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जानिए फाल्गुन माह में कब पड़ रही है विजया एकादशी, भगवान राम ने भी रखा था ये व्रत, ये हैं इसके फायदे - vijaya ekadashi 2024 kab hai

Vijaya Ekadashi 2024: एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है और इसीलिए हर एकादशी बहुत विशेष भी मानी जाती है. इनमें से एक है विजया एकादशी, जो फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष को पड़ेगी. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से जानते हैं कि आखिर विजया एकादशी कब पड़ रही है, किस दिन व्रत करना है, पूजा विधि क्या है, विजया एकादशी का महत्व और इसके फायदे क्या हैं...

Vijaya Ekadashi 2024
विजया एकादशी कब है
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 20, 2024, 6:20 PM IST

Vijaya Ekadashi 2024 Kab Hai : हिंदू धर्म में ज्योतिष शास्त्र में एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है. आखिर इस बार विजया एकादशी कब पड़ रही है, इसे लेकर काफी भ्रम की स्थिति भी बनी हुई है. आपको बता दें कि विजया एकादशी फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी जो विजया एकादशी कहलाती है इस बार 6 मार्च दिन बुधवार को पड़ रही है, क्योंकि अपने यहां उदया तिथि मान्य होती है और विजया एकादशी में 6 मार्च को ही उदया तिथि पड़ रही है. इसलिए 6 मार्च को ही विजया एकादशी मनाई जाएगी, और इसी दिन व्रत रखा जाएगा पूजा पाठ करने का विशेष महत्व रहेगा.

विजया एकादशी ऐसे करें व्रत और पूजा

विजया एकादशी के दिन अगर आप व्रत करना चाह रहे हैं, नियम से पूजा पाठ करना चाह रहे हैं, तो इस दिन सुबह-सुबह उठें और सूर्योदय से पहले स्नान कर लें. स्नान करने के बाद भगवान विष्णु को याद करें और विजया एकादशी के दिन व्रत करने का संकल्प लें. इसके बाद भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें, कलश स्थापित करें और फिर वहां धूप, दीप, नैवेद्य, चंदन, फल, फूल, तुलसी सब कुछ भगवान को अर्पित करें और पूरे मन के साथ पूजा पाठ करें. इसके अलावा व्रत के साथ ही भागवत कथा का भी पाठ करें और हो सके तो रात में श्री हरि नाम का भजन कीर्तन करें. जागरण करें और फिर इसके बाद दूसरे दिन मतलब 7 मार्च को अपने व्रत का पारण करें. पारण करने से पहले हो सके तो ब्राह्मणों को जरूरतमंदों को भोजन कराएं, जो यथा अनुसार दान पुण्य हो सके वो दान पुण्य करें और फिर इसके बाद अपने व्रत को तोड़ें. इससे लाभ ही लाभ होगा.

भगवान राम ने किया था ये व्रत

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि विजया एकादशी बहुत ही महत्वपूर्ण एकादशी मानी जाती है. शास्त्रों में उल्लेख है कि इस व्रत को करने के बहुत फायदे होते हैं. जैसा कि नाम से ही विदित है कि विजया एकादशी के दिन अगर किसी कार्य में विजय हासिल करनी होती है, तो उसे कार्य की शुरुआत से पहले विजया एकादशी का उपवास करके ही करें, तो उस कार्य में जरूर सफलता मिलेगी है.

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ज्योतिष आचार्य कहते हैं कि ऐसा शास्त्रों में भी वर्णन है कि भगवान श्री राम को जब लंका फतेह करनी थी और रावण को हराना था तो भगवान श्री राम ने भी विजया एकादशी का उपवास किया था. उन्होंने उस युद्ध में सफलता हासिल की थी, तो कुल मिलाकर ऐसी मान्यता है कि अगर विजया एकादशी के दिन व्रत करते हैं, पूजा पाठ करते हैं, तो किसी भी कार्य में विजय हासिल होती है और लाभ होता है. धन धान्य से परिपूर्ण हो जाते हैं, उसके घर में शांति आती है.

Vijaya Ekadashi 2024 Kab Hai : हिंदू धर्म में ज्योतिष शास्त्र में एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है. आखिर इस बार विजया एकादशी कब पड़ रही है, इसे लेकर काफी भ्रम की स्थिति भी बनी हुई है. आपको बता दें कि विजया एकादशी फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी जो विजया एकादशी कहलाती है इस बार 6 मार्च दिन बुधवार को पड़ रही है, क्योंकि अपने यहां उदया तिथि मान्य होती है और विजया एकादशी में 6 मार्च को ही उदया तिथि पड़ रही है. इसलिए 6 मार्च को ही विजया एकादशी मनाई जाएगी, और इसी दिन व्रत रखा जाएगा पूजा पाठ करने का विशेष महत्व रहेगा.

विजया एकादशी ऐसे करें व्रत और पूजा

विजया एकादशी के दिन अगर आप व्रत करना चाह रहे हैं, नियम से पूजा पाठ करना चाह रहे हैं, तो इस दिन सुबह-सुबह उठें और सूर्योदय से पहले स्नान कर लें. स्नान करने के बाद भगवान विष्णु को याद करें और विजया एकादशी के दिन व्रत करने का संकल्प लें. इसके बाद भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें, कलश स्थापित करें और फिर वहां धूप, दीप, नैवेद्य, चंदन, फल, फूल, तुलसी सब कुछ भगवान को अर्पित करें और पूरे मन के साथ पूजा पाठ करें. इसके अलावा व्रत के साथ ही भागवत कथा का भी पाठ करें और हो सके तो रात में श्री हरि नाम का भजन कीर्तन करें. जागरण करें और फिर इसके बाद दूसरे दिन मतलब 7 मार्च को अपने व्रत का पारण करें. पारण करने से पहले हो सके तो ब्राह्मणों को जरूरतमंदों को भोजन कराएं, जो यथा अनुसार दान पुण्य हो सके वो दान पुण्य करें और फिर इसके बाद अपने व्रत को तोड़ें. इससे लाभ ही लाभ होगा.

भगवान राम ने किया था ये व्रत

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि विजया एकादशी बहुत ही महत्वपूर्ण एकादशी मानी जाती है. शास्त्रों में उल्लेख है कि इस व्रत को करने के बहुत फायदे होते हैं. जैसा कि नाम से ही विदित है कि विजया एकादशी के दिन अगर किसी कार्य में विजय हासिल करनी होती है, तो उसे कार्य की शुरुआत से पहले विजया एकादशी का उपवास करके ही करें, तो उस कार्य में जरूर सफलता मिलेगी है.

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ज्योतिष आचार्य कहते हैं कि ऐसा शास्त्रों में भी वर्णन है कि भगवान श्री राम को जब लंका फतेह करनी थी और रावण को हराना था तो भगवान श्री राम ने भी विजया एकादशी का उपवास किया था. उन्होंने उस युद्ध में सफलता हासिल की थी, तो कुल मिलाकर ऐसी मान्यता है कि अगर विजया एकादशी के दिन व्रत करते हैं, पूजा पाठ करते हैं, तो किसी भी कार्य में विजय हासिल होती है और लाभ होता है. धन धान्य से परिपूर्ण हो जाते हैं, उसके घर में शांति आती है.

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