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विदिशा में दूसरी बेटी के जन्म लेने पर क्यों मनाया जश्न, ढोल-नगाड़ों के साथ अस्पताल से घर पहुंची - beti bachao beti padhao

Vidisha celebration daughter birth : विदिशा में एक स्कूल संचालक के घर जन्मी दूसरी बेटी पर जमकर जश्न मनाया गया. अस्पताल से घर आने तक ढोल-ढमाकों के साथ बेटी का वेलकम किया गया.

vidisha people celebrate birth second daughter
विदिशा में दूसरी बेटी के जन्म लेने पर मनाया जश्न
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 14, 2024, 4:20 PM IST

विदिशा में दूसरी बेटी के जन्म लेने पर मनाया जश्न

विदिशा। एक वक्त था जब बेटी के जन्म पर अक्सर परिजन दुखी हो जाते थे लेकिन अब वक्त बदल रहा है. अब बेटी के जन्म पर दुख नहीं बल्कि जश्न मनाया जाता है. विदिशा में एक घर में जब बेटी जन्मी तो जमकर स्वागत किया गया. विदिशा में निजी स्कूल संचालित करने वाले मयंक कर्ण की पत्नी ने जब दूसरी बेटी को जन्म दिया तो उनकी खुशियों का ठिकाना नहीं रहा. विदिशा के श्रीमंत माधवराव सिंधिया जिला चिकित्सालय से घर लाया गया और पूरे गली-मोहल्ले और घर को गुब्बारों और फूलमालाओं से सजाया गया.

vidisha people celebrate birth second daughter
दूसरी बेटी पर जमकर जश्न मनाया गया

पहली बेटी का नाम अयोध्या, दूसरी सरयू

सरकार भी बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ के लिए कई योजनाएं चला रही है. अब हमारी बेटियां अच्छा जीवन जी रही हैं. पढ़ लिख रही हैं और आगे बढ़ रही हैं. बेटी के जन्म लेने पर खुशी के साथ उत्साह मनाया जाता है. पूर्व पार्षद रामकली ने बताया "हमने अपनी पहली बच्ची का नाम अयोध्या रखा था. उसको भी हम बहुत उत्साह के साथ घर पर लेकर आए थे और आज दूसरी बच्ची का नाम हमने सरयू रखा है. एक बेटी अयोध्या है और दूसरी सरयू है. सभी तीर्थ में बड़ा तीर्थ हमारा सरयू है. लड़कियों का इसी तरह सम्मान होता रहे."

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दूसरी बेटी के जन्म के बाद माता-पिता बेहद खुश

वहीं, बेटी को जन्म देने वाली सपना कर्ण कहती हैं "पहली बच्ची का नाम हमने अयोध्या रखा है और दूसरी बच्ची हुई थी हमारे देवर के यहां तो उसका नाम सिया और अब हमारी दूसरी बच्ची का नाम सरयू रखा है. घर वाले हमारे बहुत मानते हैं श्री राम भगवान को. बहुत खुशी है मुझे. मैंने तो सोचा भी नहीं था मोहल्ले और स्कूल के बच्चे इतने अच्छे से वेलकम करेंगे." वहीं, पिता मयंक का कहना है "पहली बिटिया मेरी अयोध्या है. उसका भी स्वागत मैंने बहुत धूमधाम से किया. मेरी दूसरी बिटिया का आगमन हुआ है सरयू का. उसका भी धूमधाम से सबने स्वागत किया है."

विदिशा में दूसरी बेटी के जन्म लेने पर मनाया जश्न

विदिशा। एक वक्त था जब बेटी के जन्म पर अक्सर परिजन दुखी हो जाते थे लेकिन अब वक्त बदल रहा है. अब बेटी के जन्म पर दुख नहीं बल्कि जश्न मनाया जाता है. विदिशा में एक घर में जब बेटी जन्मी तो जमकर स्वागत किया गया. विदिशा में निजी स्कूल संचालित करने वाले मयंक कर्ण की पत्नी ने जब दूसरी बेटी को जन्म दिया तो उनकी खुशियों का ठिकाना नहीं रहा. विदिशा के श्रीमंत माधवराव सिंधिया जिला चिकित्सालय से घर लाया गया और पूरे गली-मोहल्ले और घर को गुब्बारों और फूलमालाओं से सजाया गया.

vidisha people celebrate birth second daughter
दूसरी बेटी पर जमकर जश्न मनाया गया

पहली बेटी का नाम अयोध्या, दूसरी सरयू

सरकार भी बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ के लिए कई योजनाएं चला रही है. अब हमारी बेटियां अच्छा जीवन जी रही हैं. पढ़ लिख रही हैं और आगे बढ़ रही हैं. बेटी के जन्म लेने पर खुशी के साथ उत्साह मनाया जाता है. पूर्व पार्षद रामकली ने बताया "हमने अपनी पहली बच्ची का नाम अयोध्या रखा था. उसको भी हम बहुत उत्साह के साथ घर पर लेकर आए थे और आज दूसरी बच्ची का नाम हमने सरयू रखा है. एक बेटी अयोध्या है और दूसरी सरयू है. सभी तीर्थ में बड़ा तीर्थ हमारा सरयू है. लड़कियों का इसी तरह सम्मान होता रहे."

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दूसरी बेटी के जन्म के बाद माता-पिता बेहद खुश

वहीं, बेटी को जन्म देने वाली सपना कर्ण कहती हैं "पहली बच्ची का नाम हमने अयोध्या रखा है और दूसरी बच्ची हुई थी हमारे देवर के यहां तो उसका नाम सिया और अब हमारी दूसरी बच्ची का नाम सरयू रखा है. घर वाले हमारे बहुत मानते हैं श्री राम भगवान को. बहुत खुशी है मुझे. मैंने तो सोचा भी नहीं था मोहल्ले और स्कूल के बच्चे इतने अच्छे से वेलकम करेंगे." वहीं, पिता मयंक का कहना है "पहली बिटिया मेरी अयोध्या है. उसका भी स्वागत मैंने बहुत धूमधाम से किया. मेरी दूसरी बिटिया का आगमन हुआ है सरयू का. उसका भी धूमधाम से सबने स्वागत किया है."

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