शिमला: हिमाचल में रेहड़ी और फड़ी वालों के नाम प्रदर्शित करने को लेकर दिए गए निर्देश को लेकर प्रदेश की राजनीति गरम हो गई है. सरकार और कैबिनेट मंत्री इस मुद्दे पर अलग-अलग नजर आ रहे हैं. बीते दिन विक्रमादित्य सिंह ने कहा था कि प्रदेश में बाहरी राज्यों से आने वाले रेहड़ी और फड़ी वाले लोगों को अपनी पहचान बतानी होगी. इसको लेकर उन्होंने शहरी विकास विभाग और नगर निगम शिमला की बैठक में निर्देश दिए थे. अब इस मामले पर सरकार ने अपना रुख साफ किया है.
वहीं, विक्रमादित्य सिंह के इस निर्देश को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से जोड़कर देखा जा रहा है. ऐसे में हिमाचल में रेहड़ी और फड़ी वालों की पहचान को लेकर उठे विवाद पर विक्रमादित्य सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. दिल्ली दौरे पर पहुंचे हिमाचल प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि केवल अधिकृत व्यक्ति ही दुकानें लगा सकें. हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने फेरीवालों को विनियमित करने और उन्हें लाइसेंस देने के लिए एक सर्वदलीय समिति बनाई है. इसे उत्तर प्रदेश से जोड़ना सही नहीं है."
Delhi: PWD Minister Vikramaditya Singh says, " ...a committee has been formed, where deliberations will happen. the committee includes leaders from both bjp and congress. but i want to reiterate that anyone is welcome to come to himachal and seek employment, but it's the… pic.twitter.com/0BsxdyoXfn
— IANS (@ians_india) September 26, 2024
विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "पार्टी हमारे साथ है और हम पार्टी के व्यक्ति हैं. इसमें पार्टी की कोई नाराजगी की बात नहीं है. जो भी बात होती है, उसको लेकर हम अपने नेताओं से हर विषय पर बात करते हैं. इस पर भी बात हुई है और अन्य विषयों पर भी बात होती है. मैं कह चुका हूं कि अभी एक बॉडी बनाई गई है. उस पर डेलिब्रेशन होनी है. उसमें बीजेपी के भी विधायक हैं और कांग्रेस के भी विधायक और मंत्री हैं. मैं फिर से यह कह रहा हूं कि कोई भी हिमाचल में आकर रोजगार प्राप्त कर सकता है. लेकिन प्रदेश के लोगों की चिंताओं का ख्याल रखना ये सरकार का दायित्व बनता है और ये सरकार की जिम्मेदारी है".
विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने नगर निगम के एक्ट के अनुसार वेडिंग बॉडी बनाने के निर्देश दिए हैं. हम इसमें आगे बढ़ेंगे. आगे इसके एम्बिड को बढ़ाना है. उसमें क्या आगे करना है और क्या उसमें नहीं करना है. उसके लिए ऑल बार्टी बॉडी रखी गई है. आप सभी में हिमाचल में जिस तरह की तस्वीरें (संजौली मस्जिद विवाद को लेकर तनाव) देखी, वैसा कोई भी अब देखना नहीं चाहता और ये सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि भविष्य में इस तरह के हालात पैदा न हो. इसलिए हर दल चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी या फिर सीपीआई सभी को मिलकर करना होगा ताकि ऐसी स्थिति पैदा न हो".
#WATCH | Himachal Pradesh government orders eateries to display the names of owners, Congress leader & in-charge HP, Rajeev Shukla says, " ...vikramaditya (himachal pradesh minister vikramaditya singh) has said that this is done to make sure only authorised persons can set up… pic.twitter.com/JKQ2kzMSZV
— ANI (@ANI) September 26, 2024
वहीं, इस मामले पर कांग्रेस नेता और हिमाचल प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला ने कहा, "इस मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है कि यह यूपी के पैटर्न पर हिमाचल में किया जा रहा है. विक्रमादित्य सिंह ने ऐसा इसलिए कहा है, ताकि वहां पर जो वैध रूप से रेहड़ी और दुकानदार वाले हो, वही बैठ सकें. हिमाचल विधानसभा के अध्यक्ष ने एक कमेटी बनाई है. उस कमेटी में सभी दलों के लोगों को लिया गया है. इसमें कैसे रेहड़ी फड़ी वालों को कैसे बिठाया जाए और उन्हें कैसे सुरक्षित स्थान दिया जाए और कैसे उनको नियमित किया जाए. इसके लिए लाइसेंस दिए जाएंगे. बस इतनी सी बात है, उसका यूपी से तुलना करने का कोई मतलब ही नहीं है. ऐसा थोड़े ही न है कि सामने फोटो लगाकर रखा जाएगा कि ये किसकी दुकान है. रेहड़ी-पटरी वालों को लाइसेंस वितरित किए जाएंगे. बस इतना ही है. इसको लेकर बेवजह तूल दिया जा रहा है, ऐसा कोई हिमाचल सरकार का आदेश नहीं है".
ये भी पढ़ें: 'दुकानों पर पहचान पत्र लगाने के निर्णय का यूपी से कोई लेना देना नहीं, ये हिमाचल के हित की बात'
ये भी पढ़ें: यूपी की तर्ज पर हिमाचल में रेहड़ी फड़ी वालों को नाम और आईडी लगानी पड़ेगी: विक्रमादित्य सिंह