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पहाड़ का दर्द! बीमार महिला को डंडी कंडी से 6 किमी पैदल चलकर पहुंचाया अस्पताल, लंबे समय से कर रहे रोड की मांग - Kamra Village Road Problem

Uttarkashi Kamra Village पहाड़ के कई गांव सड़क सुविधा से महरूम हैं. जहां लोगों को आए दिन मीलों का सफर पैदल तय करना पड़ता है. स्थिति तब विकराल हो जाती है, जब गांव में कोई बीमार हो जाता है. तब ग्रामीण डंडी कंडी के सहारे मरीज को रोड तक पहुंचाते हैं.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 30, 2024, 3:20 PM IST

Updated : Mar 30, 2024, 5:49 PM IST

बीमार महिला को डंडी कंडी से पहुंचाया हॉस्पिटल

उत्तरकाशी: पुरोला ब्लॉक के अनुसूचित जाति बाहुल्य कामरा गांव के लोग सड़क और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित हैं. वहीं बीती रात सड़क के अभाव में गांव की एक बीमार महिला को परिजनों ने पीठ पर उठाकर मोबाइल और लालटेन की रोशनी में छह किमी जंगल का रास्ता पारकर सड़क तक पहुंचाया. जहां से महिला को 108 वाहन के जरिए सीएचसी नौगांव में भर्ती कराया गया.

बीमार को कंडी डंडी के सहारे पहुंचाया अस्पताल: बीते दिन कामरा गांव की सरोज पत्नी प्रकाश उम्र 25 वर्ष का स्वास्थ्य अचानक खराब हो गया. जिस पर परिजनों ने बीमार सरोज को पीठ पर उठा कर मोबाइल और लालटेन की रोशनी के सहारे छह किमी लंबा जंगली रास्ता पारकर घरसाड़ मोटर मार्ग तक पहुंचाया. उसके बाद बीमार महिला को 108 वाहन के जरिये 18 किमी दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगांव में भर्ती करवाया गया. इस प्रक्रिया में परिजनों को करीब तीन से चार घंटे लग गए. महिला की स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे हायर सेंटर देहरादून रेफर कर दिया. डेढ़ माह के अंदर यह चौथी घटना है. जब बीमार व्यक्ति को पीठ पर या कंडी के सहारे घरसाड़ मोटर मार्ग तक पहुंचाने के बाद नौगांव अस्पताल में भर्ती करवाया गया.

सड़क सुविधा से महरूम है गांव: ग्राम प्रधान कामरा जगदीश कुमार ने बताया कि वह स्वयं बीमार महिला के साथ थे, रात को रास्ते मे जंगली जानवरों का भी भय बना हुआ था. बीमार महिला को मोबाइल और लालटेन की रोशनी के सहारे मोटर मार्ग तक पहुंचाना पड़ा, गांव तक सड़क होती तो यह सब परेशानी नहीं उठानी पड़ती. डेढ़ माह में ऐसी चार घटनाएं हो चुकी हैं. बावजूद गांव को सड़क से जोड़ने के लिए कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

इससे पहले भी हो चुकी हैं कई घटनाएं: इससे पूर्व भी कामरा गांव की सिमरन पत्नी अजय कुमार को प्रसव पीड़ा हुई. रात भर गांव में रख कर सुबह ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गई डंडी कंडी की मदद से महिला को गढ़सार तक पहुंचाया. जहां से 108 सेवा के जरिए गर्भवती को सीएचसी नौगांव पहुंचाया गया. वहीं एक हफ्ते पहले भी चोटिल होने पर एक महिला को पीठ पर उठाकर सड़क मार्ग तक पहुंचाया गया. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में ऐसी घटनाएं आए दिन होती है. लेकिन सड़क न होने से बीमार व गर्भवती महिलाओं को लाने में भारी दिक्कतें होती हैं. कामरा गांव निवासी सुरेश कुमार ने कहा कि 12 मार्च को कामरा गांव की अंजू छानियों में गई थी. वहां गिरने से अंजू चोटिल हुई और उसके सिर पर गंभीर चोट आई. ग्रामीणों और स्वजन ने अंजू को सड़क मार्ग तक पहुंचाया. जिसके बाद वाहन के जरिए अस्पताल लेकर गए, जहां उसका इलाज हुआ.

