दौसा. जिले के मेहंदीपुर बालाजी थाना क्षेत्र के नांदरी गांव में 29 अप्रैल को एक महिला से दुष्कर्म और हत्या के आरोपी सहित परिवार के 4 घरों को गुस्साए ग्रामीणों ने गुरुवार रात पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया. घटना के बाद पीड़ित परिवार भयभीत है और गांव से पलायन करने को मजबूर है. परिजनों ने अपने जले हुए आशियाने से बचे हुए सामान को पुलिस की मौजूदगी में बाहर निकालकर अपने-अपने रिश्तेदारों के यहां शरण ली है. दौसा एसपी रंजिता शर्मा ने बताया कि आगजनी करने वाले 10 आरोपी भी झुलसे हैं. वहीं इस मामले में 15 आरोपियों को हिरासत में लिया गया है.
पुलिस पर किया पथराव: मामले की सूचना के बाद बालाजी थाना प्रभारी गौरव प्रधान नांदरी गांव पहुंचे. जहां समझाइश के दौरान उनकी ग्रामीणों से कहासुनी हो गई. इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर दिया. जिससे बालाजी थाने की 112 नंबर गाड़ी के शीशे टूट गए. साथ ही पुलिस का रास्ता रोकने के लिए ग्रामीणों ने रास्ते में बड़ी लकड़ियां पटक दीं. पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए बड़ी मुश्किल से मौके से भागकर अपनी जान बचाई.
पथराव के दौरान कई पुलिसकर्मियों के चोट भी आई हैं. एसपी रंजिता शर्मा ने बताया कि पथराव की घटना में 2 पुलिसकर्मियों के चोट आई है. वहीं मामले की सूचना मिलने के बाद एसपी रंजिता शर्मा, एडिशनल एसपी दिनेश अग्रवाल सहित जिले के कई बड़े अधिकारी गांव में पहुंच गए. साथ ही स्थिति की गंभीरता को देखते हुए गांव में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.
दरअसल, 27 अप्रैल को थाना क्षेत्र के नांदरी गांव से एक महिला रात को घर से बाहर खेत पर पशुओं के लिए तूड़ा लेने गई थी. इस दौरान वह लापता हो गई. इस संबंध में महिला के पति ने गांव के ही जगराम मीना पर अपनी पत्नी को गायब करने का संदेह जताते हुए 28 अप्रैल को पत्नी की गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज करवाई थी.
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29 अप्रैल को मिला महिला का क्षत-विक्षत शव: पुलिस ने महिला की गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कर तलाश शुरू कर दी. लेकिन महिला का कहीं पता नहीं चला. पुलिस कार्रवाई से नाराज ग्रामीण 29 अप्रैल को बालाजी थाने पहुंचे. लेकिन थाना प्रभारी ने मामले में जल्द कार्रवाई का आश्वासन देकर ग्रामीणों को वापस भेज दिया. 29 अप्रैल की दोपहर को पुलिस को सूचना मिली कि, एक महिला का शव नांदरी गांव में पहाड़ी की तलहटी में क्षत-विक्षत हालत में पड़ा हुआ है.
दौसा एसपी रंजिता शर्मा ने बताया कि मामले की सूचना मिलने पर बालाजी थाना पुलिस को मौके पर भेजा गया. महिला की शिनाख्त गुमशुदा हुई महिला के रूप में हुई. वहीं मामले में महिला के पति ने आरोपी जगराम मीना के खिलाफ पत्नी के साथ दुष्कर्म और हत्या का मामला दर्ज कराया. जिसके चलते पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस के अनुसार मृतक महिला 6 माह की गर्भवती थी. जिससे गर्भस्थ शिशु की भी मौत हो गई थी.
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हत्या के आरोपी को गांव से निकालने का फैसला: वहीं स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महिला की हत्या से गुस्साए ग्रामीणों ने गुरुवार को एक पंचायत बुलाई. जिसमें हत्या के आरोपी को गांव में नहीं रहने देने का फरमान जारी हुआ. जिसके चलते गुरुवार रात को करीब 10 बजे बड़ी संख्या में गुस्साए ग्रामीण आरोपी जगराम के घर पहुंचे. ग्रामीणों ने पेट्रोल डालकर हत्या के आरोपी और उसके परिवार के घरों को आग के हवाले कर दिया. साथ ही लाठी-डंडों और सब्बलों से जमकर तोड़फोड़ की. इस दौरान आरोपी जगराम मीना सहित उसके परिवार के तीन घरों को आग के हवाले कर दिया. ऐसे में घरों में रखा लाखों का सामान जलकर राख हो गया. वहीं घर में खड़ी एक बाइक भी जल गई.
कर्ज के तीन लाख रुपए भी जले: महिला की हत्या के आरोपी जगराम की मौसी ललिता ने बताया कि मृतक महिला के परिवार और गांव वालों ने घर में आग लगा दी. इस घटना को अंजाम देने में खुद के परिवार के कुछ सदस्य भी शामिल हैं. महिला ने बताया कि कुछ दिन पूर्व ही घरेलू काम के लिए किसी से 3 लाख रुपए का कर्ज लिया था. ऐसे में वो पैसे भी आगजनी के दौरान जल गए. साथ ही दो बेटियों के जेवर भी आग की भेंट चढ़ गए. लेकिन हमले की सूचना मिलने से परिजन घर छोड़कर भाग गए. जिससे उनकी जान बच गई.
गांव से पलायन करने को मजबूर पीड़ित परिवार: आक्रोशित ग्रामीणों का गुस्सा यहीं शांत नहीं हुआ. हत्या के आरोपी जगराम के ठिकरिया रोड़ पर स्थित घरों में आग लगाने के बाद ग्रामीण गांव में स्थित आरोपी जगराम के ताऊ के खेत में बने घर पहुंच गए. वहां भी ग्रामीणों ने जमकर उत्पात मचाया. इस दौरान ग्रामीणों ने घर में जमकर तोड़फोड़ की वारदात को अंजाम दिया. साथ ही यहां भी पेट्रोल डालकर घर को आग के हवाले कर दिया. जिससे घर में रखी बाइक सहित कई कीमती सामान और एक जुगाड़ जलकर राख हो गया.
आगजनी की घटना को अंजाम देने वाले कई ग्रामीण खुद भी झुलस गए, जिनका जयपुर में इलाज जारी है. हत्या के आरोपी जगराम की ताई चमेली देवी ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा वारदात को अंजाम देने की सूचना मिलने के चलते हम सभी परिवार के लोग जंगलों की तरफ भाग गए थे. जिसके चलते हमारी जान बच गई. उन्होंने बताया कि महिला की हत्या के आरोपी जगराम से हमने रिश्ता खत्म कर दिया था. उसके बाद भी ग्रामीणों ने हमें बेघर कर दिया. गांव के पंच-पटेल अब हमें गांव में रहने नहीं देंगे. इसलिए हम गांव छोड़कर अपनी रिश्तेदारों के यहां शरण लेने जा रहे हैं.
एक दर्जन से अधिक आरोपी हिरासत में: मामले में दौसा एसपी रंजिता शर्मा ने बताया कि आग लगाने की घटना को अंजाम देने वाले 10 आरोपी भी झुलसे हैं, जिनका उपचार जारी है. वहीं 15 आरोपियों को हिरासत में लिया गया है. साथ ही कई आरोपियों को चिन्हित किया गया है. ऐसे में पीड़ित परिवार की ओर से रिपोर्ट लेकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल पुलिस ने शुक्रवार दोपहर को बड़ी संख्या में जाप्ते के साथ पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया है.