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अबुआ आवास योजना में गड़बड़ी, ग्रामीणों ने मुखिया और वार्ड सदस्य पर पैसे उगाही का लगाया आरोप - Disturbances in Abua awas yojana

Abua Awas Yojana. देवघर में कचुवाबांक पंचायत के ग्रामीणों ने सारठ के प्रखंड विकास पदाधिकारी के कार्यालय में शिकायत की है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वैसे लोगों को अबुआ आवास योजना का लाभ मिल रहा है जो इसकी श्रेणी में नहीं आते हैं और जिन लोगों को इसकी आवश्यकता है वह अभी तक इस योजना से वंचित हैं.

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ग्रामीणों के हाथ में शिकायत आवेदन (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 26, 2024, 6:09 PM IST

देवघर: झारखंड सरकार के द्वारा 'अबुआ आवास' योजना की शुरुआत की गई, जिसके अंतर्गत राज्य के गरीब लोगों को तीन कमरों का पक्के का मकान बनाकर दी जाती है. इस योजना को झारखंड सरकार के द्वारा महत्वाकांक्षी योजना के रूप में देखी जाती है. लेकिन देवघर जिले में इस योजना को लेकर लाभुकों द्वारा गबन और उगाही का आरोप लगाया गया है. दरअसल, देवघर जिले के कचुवाबांक पंचायत के ग्रामीणों ने सारठ के प्रखंड विकास पदाधिकारी के कार्यालय में आवेदन देकर शिकायत की है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि वैसे लोगों को अबुआ आवास योजना का लाभ मिल रहा है जो इसकी श्रेणी में नहीं आते हैं और जिन लोगों को सच में इस योजना की आवश्यकता है वह अभी तक इस योजना से वंचित हैं.

संवाददाता हितेश चौधरी की रिपोर्ट (ETV BHARAT)

शिकायत लेकर ब्लॉक पहुंचे ग्रामीण

अपनी शिकायत लेकर ब्लॉक पहुंचे एमडी नियाज मिर्जा ने कहा कि अबुआ आवास योजना की जब पहली सूची आई थी तो उसमें भी गड़बड़ी देखने क्यों मिली. इसे लेकर तत्कालीन सारठ के बीडीओ से शिकायत भी की गई थी. इसके बावजूद कुछ दिन पहले जब दूसरी सूची आई तो उसमें भी वैसे लोगों को इस योजना का लाभ दिया गया, जो आर्थिक रूप से मजबूत है. जिन्हें सच में आवास की आवश्यकता है वे बेचारे आज भी मिट्टी के मकान में रह रहे हैं. वैसे लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

वहीं, एक अन्य शिकायतकर्ता का कहना है कि इस योजना में पंचायत सचिव मुखिया पंचायत समिति और वार्ड सदस्यों द्वारा लाभुकों से 20,000-25,000 रुपये तक रिश्वत ली जाती है और घूस लेने के बाद सूची में अयोग्य लोगों का नाम जोड़ दिया जाता है. जबकि एक अन्य शिकायतकर्ता ने बताया कि यदि इसी तरह अबुआ आवास योजना में गड़बड़ी होती रही तो जो वाजिब लाभुक है वह इस योजना से वंचित रह जाएंगे.

जांच के लिए की जाएगी टीम गठित

इधर, लोगों की शिकायत मिलने के बाद सारठ ब्लॉक के प्रखंड विकास पदाधिकारी चंदन कुमार सिंह ने कहा कि जो भी आरोप लगाए गए हैं, उसकी जांच के लिए एक टीम का गठन किया जाएगा. यदि लगाया गया आरोप सही साबित होता है तो दोषी लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने ग्रामीणों को जानकारी देते हुए कहा कि यदि कोई लाभुक इस योजना से वंचित रह गया है तो जल्द शुरुआत होने वाली आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार कार्यक्रम में आकर अबुआ आवास योजना के लिए अप्लाई कर सकते हैं.

अबुआ आवास योजना की शुरुआत

बता दें कि वर्ष 2023 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस योजना की शुरुआत की थी. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो लाभुक वंचित रह गए थे, वैसे लाभुकों को राज्य सरकार के अबुआ आवास योजना के तहत पक्का मकान देने की बात कही गई. लेकिन जिस तरह से सारठ प्रखंड में अबुआ आवास योजना में गड़बड़ी देखने को मिल रही है, ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि इस योजना को समाज के अंतिम पायदान पर बैठे लोगों तक पहुंचाने के लिए और भी पारदर्शिता से काम करने की आवश्यकता है.

ये भी पढ़ें: अबुआ आवास योजना की पैनी नजरः डीडीसी ने किया विभिन्न प्रखंडों का निरीक्षण, गायब मिले बीडीओ व कर्मचारी

ये भी पढ़ें: देवघर के युवाओं को निशुल्क ट्रेनिंग के माध्यम से बनाया जा रहा मजबूत, होमगार्ड जवान का सराहनीय प्रयास

देवघर: झारखंड सरकार के द्वारा 'अबुआ आवास' योजना की शुरुआत की गई, जिसके अंतर्गत राज्य के गरीब लोगों को तीन कमरों का पक्के का मकान बनाकर दी जाती है. इस योजना को झारखंड सरकार के द्वारा महत्वाकांक्षी योजना के रूप में देखी जाती है. लेकिन देवघर जिले में इस योजना को लेकर लाभुकों द्वारा गबन और उगाही का आरोप लगाया गया है. दरअसल, देवघर जिले के कचुवाबांक पंचायत के ग्रामीणों ने सारठ के प्रखंड विकास पदाधिकारी के कार्यालय में आवेदन देकर शिकायत की है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि वैसे लोगों को अबुआ आवास योजना का लाभ मिल रहा है जो इसकी श्रेणी में नहीं आते हैं और जिन लोगों को सच में इस योजना की आवश्यकता है वह अभी तक इस योजना से वंचित हैं.

संवाददाता हितेश चौधरी की रिपोर्ट (ETV BHARAT)

शिकायत लेकर ब्लॉक पहुंचे ग्रामीण

अपनी शिकायत लेकर ब्लॉक पहुंचे एमडी नियाज मिर्जा ने कहा कि अबुआ आवास योजना की जब पहली सूची आई थी तो उसमें भी गड़बड़ी देखने क्यों मिली. इसे लेकर तत्कालीन सारठ के बीडीओ से शिकायत भी की गई थी. इसके बावजूद कुछ दिन पहले जब दूसरी सूची आई तो उसमें भी वैसे लोगों को इस योजना का लाभ दिया गया, जो आर्थिक रूप से मजबूत है. जिन्हें सच में आवास की आवश्यकता है वे बेचारे आज भी मिट्टी के मकान में रह रहे हैं. वैसे लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

वहीं, एक अन्य शिकायतकर्ता का कहना है कि इस योजना में पंचायत सचिव मुखिया पंचायत समिति और वार्ड सदस्यों द्वारा लाभुकों से 20,000-25,000 रुपये तक रिश्वत ली जाती है और घूस लेने के बाद सूची में अयोग्य लोगों का नाम जोड़ दिया जाता है. जबकि एक अन्य शिकायतकर्ता ने बताया कि यदि इसी तरह अबुआ आवास योजना में गड़बड़ी होती रही तो जो वाजिब लाभुक है वह इस योजना से वंचित रह जाएंगे.

जांच के लिए की जाएगी टीम गठित

इधर, लोगों की शिकायत मिलने के बाद सारठ ब्लॉक के प्रखंड विकास पदाधिकारी चंदन कुमार सिंह ने कहा कि जो भी आरोप लगाए गए हैं, उसकी जांच के लिए एक टीम का गठन किया जाएगा. यदि लगाया गया आरोप सही साबित होता है तो दोषी लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने ग्रामीणों को जानकारी देते हुए कहा कि यदि कोई लाभुक इस योजना से वंचित रह गया है तो जल्द शुरुआत होने वाली आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार कार्यक्रम में आकर अबुआ आवास योजना के लिए अप्लाई कर सकते हैं.

अबुआ आवास योजना की शुरुआत

बता दें कि वर्ष 2023 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस योजना की शुरुआत की थी. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो लाभुक वंचित रह गए थे, वैसे लाभुकों को राज्य सरकार के अबुआ आवास योजना के तहत पक्का मकान देने की बात कही गई. लेकिन जिस तरह से सारठ प्रखंड में अबुआ आवास योजना में गड़बड़ी देखने को मिल रही है, ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि इस योजना को समाज के अंतिम पायदान पर बैठे लोगों तक पहुंचाने के लिए और भी पारदर्शिता से काम करने की आवश्यकता है.

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