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बीमार महिला को डंडी कंडी से पहुंचाया हॉस्पिटल

उत्तरकाशी: पुरोला ब्लॉक के अनुसूचित जाति बाहुल्य कामरा गांव के लोग सड़क और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित हैं. वहीं बीती रात सड़क के अभाव में गांव की एक बीमार महिला को परिजनों ने पीठ पर उठाकर मोबाइल और लालटेन की रोशनी में छह किमी जंगल का रास्ता पारकर सड़क तक पहुंचाया. जहां से महिला को 108 वाहन के जरिए सीएचसी नौगांव में भर्ती कराया गया.

बीमार को कंडी डंडी के सहारे पहुंचाया अस्पताल: बीते दिन कामरा गांव की सरोज पत्नी प्रकाश उम्र 25 वर्ष का स्वास्थ्य अचानक खराब हो गया. जिस पर परिजनों ने बीमार सरोज को पीठ पर उठा कर मोबाइल और लालटेन की रोशनी के सहारे छह किमी लंबा जंगली रास्ता पारकर घरसाड़ मोटर मार्ग तक पहुंचाया. उसके बाद बीमार महिला को 108 वाहन के जरिये 18 किमी दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगांव में भर्ती करवाया गया. इस प्रक्रिया में परिजनों को करीब तीन से चार घंटे लग गए. महिला की स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे हायर सेंटर देहरादून रेफर कर दिया. डेढ़ माह के अंदर यह चौथी घटना है. जब बीमार व्यक्ति को पीठ पर या कंडी के सहारे घरसाड़ मोटर मार्ग तक पहुंचाने के बाद नौगांव अस्पताल में भर्ती करवाया गया.

सड़क सुविधा से महरूम है गांव: ग्राम प्रधान कामरा जगदीश कुमार ने बताया कि वह स्वयं बीमार महिला के साथ थे, रात को रास्ते मे जंगली जानवरों का भी भय बना हुआ था. बीमार महिला को मोबाइल और लालटेन की रोशनी के सहारे मोटर मार्ग तक पहुंचाना पड़ा, गांव तक सड़क होती तो यह सब परेशानी नहीं उठानी पड़ती. डेढ़ माह में ऐसी चार घटनाएं हो चुकी हैं. बावजूद गांव को सड़क से जोड़ने के लिए कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

इससे पहले भी हो चुकी हैं कई घटनाएं: इससे पूर्व भी कामरा गांव की सिमरन पत्नी अजय कुमार को प्रसव पीड़ा हुई. रात भर गांव में रख कर सुबह ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गई डंडी कंडी की मदद से महिला को गढ़सार तक पहुंचाया. जहां से 108 सेवा के जरिए गर्भवती को सीएचसी नौगांव पहुंचाया गया. वहीं एक हफ्ते पहले भी चोटिल होने पर एक महिला को पीठ पर उठाकर सड़क मार्ग तक पहुंचाया गया. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में ऐसी घटनाएं आए दिन होती है. लेकिन सड़क न होने से बीमार व गर्भवती महिलाओं को लाने में भारी दिक्कतें होती हैं. कामरा गांव निवासी सुरेश कुमार ने कहा कि 12 मार्च को कामरा गांव की अंजू छानियों में गई थी. वहां गिरने से अंजू चोटिल हुई और उसके सिर पर गंभीर चोट आई. ग्रामीणों और स्वजन ने अंजू को सड़क मार्ग तक पहुंचाया. जिसके बाद वाहन के जरिए अस्पताल लेकर गए, जहां उसका इलाज हुआ.

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Last Updated : Mar 30, 2024, 5:49 PM IST
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