शिमला: संजौली मस्जिद में हुए अवैध निर्माण को तोड़ने का काम शुरू हो गया है. वक्फ बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद संजौली मस्जिद कमेटी ने खुद अवैध निर्माण को गिराने का फैसला लिया था. मारपीट के एक मामले के बाद सुर्खियों में आई संजौली की मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराने का काम सोमवार को शुरू हुआ.
इसको लेकर प्रशासन ने संजौली क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. वहीं, शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मस्जिद के अवैध निर्माण के हिस्से को गिराना कानूनी प्रक्रिया है. मस्जिद कमेटी ने खुद कमिश्नर कोर्ट में अवैध निर्माण के हिस्से को गिराने की बात कही थी जिसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है.
प्रदेश में भाईचारा बनाए रखना हमारा दायित्व
विक्रमादित्य सिंह ने कहा "प्रदेश में आपसी भाईचारे को बनाए रखना और 70 लाख लोगों के हितों की रक्षा करना हमारा दायित्व है. प्रदेश में ऐसा कोई भी माहौल ना बने, जिससे आपसी भाईचारा खराब हो. इसको लेकर हम काम कर रहे हैं. मेरा मस्जिद कमेटी से निवेदन है उन्हें मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराने के लिए जो तीन महीने का टाइम पीरियड मिला है, उसी में इस काम को पूरा करें. मस्जिद कमेटी अगर इस मामले में कोर्ट में अपील करना चाहती है तो कर सकती है. इसके बाद कोर्ट से जो फैसला आता है, उस हिसाब से आगे देखा जाएगा."
मस्जिद कमेटी फाइल कर सकती है एप्लीकेशन
मस्जिद कमेटी ने कहा "अवैध हिस्से को गिराने के लिए हमारे पास पर्याप्त फंड नहीं है. जैसे-जैसे फंड उपलब्ध होगा मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराया जाता रहेगा." इसको लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में विक्रमादित्य सिंह ने कहा "इसको लेकर मस्जिद कमेटी कोर्ट में एप्लीकेशन फाइल कर सकती है. इसके बाद समय देने या न देने पर कमिश्नर कोर्ट अपना फैसला देगी लेकिन मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने की पॉजिटिव शुरुआत हुई है."
विक्रमादित्य सिंह ने कहा हिमाचल एक शांतिप्रिय राज्य है. मेरी तो यही अपील रहेगी कि प्रदेश के लोग आपसी भाईचारे से रहें. उन्होंने कहा कि प्रदेश में रेवेन्यू के लिए टूरिज्म एक बहुत बड़ा सेक्टर है. इसके लिए प्रदेश में अच्छा वातावरण बना रहना जरूरी है.
ऐसे सामने आया मस्जिद में हुए अवैध निर्माण का मामला
इसी साल मल्याणा क्षेत्र में 30 अगस्त को दो समुदायों के बीच मारपीट की घटना हुई थी. आरोप है कि मारपीट करने वाले विशेष समुदाय के 6 आरोपियों में कुछ लोगों ने भागकर इसी मस्जिद में शरण ली थी जिसके विरोध में कांग्रेस पार्षद नीटू ठाकुर ने सैकड़ों लोगों के साथ संजौली मस्जिद के बाहर प्रदर्शन किया.
मामले ने तूल पकड़ा और संजौली मस्जिद में हुए अवैध निर्माण की बात निकल कर सामने आई. वहीं, विधानसभा सत्र के दौरान सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने संजौली मस्जिद में हुए अवैध निर्माण का मुद्दा उठाया और प्रदेश में बांग्लादेशी और रोहिंग्या के अवैध घुसपैठ को प्रदेश के लिए खतरा बताया.
मंत्री ने सदन में खुलासा किया था कि 14 सालों से मस्जिद विवाद के मामले को लेकर 44 पेशियां हो गईं, लेकिन कोई फैसला नहीं आया. उन्होंने संजौली मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने की मांग सदन में कर डाली थी. उसके बाद यह मामला हिमाचल सहित राष्ट्रीय स्तर पर गूंजा.
बता दें कि इस मामले को लेकर 5 अक्टूबर को शिमला में कमिश्नर कोर्ट में सुनवाई के दौरान संजौली मस्जिद की 3 अवैध मंजिलों को गिराने के आदेश दिए थे. कोर्ट ने इस अवैध निर्माण को हटाने के लिए 2 महीने का समय दिया था. साथ ही कहा अवैध मंजिलों को गिराने का खर्च मस्जिद कमेटी को खुद उठाना होगा. गौरतलब है कि 12 सितंबर को मस्जिद कमेटी ने खुद अवैध ढांचे को गिराने के लिए निगम कोर्ट से अनुमति मांगी थी. वहीं, बचे हुए ग्राउंड फ्लोर और पहले हिस्से को लेकर अब मामले की अगली सुनवाई 21 दिसंबर को होगी.
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