फर्रुखाबादः जिले में नवाबगंज थाना क्षेत्र के ग्राम उखरा में अवैध निर्माण गिराये जाने के बाद दो दिनों से बवाल चल रहा है. जहां अखिलेश यादव ने ट्वीट कर भाजपा सरकार को घेरा था. वहीं, सोमवार को लेखपालों की टीम पुलिस और अधिकारियों के साथ जांच करने पहुंची थी. तभी आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस की मौजूदगी में लेखपालों को दौड़ा-दौड़ा कर पीट दिया. पुलिस ने बमुश्किल लेखपालों को बचाया.. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. वहीं, साथियों की पिटाई से आक्रोशित लेखपाल संघ ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के साथ ही उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर थाने का घेराव कर दिया. आरोपियों के खिलाफ तहरीर दी गयी है. पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
जानकारी के मुताबिक, थाना नवाबगंज के ग्राम उखरा में करीब 25 से अधिक मकान ग्राम सभा की भूमि पर बने थे, उन्हें ध्वस्त कर दिया गया था. ग्रामीणों का आरोप था कि उन्हें पहले से कोई नोटिस नहीं दिया गया. बिना नोटिस दिये मकान गिरा दिये गये. सोमवार को बीजेपी के पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष मोनिका यादव व सचिन यादव के साथ ही जिला पंचायत सदस्य यशवीर आर्य आदि ग्रामीणों के बीच पंहुचे. इसी दौरान पुलिस ग्रामीणों से वार्ता कर रही थी कि अचानक ग्रामीण मौके पर मौजूद उखरा लेखपाल रूद्र प्रताप सिंह व सौरभ पाण्डेय के ऊपर हमलावर हो गये.
ग्रामीणों ने दोनों लेखपालों को खेतों में दौड़ाकर व जमीन पर गिराकर मारपीट कर दी. जिससे लेखपाल चोटिल हो गये. मारपीट के दौरान पुलिस मौके पर मौजूद थी. सीओ अरुण कुमार और अन्य पुलिस बल ने बमुश्किल भीड़ को किनारे किया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया. लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष अजीत द्विवेदी ने बताया कि दो लेखपाल के साथ ग्रामीणों ने मारपीट की है. इसके साथ ही उनके अभिलेख लूट लिए गये. साथियों को चोटें भी आयीं हैं. जब तक मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती लेखपाल संघ थाने में ही डटा रहेगा.
ये है प्रतिशोध से भरी भाजपाई राजनीति का वीभत्स चेहरा। भाजपा बसे-बसाये घरों को गिराकर सुख पाती है। जिन्होंने अपने घर नहीं बसाये, पता नहीं वो दूसरों के घर गिराकर किस बात का बदला लेते हैं। हर गिरते घर के साथ भाजपा भी और भी नीचे गिर जाती है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 29, 2024
अमृतकाल के सूचनार्थ : आज लोकसभा… pic.twitter.com/pvA5YkZoLN
बता दें कि कासखंड मोहम्मदाबाद की ग्राम पंचायत उखरा में करीब 80 बीघा बंजर जमीन थी. इसी जमीन पर शासन ने बिजली केंद्र के लिए आवंटित किया है. अलॉट किए जमीन में से करीब 30 बीघा जमीन पर गांव के ही 30 से अधिक लोगों ने कब्जा कर पक्के मकान बना लिए है. जमीन को जिला प्रशासन की ओर से खाली करने के निर्देश दिए गए थे. लेकिन ग्रामीण जमीन खाली करने के लिए तैयार नहीं हुए. इसके बाद शनिवार को एसडीम सदर, तहसीलदार सदर, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक लेखपाल सहित राजस्व कर्मी नवाबगंज, शमशाबाद, मोहम्मदाबाद थाना के पुलिस बल के साथ पहुंचे और बुलडोजर से मकान को ध्वस्त कर दिया था. जिसके बाद से ही ग्रामीणों में आक्रोश है.