शिमला: इन दिनों राजधानी शिमला में अवैध मस्जिद निर्माण का मामला गरमाया हुआ है. गुरुवार को शिमला में इसको लेकर विभिन्न संगठनों के लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया. वहीं, लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी इस मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कानून के ऊपर कोई नहीं है. सरकार सांप्रदायिक मुद्दों में नहीं फंसती हैं और ना ही फंसेगी. मस्जिद मामले को लेकर कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी. हिमाचल प्रदेश के बाहर से राज्य में आने वाले लोगों की पहचान रखना जरूरी है. यह सरकार का दायित्व है. इसको लेकर सरकार खास ध्यान रखेगी. यह कदम सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है.
वहीं, मंत्री ने बीते दिन कहा था कि हिमाचल प्रदेश देवभूमि है इसलिए यहां आपसी भाईचारा बनाकर रखना महत्वपूर्ण है. प्रदेश में धर्मांतरण का कानून भी सबसे पहले कांग्रेस सरकार ने लाया था लेकिन यह चिंता का विषय है कि प्रदेश में बाहर के राज्यों से लोग शिमला में रेहड़ी-फड़ी व दुकानें लगाने को आ रहे हैं जिनका पंजीकरण सही तरह से नहीं हो रहा है.
ऐसा भी संशय है कि ये लोग दूसरों की पहचान पर भी कार्य कर रहे हैं जो इन लोगों ने अपने नाम बताए हैं, वे आधार कार्ड के साथ मेल नहीं खाते हैं. यह प्रदेश हित के लिए सही नहीं है. बता दें कि हिमाचल प्रदेश में संजौली मस्जिद विवाद बढ़ता जा रहा है. आज हिंदू संगठनों ने शिमला में संजौली स्थित अवैध मस्जिद निर्माण को गिराने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया. हिंदू संगठनों ने इस दौरान रैली भी निकाली और जमकर नारेबाजी. वहीं, राजधानी में माहौल तनावपूर्ण हो गया है. शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.
बुधवार को संजौली में अवैध मस्जिद का मामला विधानसभा में भी गूंजा था. जिसमें कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने प्रदर्शनकारियों का समर्थन करते हुए अवैध निर्माण को गिराने की बात कही थी. जबकि शिमला शहरी के विधायक हरीश जनारथा का कहना था कि प्रदर्शनकारियों ने बाहर की टेंशन को शिमला अर्बन में ला दिया है. जिससे शिमला शहर का माहौल बिगड़ रहा है.
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