विदिशा। सोमवार शाम को जिला अस्पताल में आकस्मिक वार्ड में उस समय हंगामा हो गया, जब राउंड पर पहुंचे डॉ.राजकुमार वर्मा द्वारा नर्सिंग स्टाफ से एक मरीज को लेकर अलग से देखरेख करने के संबंध में निर्देश दिए गए. नर्सिंग स्टाफ ने इसका विरोध करते हुए काम बंद कर दिया. नर्सिंग स्टाफ का आरोप है कि डॉ.राजकुमार वर्मा क्लीनिक पर मरीज देखने के बाद इलाज जिला अस्पताल में करने के लिए भर्ती करते हैं. साथ ही नर्सिंग स्टाफ से उनकी देखरेख अलग से करने को कहते हैं.
अपने मरीजों का स्पेशल ट्रीटमेंट करने की शिकायत
ट्रामा सेंटर के ऑब्जरवेशन कक्ष में जहां मरीज को महज 3 से 4 घंटे के लिए आपात स्थिति में रखा जाता है, वहां डॉक्टर के मरीजों को 2-3 दिन भर्ती रखा जाता है. इसी बात को लेकर और पिछले कई दिनों से नर्सिंग स्टाफ में रोष पनप रहा था. नर्सों ने डॉ.राजकुमार वर्मा द्वारा किए गए अभद्र व्यवहार की लिखित शिकायत सिविल सर्जन से की है. इस घटनाक्रम की सूचना देने के 2 घंटे बाद भी सिविल सर्जन डॉ.शिरीष रघुवंशी जिला अस्पताल नहीं पहुंचे. नर्सों का हंगामा देख डॉ.राजकुमार वर्मा भी जिला अस्पताल से चले गए.
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सिविल सर्जन बोले- डॉक्टर के खिलाफ होगी कार्रवाई
नर्सिंग स्टाफ का आरोप है कि राजकुमार वर्मा साहित कई अन्य डॉक्टर भी इसी प्रकार से निजी क्लीनिक पर मरीजों को देखकर जिला अस्पताल में उन्हें भर्ती कर इलाज करते हैं. उनका स्पेशल ट्रीटमेंट करने को कहते हैं. वही मरीज भी इस मामले में नर्सिंग स्टाफ पर भी हावी होते हैं. डॉ.वर्मा के इशारे पर ही मरीज के परिजनों ने सीएम हेल्पलाइन पर इलाज न होने की शिकायत दर्ज करवाई है. जब हंगामा हुआ तो डॉक्टर वर्मा के साथ-साथ मरीज का परिजन भी अस्पताल से भाग खड़े हुए. वहीं, सिविल सर्जन डॉ. शिरीष रघुवंशी का कहना है "अस्पताल में डॉ.राजकुमार वर्मा और नर्सिंग स्टाफ का विवाद हुआ है. इसकी शिकायत मेरे पास आई है. डॉ.राजकुमार वर्मा के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी."