विदिशा। वैदिक पंचांग के अनुसार 9 अप्रैल 2024 को चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है. साथ ही इसी दिन हिंदू नववर्ष 2081 भी मनाया जा रहा है. ऐसी मान्यता है कि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन ही भगवान ब्रम्हा जी ने इस सृष्टि का निर्माण किया था. इसलिए इसे हिंदुओं का नववर्ष कहा जाता है. यानि 9 अप्रैल से हिंदू नववर्ष विक्रम संवत् 2081 भी शुरू हो गया है.
मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़
चैत्र नवरात्रि को लेकर भक्तों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. इन 9 दिनों में भक्त माता की पूजा अर्चना करते हैं. साथ ही नवरात्रि के अंतिम दिन जिसे राम नवमी के रूप में जाना जाता है, इस दिन का भी हिंदू धर्म में बड़ा महत्व है. वहीं, नवरात्रि के चलते विदिशा के बेतवा नदी के किनारे शनिदेव मंदिर है. जहां माता के विभिन्न स्वरूपों की प्रतिमाएं मौजूद हैं. नवरात्रि को लेकर इस मंदिर में भक्तों की भीड़ पहुंच रही है. सभी लोग पूजा अर्चना करते हैं. ये मंदिर विदिशा के माधवगंज स्टेशन के पास मौजूद है.
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विश्व हिंदू परिषद के द्वारा नव वर्ष व गुड़ी पड़वा के अवसर पर सभी लोगों को नीम और मिश्री वितरित की गई. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुड़ी पड़वा के दिन ही ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना का काम शुरू किया था और सतयुग का आरंभ भी इसी दिन से हुआ था. ऐसी मान्यता है कि भगवान राम ने चैत्र प्रतिपदा के दिन ही सुग्रीव के भाई बालि का वध किया था और इसी दिन विजय पताका भी फहराई थी फिर इसके बाद से गुड़ी पड़वा पर्व मनाने की शुरुआत हुई थी.