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विक्रमादित्य सिंह को नहीं मिला कुल्लू का साथ, केवल एक विधानसभा हलके से बना पाए बढ़त - Mandi Lok Sabha seat result

Mandi Lok Sabha seat result: कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह कुल्लू जिले में केवल आनी विधानसभा सीट से ही बढ़त बना पाए. उन्हें मनाली, कुल्लू और बंजार विधानसभा क्षेत्रों से लीड नहीं मिल पाई.

vikramaditya Singh
विक्रमादित्य सिंह, कांग्रेस प्रत्याशी (ANI)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 5, 2024, 6:10 PM IST

कुल्लू: मंडी संसदीय क्षेत्र में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को इस बार कुल्लू जिला का साथ नहीं मिल पाया. मनाली, कुल्लू और बंजार विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा की प्रत्याशी कंगना रनौत को बढ़त मिली. वहीं, केवल आनी विधानसभा से ही कांग्रेस को बढ़त मिल पाई.

प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद भी कांग्रेस प्रत्याशी को कुल्लू जिला का साथ नहीं मिल पाया और कांग्रेस प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा. इससे पहले साल 2021 के लोकसभा उपचुनाव में कुल्लू जिले के चारों विधानसभा क्षेत्रों के मतदाताओं ने कांग्रेस की जीत में निर्णायक भूमिका निभाई थी.

मंडी संसदीय क्षेत्र में छह जिलों मंडी, शिमला, कुल्लू, चंबा, लाहौल-स्पीति और किन्नौर के 17 विधानसभा क्षेत्र इस संसदीय सीट में आते हैं. 17 में से कांग्रेस मात्र चार विधानसभा क्षेत्रों किन्नौर, रामपुर, आनी और लाहौल-स्पीति में ही बढ़त बना पाई.

Kangana ranaut win
मंडी लोकसभा सीट बीजेपी प्रत्याशी कंगना रनौत की जीत (Etv Bharat GFX)

भाजपा के 11 विधायकों ने दिलाई कंगना को बढ़त:

भाजपा के 11 विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्र में कंगना रनौत को बढ़त दिलाई. इस मामले में आनी विधानसभा क्षेत्र के विधायक लोकेंद्र कुमार पिछड़ गए. मंडी जिला से सराज, जोगिंदर नगर, सदर, बल्ह और सुंदरनगर में भाजपा का प्रदर्शन शानदार रहा. सरकाघाट हलके में उम्मीद से कम बढ़त आई लेकिन मंडी जिले के सभी नौ हलकों से भाजपा को बढ़त दिलवाकर जनता नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के साथ खड़ी नजर आई.

शिमला जिला का रामपुर क्षेत्र कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह का गृह क्षेत्र है. यहां से विक्रमादित्य सिंह को 25 से 28 हजार मतों की बढ़त मिलने की आस थी लेकिन भाजपा ने कड़ी टक्कर देते हुए बढ़त को 20 हजार मतों से नीचे रोक दिया.

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सभी 17 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त हासिल की थी. साल 2021 के लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस को नौ विधानसभा क्षेत्रों, भरमौर, लाहौल-स्पीति, मनाली, कुल्लू, आनी, बंजार, रामपुर, किन्नौर और नाचन में बढ़त मिली थी. कांग्रेस इस दौरान चुनाव जीतने में सफल रही थी और वहीं, भाजपा को आठ हलकों में बढ़त मिली थी.

साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को इस संसदीय क्षेत्र में 17 में से 12 सीटें मिली थी. कांग्रेस की झोली में कुल्लू, मनाली, लाहौल-स्पीति, रामपुर और किन्नौर यह पांच सीटें गई थीं.

मोदी, योगी और गडकरी की रैली ने बनाया कंगना के पक्ष में माहौल:

भाजपा सांसद कंगना रनौत के पक्ष में माहौल बनाने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का अहम योगदान रहा. पीएम मोदी की मंडी के ऐतिहासिक पड्डल मैदान में रैली हुई थी. सीएम योगी ने प्रचार के अंतिम दिन कुल्लू और नितिन गडकरी ने आनी और करसोग में चुनावी सभाएं की थीं. आनी के लिए महत्वपूर्ण जलोड़ी जोत सुरंग की बात कर गडकरी ने आनी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की बढ़त को काफी हद तक कम करने का काम किया. गडकरी इस दौरान करसोग को भी राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने की बात कह कर गए थे.

कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह को भी पहले चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. प्रतिभा सिंह ने साल 1998 में यहां से पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था और भाजपा के पूर्व सांसद महेश्वर सिंह से पराजित हुई थीं. यह संसदीय क्षेत्र स्व वीरभद्र सिंह के परिवार की कर्मभूमि रहा है लेकिन विक्रमादित्य सिंह को विरासत संभालने से पहले यहां की जनता ने बेदखल कर दिया. बता दें कि मंडी लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी कंगना रनौत ने सुक्खू सरकार के युवा मंत्री विक्रमादित्य सिंह को 74 हजार 755 मतों के मार्जिन से हराया.

