संभल : जिले के एक गांव में ग्राम प्रधान पर करीब 5 लाख रुपए का गोवंश के गोबर का पैसा हजम करने का आरोप लगा है. जिलाधिकारी ने इस मामले में आरोपी ग्राम प्रधान को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए जवाब न देने पर कार्रवाई की बात कही है. वहीं, ग्राम पंचायत में 27 लाख रुपए के सरकारी धनराशि के दुरुपयोग मामले में भी डीएम ने कड़ी नाराजगी जताई है.
दरअसल, पूरा मामला संभल विकासखंड क्षेत्र के ग्राम शरीफपुर का है. यहां बीते दिनों गौशाला में छह गोवंशीय पशुओं की मौत हो गई थी, जिसे लेकर जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया था. मौके पर जिले भर के अधिकारी घटना का जायजा लेने के लिए पहुंचे थे. वहीं, इस मामले में डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने लापरवाही मानते हुए ग्राम विकास अधिकारी सौरभ एवं पशुधन प्रसार अधिकारी शुभम को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया था. वहीं, ग्राम प्रधान सुरेंद्र सिंह के खिलाफ भी कार्रवाई की बात कही थी, लेकिन इस बीच ग्राम प्रधान सुरेंद्र सिंह के खिलाफ गौशाला की गायों के गोबर को बेचकर सारा पैसा हजम कर जाने का मामला सामने आया, जिसे लेकर जिलाधिकारी ने गंभीरता दिखाते हुए ग्राम प्रधान को कारण बताओं नोटिस जारी किया है.
जिलाधिकारी डॉ राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि ग्राम शरीफपुर के प्रधान गांव की गौशाला में कोई सहयोग नहीं करते हैं. चारा, भूसा या फिर अन्य कोई सहयोग प्रधान नहीं करते हैं. गांव के सचिव और पशुधन प्रसार अधिकारी सारा कार्य अपने व्यक्तिगत धन से ही कर रहे थे. इसके अलावा गौशाला में गोबर गायब था, जिसे ग्राम प्रधान ने बेच दिया था. आरोप है कि ग्राम प्रधान ने विगत 3 साल से गौशाला में गायों के गोबर को बेचकर उसका पैसा सरकारी खाते में जमा न कर खुद हजम कर लिया. इस गोबर की कीमत पांच लाख रुपए बताई गई है.
डीएम ने बताया कि इसे लेकर उनके द्वारा एक नोटिस जारी किया गया है. नियम के मुताबिक, 15 दिन के भीतर ग्राम प्रधान को नोटिस का जवाब देना है, अगर उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया तो एक अंतिम नोटिस और दिया जाएगा. अगर इसके बावजूद गौशाला में मौजूद कमियों को नहीं सुधारा गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. वहीं, डीएम ने बताया कि बीते दिन गौशाला को लेकर उन्होंने जिले भर के अधिकारियों की मीटिंग ली थी. इसके तहत जिले की सभी गौशालाओं को प्रदेश की मॉडल गौशाला में तब्दील किया जाए. दरअसल, आपको बता दें कि शरीफपुर के प्रधान सुरेंद्र सिंह पर आरोप है कि वह मनमाने ढंग से गांव की गौशाला में केयरटेकर को बदल देते हैं. वर्ष 2024 में ही ग्राम प्रधान ने पांच केयरटेकर बदल दिए, जिसमें तीन केयर टेकरों का मानदेय का भुगतान नहीं किया गया, जबकि दो का खाता नहीं खुलने की वजह से मानदेय नहीं दिया गया.
डीएम ने बताया कि एडीओ पंचायत संभल की रिपोर्ट के अनुसार, ग्राम पंचायत शरीफपुर में राज्य एवं 15 वित्त आयोग से वर्ष 2021-22 में 850341 रुपए, वर्ष 2022-23 में 891907 रुपए और वर्ष 2023-24 में 10 लाख 759 रुपए की धनराशि प्राप्त हुई थी, लेकिन सचिव और ग्राम प्रधान इस धनराशि के संबंध में कोई भी अभिलेख नहीं दिखा पाए, ऐसे में ग्राम पंचायत द्वारा धनराशि दुरुपयोग की गई है. डीएम ने बताया कि इन्हीं सब को लेकर ग्राम प्रधान को कारण बताओ नोटिस दिया गया है, जिसके बाद हड़कंप मचा हुआ है.
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