गिरिडीह: जिले के बगोदर प्रखंड अंतर्गत जरमुन्ने के ग्रामीण निजी खर्च से सड़क बा रहे हैं. यह वो सड़क है जो सर्वे में दर्ज है मगर उसका अस्तित्व मिटता जा रहा था. सड़क नहीं होने के कारण मुक्तिधाम जाने के समय ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ता था. मिट्टी भरकर सड़क का निर्माण किया जा रहा है. जिसमें अबतक 70 हजार रुपए खर्च हो चुके हैं.
बताया जाता है कि लगभग एक किमी सड़क का निर्माण किया जा रहा है. सड़क निर्माण के लिए गांव के तीन लोगों ने रैयती जमीन भी दी है. जेसीबी मशीन लगाकर पहले वहां सड़क का निर्माण किया गया है, जहां सड़क का अस्तित्व मिट चुका था. जहां सड़क का अस्तित्व बचा है वहां फिलहाल सड़क निर्माण के लिए मिट्टी खुदाई कर सीमांकन किया गया है.
बताया जाता है कि इमली पेड़ होकर तरयनवा नदी स्थित मुक्तिधाम है. स्थानीय मनीष कुमार साहू ने बताया कि गांव के लोगों की मृत्यु होने पर शव का अंतिम संस्कार के लिए मुक्तिधाम जाने के लिए सड़क नहीं होने से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ता था. इसे देखते हुए ग्रामीणों ने पहले बैठक की और सड़क निर्माण के लिए सर्वे के सड़क की जमीन की मापी कराई गई और फिर सामाजिक संगठन के द्वारा निजी खर्च से सड़क निर्माण कार्य शुरु किया गया. सड़क निर्माण कार्य में सामाजिक संगठन के लोगों सहित ग्रामीणों का सहयोग रहा.
इधर स्थानीय निवासी और भाजपा के मंडल अध्यक्ष अशोक सोनी ने सड़क निर्माण होने पर खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि निर्मित सड़क पीसीसी हो, इसके लिए उनका प्रयास होगा. केंद्रीय मंत्री सह कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी से इसके लिए पहल किए जाने की मांग करेंगे, ताकि बेहतर सड़क का निर्माण हो सके.
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