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सोलर डिहाइड्रेशन तकनीक से अब किसानों को फसलों के मिलेंगे मनचाहे दाम, होंगे मालामाल - SOLAR DEHYDRATION TECHNOLOGY

IIT कानपुर के विशेषज्ञों ने सोलर डिहाइड्रेटेड मशीन तैयार की.

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अब किसान सौर ऊर्जा से फल और सब्जियों को सुखाकर पाउडर फॉर्म में अच्छे दामों पर बेच सकते हैं. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 22, 2025, 12:37 PM IST


कानपुर : अक्सर ऐसा देखने और सुनने को मिलता है कि कई बार किसानों के पास ज्यादा फसल होती है, लेकिन बाजार में अच्छा मूल्य नहीं मिलता, जिससे वे नाराज होकर फसलें सड़कों पर फेंक देते हैं. इस समस्या का समाधान IIT कानपुर के विशेषज्ञों ने सोलर डिहाइड्रेटेड मशीन से किया है. यह मशीन सौर ऊर्जा से फल और सब्जियों को सुखाकर बिना किसी हानिकारक पदार्थ के फसल को सुरक्षित रूप से सुखाती है. इसके बाद किसान अपनी फसलों को पाउडर फॉर्म में अच्छे दामों पर बेच सकते हैं.


IIT कानपुर में प्रशिक्षण शुरू: आईआईटी कानपुर में रणजीत सिंह रोजी शिक्षा केंद्र की प्रभारी डॉक्टर रीता सिंह ने बताया, आईआईटी कानपुर में सोलर डिहाइड्रेटेड मशीन से फसलों को सुखाने की प्रक्रिया संबंधी प्रशिक्षण किसानों को दिया जा रहा. शिवराजपुर में हरिया नेचर फार्मिंग प्रोड्यूसर कंपनी और लव-कुश एफपीओ के किसान पहले चरण में प्रशिक्षण के दौरान शामिल हुए.

रीता सिंह, प्रभारी रंजीत सिंह रोजी शिक्षा केंद्र (Video Credit; ETV Bharat)

रीता सिंह ने कहा अब IIT कानपुर के साथ मिलकर हम कानपुर में 4 FPO पर यह मशीन लगा रहे. जिसमें किसान आकर पूरी प्रक्रिया की जानकारी बिना किसी शुल्क के ही ले सकते हैं. आने वाले समय में उत्तर प्रदेश के कई शहरों तक इस तकनीक को ले जाएंगे. जल्द ही पूरे देश में भी सोलर डिहाइड्रेटेड तकनीक के माध्यम से किसानों को जोड़ा जाएगा और उनकी फसलें बर्बाद ना हो सकें, वह अपनी फसलों का बेहतर मूल्य ले सकें. इसकी भी जानकारी उन तक पहुंचाई जाएगी. अगर कोई किसान सोलर डिहाइड्रेटेड मशीन को खरीदना चाहता है तो वह इसके लिए IIT कानपुर में संपर्क कर सकता है.


कैसे काम करती है सोलर डिहाइड्रेटेड मशीन: सोलर डिहाइड्रेटेड मशीन को लेकर IIT कानपुर में रंजीत सिंह रोजी शिक्षा केंद्र की प्रभारी डॉक्टर रीता सिंह ने बताया कि इस मशीन में एक एक पैनल और एक स्टील का चेम्बर लगा होता है. इसके बाद ट्रे में सूखी फसलों को रखा जाता है. इस ट्रे को उस पैनल के अंदर रख दिया जाता है फिर उसे सौर ऊर्जा मिलती है. उसके अंदर गर्म हवा होती है, उससे जो उत्पाद है वह पूरी तरीके से डिहाइड्रेटेड हो जाते हैं जबकि अंदर बनने वाला धुआं चिमनी के माध्यम से बाहर चला जाता है. उन्होंने बताया जब हम किसी फसल को सौर ऊर्जा की मदद से सुखाते हैं तो उसमें पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है. फसल खराब होने का खतरा पूरी तरह से टल जाता है.

यह भी पढ़ें : कानपुर जू में पहली बार पर्यटकों को मिलेगा उत्तराखंड जैसा आनंद, शुरू हुआ एडवेंचर पार्क


कानपुर : अक्सर ऐसा देखने और सुनने को मिलता है कि कई बार किसानों के पास ज्यादा फसल होती है, लेकिन बाजार में अच्छा मूल्य नहीं मिलता, जिससे वे नाराज होकर फसलें सड़कों पर फेंक देते हैं. इस समस्या का समाधान IIT कानपुर के विशेषज्ञों ने सोलर डिहाइड्रेटेड मशीन से किया है. यह मशीन सौर ऊर्जा से फल और सब्जियों को सुखाकर बिना किसी हानिकारक पदार्थ के फसल को सुरक्षित रूप से सुखाती है. इसके बाद किसान अपनी फसलों को पाउडर फॉर्म में अच्छे दामों पर बेच सकते हैं.


IIT कानपुर में प्रशिक्षण शुरू: आईआईटी कानपुर में रणजीत सिंह रोजी शिक्षा केंद्र की प्रभारी डॉक्टर रीता सिंह ने बताया, आईआईटी कानपुर में सोलर डिहाइड्रेटेड मशीन से फसलों को सुखाने की प्रक्रिया संबंधी प्रशिक्षण किसानों को दिया जा रहा. शिवराजपुर में हरिया नेचर फार्मिंग प्रोड्यूसर कंपनी और लव-कुश एफपीओ के किसान पहले चरण में प्रशिक्षण के दौरान शामिल हुए.

रीता सिंह, प्रभारी रंजीत सिंह रोजी शिक्षा केंद्र (Video Credit; ETV Bharat)

रीता सिंह ने कहा अब IIT कानपुर के साथ मिलकर हम कानपुर में 4 FPO पर यह मशीन लगा रहे. जिसमें किसान आकर पूरी प्रक्रिया की जानकारी बिना किसी शुल्क के ही ले सकते हैं. आने वाले समय में उत्तर प्रदेश के कई शहरों तक इस तकनीक को ले जाएंगे. जल्द ही पूरे देश में भी सोलर डिहाइड्रेटेड तकनीक के माध्यम से किसानों को जोड़ा जाएगा और उनकी फसलें बर्बाद ना हो सकें, वह अपनी फसलों का बेहतर मूल्य ले सकें. इसकी भी जानकारी उन तक पहुंचाई जाएगी. अगर कोई किसान सोलर डिहाइड्रेटेड मशीन को खरीदना चाहता है तो वह इसके लिए IIT कानपुर में संपर्क कर सकता है.


कैसे काम करती है सोलर डिहाइड्रेटेड मशीन: सोलर डिहाइड्रेटेड मशीन को लेकर IIT कानपुर में रंजीत सिंह रोजी शिक्षा केंद्र की प्रभारी डॉक्टर रीता सिंह ने बताया कि इस मशीन में एक एक पैनल और एक स्टील का चेम्बर लगा होता है. इसके बाद ट्रे में सूखी फसलों को रखा जाता है. इस ट्रे को उस पैनल के अंदर रख दिया जाता है फिर उसे सौर ऊर्जा मिलती है. उसके अंदर गर्म हवा होती है, उससे जो उत्पाद है वह पूरी तरीके से डिहाइड्रेटेड हो जाते हैं जबकि अंदर बनने वाला धुआं चिमनी के माध्यम से बाहर चला जाता है. उन्होंने बताया जब हम किसी फसल को सौर ऊर्जा की मदद से सुखाते हैं तो उसमें पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है. फसल खराब होने का खतरा पूरी तरह से टल जाता है.

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