ये भी पढ़ें: ये भी खूब रही...हिमाचल के जन का कांग्रेस और भाजपा नेताओं के अहंकार पर प्रहार

कुल्लू: मंडी संसदीय क्षेत्र में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को इस बार कुल्लू जिला का साथ नहीं मिल पाया. मनाली, कुल्लू और बंजार विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा की प्रत्याशी कंगना रनौत को बढ़त मिली. वहीं, केवल आनी विधानसभा से ही कांग्रेस को बढ़त मिल पाई.

प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद भी कांग्रेस प्रत्याशी को कुल्लू जिला का साथ नहीं मिल पाया और कांग्रेस प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा. इससे पहले साल 2021 के लोकसभा उपचुनाव में कुल्लू जिले के चारों विधानसभा क्षेत्रों के मतदाताओं ने कांग्रेस की जीत में निर्णायक भूमिका निभाई थी.

मंडी संसदीय क्षेत्र में छह जिलों मंडी, शिमला, कुल्लू, चंबा, लाहौल-स्पीति और किन्नौर के 17 विधानसभा क्षेत्र इस संसदीय सीट में आते हैं. 17 में से कांग्रेस मात्र चार विधानसभा क्षेत्रों किन्नौर, रामपुर, आनी और लाहौल-स्पीति में ही बढ़त बना पाई.

Kangana ranaut win
मंडी लोकसभा सीट बीजेपी प्रत्याशी कंगना रनौत की जीत (Etv Bharat GFX)

भाजपा के 11 विधायकों ने दिलाई कंगना को बढ़त:

भाजपा के 11 विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्र में कंगना रनौत को बढ़त दिलाई. इस मामले में आनी विधानसभा क्षेत्र के विधायक लोकेंद्र कुमार पिछड़ गए. मंडी जिला से सराज, जोगिंदर नगर, सदर, बल्ह और सुंदरनगर में भाजपा का प्रदर्शन शानदार रहा. सरकाघाट हलके में उम्मीद से कम बढ़त आई लेकिन मंडी जिले के सभी नौ हलकों से भाजपा को बढ़त दिलवाकर जनता नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के साथ खड़ी नजर आई.

शिमला जिला का रामपुर क्षेत्र कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह का गृह क्षेत्र है. यहां से विक्रमादित्य सिंह को 25 से 28 हजार मतों की बढ़त मिलने की आस थी लेकिन भाजपा ने कड़ी टक्कर देते हुए बढ़त को 20 हजार मतों से नीचे रोक दिया.

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सभी 17 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त हासिल की थी. साल 2021 के लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस को नौ विधानसभा क्षेत्रों, भरमौर, लाहौल-स्पीति, मनाली, कुल्लू, आनी, बंजार, रामपुर, किन्नौर और नाचन में बढ़त मिली थी. कांग्रेस इस दौरान चुनाव जीतने में सफल रही थी और वहीं, भाजपा को आठ हलकों में बढ़त मिली थी.

साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को इस संसदीय क्षेत्र में 17 में से 12 सीटें मिली थी. कांग्रेस की झोली में कुल्लू, मनाली, लाहौल-स्पीति, रामपुर और किन्नौर यह पांच सीटें गई थीं.

मोदी, योगी और गडकरी की रैली ने बनाया कंगना के पक्ष में माहौल:

भाजपा सांसद कंगना रनौत के पक्ष में माहौल बनाने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का अहम योगदान रहा. पीएम मोदी की मंडी के ऐतिहासिक पड्डल मैदान में रैली हुई थी. सीएम योगी ने प्रचार के अंतिम दिन कुल्लू और नितिन गडकरी ने आनी और करसोग में चुनावी सभाएं की थीं. आनी के लिए महत्वपूर्ण जलोड़ी जोत सुरंग की बात कर गडकरी ने आनी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की बढ़त को काफी हद तक कम करने का काम किया. गडकरी इस दौरान करसोग को भी राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने की बात कह कर गए थे.

कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह को भी पहले चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. प्रतिभा सिंह ने साल 1998 में यहां से पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था और भाजपा के पूर्व सांसद महेश्वर सिंह से पराजित हुई थीं. यह संसदीय क्षेत्र स्व वीरभद्र सिंह के परिवार की कर्मभूमि रहा है लेकिन विक्रमादित्य सिंह को विरासत संभालने से पहले यहां की जनता ने बेदखल कर दिया. बता दें कि मंडी लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी कंगना रनौत ने सुक्खू सरकार के युवा मंत्री विक्रमादित्य सिंह को 74 हजार 755 मतों के मार्जिन से हराया.

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