देहरादून: उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने तमाम समितियां का गठन करते हुए इसमें कई पार्टी नेताओं को जिम्मेदारी सौंप दी है. खास बात यह है कि पार्टी ने तीन ऐसे दिग्गज नेताओं को भी समितियों का प्रभारी बना दिया है, जो खुद चुनाव में टिकट को लेकर दावेदार मानें जा रहे थे. सवाल उठ रहे हैं कि क्या भाजपा की इन समितियों की सूची के साथ ही पार्टी के तीनों दिग्गज नेताओं की टिकट को लेकर रेस खत्म हो गई है? भाजपा ने क्या इन तीन नेताओं को टिकट बंटवारे से पहले ही रेस से बाहर कर दिया है.
तीनों नेताओं की दावेदारी पर उठ रहे सवाल: उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर चुनाव प्रबंधन समिति का गठन करते हुए इसमें 38 विभागों के लिए अलग-अलग पार्टी नेताओं को जिम्मेदारी दे दी है. खास बात यह है कि इन समितियां में जिन नेताओं को अहम जिम्मेदारी सौंपी है, उनमें पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और मदन कौशिक का नाम भी शामिल है. समितियों में इन तीन बड़े चेहरों का नाम आने से कई तरह के सवाल खड़े होने लगे हैं. सवाल उठ रहे हैं कि क्या पार्टी में चुनाव प्रबंधन समिति में इन नेताओं को जिम्मेदारी देकर इन्हें लोकसभा चुनाव में टिकट की दावेदारी से बाहर कर दिया है?
विजय बहुगुणा टिहरी से रह चुके हैं सांसद: आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी की तरफ से इन तीनों ही नेताओं को दावेदार के रूप में देखा जा रहा था. पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा टिहरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़कर सांसद बन चुके हैं, और इस समय उनके पास पार्टी की कोई भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं थी. ऐसे में माना जा रहा था कि राज परिवार को इस बार टिकट से अलग करते हुए विजय बहुगुणा को टिहरी सीट पर मौका दिया जा सकता है. लेकिन अब समिति में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने के बाद उनकी दावेदारी समाप्त होती दिखाई दे रही है.
पौड़ी सीट से माना जा रहा था दावेदार: इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी पौड़ी लोकसभा सीट से बड़ा दावेदार माना जा रहा था. त्रिवेंद्र सिंह रावत भी इस समय किसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी में नहीं हैं और ऐसे में पौड़ी लोकसभा सीट में उनकी दावेदारी प्रचंड देखी जा रही थी. जिस पर अब थोड़ा संशय खड़ा हो गया है.
प्रबंधन समिति में मदन कौशिक को मिली जगह: इसके अलावा तीसरा नाम मदन कौशिक का है जो कि उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री रहे हैं. इन दिनों वह एक विधायक के तौर पर ही काम कर रहे हैं. माना जा रहा था कि उनके पास भी सरकार में कोई जिम्मेदारी नहीं है. लिहाजा हरिद्वार लोकसभा सीट पर मदन कौशिक को पार्टी उतार सकती है. लेकिन जिस तरह भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव प्रबंधन समिति में मदन कौशिक को भी जगह दी है उसके बाद हरिद्वार लोकसभा सीट में उन्हें टिकट मिलने की कोई गुंजाइश कम होती हुई दिखाई दे रही है.
पार्टी दावेदारों के नाम पर कर रही मंथन: भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव में पांचों सीटों पर टिकट देने को लेकर फिलहाल नाम को लेकर मंथन कर रही है. इस बीच पार्टी के इन तीनों ही दिग्गजों का नाम चुनाव प्रबंधन समिति में आने से इनके रेस से बाहर होने की संभावना दिख रही है.
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