झांसी: जिले में पिछले पांच सालों से हर घर जल योजना को लेकर जनप्रतिनिधियों नेताओं ने जितनी अपनी पीठ थपथपाई. उतना ही खामियाजा उनको अब जनता के विरोध के रूप में देखना पड़ रहा है. यही कारण है की हर तरफ से समस्याओं से जूझती जनता से वोट मांगने के लिए प्रत्याशी उनके द्वार नहीं पहुंच पा रहे है.कोतवाली क्षेत्र के वार्ड नंबर 38 के अलीगोल सराय मोहल्ला में रहने वाले पिछले तीस वर्षों से जनप्रतिनिधियों, जल निगम और जल संस्थान की उपेक्षा से इतने नाराज हैं. उन्होंने अपने दरवाजे और गली मोहल्लों में पानी नहीं तो वोट नहीं के बड़े बड़े बैनर लगा दिए है, जिससे प्रशासन की सांसे फूली हुई है.
किशोरी ने कहा, कि एक ओर जहां हर घर नल हर घर जल पहुंचाने का दावा किया जा रहा है. यह मोहल्ला इस योजना से आजतक अछूता ही रहा है. यह जरूर है, कि जिला प्रशासन टैंकरों द्वारा लगातार पानी उन क्षेत्रों में पहुंचाया जा रहा है, जहां घरों के नलों में पानी नहीं आ रहा है. उन्होंने कहा, कि टैंकरों में इतना गन्दा पानी आता है की पीना तो दूर की बात उससे कपड़े भी नहीं धोए जा सकते है.
किशोरी ने कहा, कि टैंकर इतना गन्दा पानी लेकर आते है की इस्तेमाल करने से बच्चों और बड़ों के शरीर में इंफेक्शन हो जाता है. जिसके बाद उनको अस्पताल के चक्कर लगाना पड़ते है. इसलिए अब नेता वोट मांगने के लिए यहां की जनता से नजरें भी नहीं मिला पा रहे है. गलियों में न घुसकर बाहर के बाहर ही निकल जाते है. इस लोकसभा चुनाव में सभी ने एकजुट होकर जल नहीं तो वोट नहीं के पोस्टर बैनर पूरे मोहल्ले में लगा दिए हैं.
इसी इलाके की दूसरी महिला परवीन ने बताया कि, हमारे और पड़ोस के मोहल्ले में करीब 10 हजार से ज्यादा की तादाद में लोग रहते है. उनकी शादी को तीस साल हो गए, तभी से वह पानी की भीषण समस्या इस इलाके में देख रही है. शादी के बाद से ही दूर दूर जाकर पानी भरने के बाद इस्तेमाल कर रही है. परवीन का कहना है कि पानी की समस्या को लेकर वह लोग कई बार खाली बर्तन लेकर प्रदर्शन भी कर चुके हैं. हर बार उन्हें आश्वासन ही मिलता है. समस्या का समाधान नहीं होता. टैंकर से होने वाली पानी की सप्लाई से पूर्ति नहीं हो पाती. उस पर दबंग कब्जा कर लेते हैं. उन्होंने कहा इस बार सभी ने मन बना लिया है कि जल नहीं तो वोट नहीं. उन्होंने कहा की जैसे पांच साल हर घर नल योजना के पोस्टर उनके गली मोहल्लों में लगाए गए. इस बार हम तभी वोट करेंगे जब उनकी पानी की समस्या का कोई स्थाई समाधान नहीं निकाला जाता।फिलहाल सूचना मिलते ही अधिकारियों में हड़कंप मच गया।