोगों की कतार लगी होती है. नदी पर पुल बनाने की आधारशिला कई बार रखी गई लेकिन पुल आज तक नहीं बन पाया. अफसरों की लेतलतीफी का खामियाजा यहां के लोगों को भुगतना पड़ा रहा है''
बारिश के दिनों में बढ़ जाता है जलस्तर: गांव वालों का आरोप है कि पुल बनाने के नाम पर उनको बार बार आश्वासन दिया जाता है. पिछले कई सालों से वो इस दिक्कत को झेलते आ रहे हैं. शुक्रवार को भी गांव वाले रोजमर्रा का सामान लेने के लिए कोयलीबेड़ा साप्ताहिक बाजार गए थे. लौटने के दौरान नदी का जलस्तर बढ़ गया. लोगों को गांव तो लौटना ही था लिहाजा लोगों ने जान जोखिम में डालकर एनीकट को पार किया.