मंडी: लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कंगना रनौत पर जुबानी हमला बोला है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मंडी आकर मंडयाली बोलने से बात बनने वाली नहीं है. पहले प्रधानमंत्री मंडी में आकर मंडयाली में बोलकर लोगों का दिल जीतने की कोशिशें करते रहे. वहीं, अब भाजपा प्रत्याशी कंगना रनौत भी मंडयाली भाषा में बोलकर लोगों का दिल जीतना चाहती है.
'सेपूबड़ी का गुणगान करने वाले पीएम मोदी को आपदा के दौरान नहीं आई मंडी की याद'
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मंडी में आयोजित कांग्रेस पार्टी मंडी लोकसभा पदाधिकारी बैठक में भाग लेने के उपरांत मीडिया से अनौपचारिक बातचीत के दौरान कहा कि आपदा में मंडी जिले के सराज और सरकाघाट में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. इस दौरान न तो मंडी की सेपूबड़ी का गुणगान करने वाले प्रधानमंत्री ने मंडी के लोगों का दर्द जाना और न ही कंगना रनौत अपनों से मिलने आई, जबकि कंगना का पहले से ही टिकट तय था, इसके बाद ही कंगना आपदा में अपने लोगों के बीच नहीं पहुंची.
बता दें कि मंत्री विक्रमादित्य सिंह को कांग्रेस पार्टी की ओर से मंडी संसदीय क्षेत्र का प्रभारी भी नियुक्त किया गया है. मंडी संसदीय क्षेत्र कांग्रेस पार्टी पदाधिकारी बैठक की अध्यक्षता करने के लिए विक्रमादित्य सिंह यहां पहुंचे थे. इस बैठक में कांग्रेस पार्टी के मंडी संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाले 17 हल्कों के कांग्रेसी नेताओं व पदाधिकारियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई.
'आपदा के दौरान कहां थी कंगना रनौत, आराम कौन करेगा जनता करेगी तय'
वहीं, चुने हुए प्रतिनिधियों को आपदा में प्रभावितों के साथ खड़े होने के कंगना के बयान पर विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि चुनावों के दौरान कंगना रनौत अपने आप को मंडी की बेटी बता रही हैं, लेकिन वो खुद बताएं उन्हें आपदा में मंडी में लोगों के बीच होना चाहिए था या नहीं. भाजपा द्वारा सांसद प्रतिभा सिंह को आराम करने को लेकर दिए बयान पर भी विक्रमादित्य सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह फैसला क्षेत्र की जनता करेगी.
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'हाईकमान के आगे भाजपा नेताओं के बदल जाते हैं सुर, जयराम ठाकुर भी बात रखने से डरे थे'
इस अवसर पर विक्रमादित्य सिंह ने पलटूराम वाले बयान पर भाजपा नेताओं को खरी-खरी सुनाई. उन्होंने कहा कि वे किसी भी बयान से नहीं पलटे हैं और भी मजबूती के साथ खड़े हैं, जबकि हिमाचल भाजपा के नेता हाईकमान का फोन आते ही अपना सुर बदल देते हैं. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हाईकमान के आगे भाजपा के मंत्री और मुख्यमंत्री भी अपनी बात रखने से डरते हैं. खुद जयराम ठाकुर भी सीएम रहते हुए भी हिमाचल के मुद्दों को खुलकर केंद्र सरकार के समक्ष नहीं रख पाए.
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