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काला पानी की सजा से कम नहीं स्कूल की ये क्लास, कचरे के पहाड़ पर बैठकर पढ़ाई करते हैं छात्र

विदिशा के माध्यमिक शाला पेढ़ी स्कूल में लगा है गंदगी का अंबार, कचरे के ढेर के बीच पढ़ने को मजबूर छात्र.

VIDISHA SECONDARY SCHOOL PEDHI
माध्यमिक शाला पेढ़ी के आसपास लगा गंदगी का अंबार (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 3 hours ago

विदिशा: मध्य प्रदेश के विदिशा में एक ऐसा सरकारी स्कूल है, जहां गंदगी की वजह से हर साल छात्रों की संख्या तेजी से घट रही है. स्कूल के आसपास गंदगी का अंबार लगा हुआ है. हालात ये हैं कि बच्चों को स्कूल के सभी दरवाजे व खिड़की बंद करके पढ़ाई करनी पड़ती है. ये कचरा न केवल स्थानीय लोग फेंक रहे हैं, बल्कि नगर पालिका के कर्मचारी भी विभिन्न मोहल्लों से इकट्ठा किया हुआ कचरा यहां फेंकते हैं. साथ ही स्कूल की बिल्डिंग भी जर्जर हो चुकी है.

स्कूल के आसपास लगा है गंदगी का अंबार

दरअसल, ये मामला विदिशा जिला मुख्यालय के खाई मोहल्ले के माध्यमिक शाला पेढ़ी का है. यहां स्कूल भवन की दरकती दीवारें, छत से दिखता खुला असमान, बच्चों के बैठने वाले पंडाल पर लगा गंदगी का अंबार, खाली पड़े क्लास रूम में पढ़ते चंद बच्चे, ये हालात इस माध्यमिक शाला के हैं. स्कूल प्रबंधक हर साल बच्चों की संख्या बढ़ाने की कवायद करते हैं, लेकिन हर साल स्कूल में बच्चों की संख्या कम हो जाती है. अब माध्यमिक शाला में कोई आने को तैयार ही नहीं होता, उसका सबसे बड़ा कारण है स्कूल के चारों तरफ लगा गंदगी का अंबार. प्रधान अध्यापिका लक्ष्मी मरावी कहती हैं, '' हम क्या कर सकते है? कई बार शिक्षा विभाग को अवगत करा दिया गया है, लेकिन विभाग से कोई सुनवाई नहीं होती. आसपास में गंदगी तो है ही, नगर पालिका खुद स्कूल परिसर में कचरा डालते हैं.''

जानकारी देती हुईं प्रधान अध्यापिका लक्ष्मी मरावी (ETV Bharat)

गंदगी से स्कूली बच्चों का बुरा हाल

स्थानीय निवासी गोविंद सिंह यादव व रिंकू विश्वकर्मा ने बताया कि स्कूल परिसर में बहुत गंदगी है. इससे बच्चे ही परेशान नहीं होते, बल्कि आसपास के लोग भी बेहद परेशान हैं. गंदगी से डेंगू जैसी बीमारी का सामना पूरे इलाके के लोगों को करना पड़ता है. प्रधान अध्यापिका लक्ष्मी मरावी ने बताया, '' विद्यालय परिसर के पास नगर पालिका के द्वारा यहां पर कचरा इकट्ठा कर दिया जाता है. साथ ही आसपास के लोगों द्वारा भी कचरा यहीं लाकर फेंका जाता है. इसी वजह से हमारे विद्यालय में अध्यनरत बच्चे जब कक्षा में बैठते हैं तो गेट व खिड़की बंद करके बैठते हैं. बाहर से भयानक बदबू आती है और मच्छरों के काटने से बच्चों बीमार होने की संभावना भी रहती है.''

Vidisha govt school garbage problem
स्कूल के आसपास लगा है गंदगी का अंबार (ETV Bharat)

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स्कूल में लगातार घट रही है छात्रों की संख्या

प्रधान अध्यापिका ने आगे बताया, '' हम कई बार अपने विभाग व तहसीलदार को इस समस्या से अवगत करा चुके हैं, लेकिन आज तक कुछ भी नहीं हुआ. चारों ओर कम से कम एक ट्रक से ऊपर कचरा फेंका गया है. यह स्थिति 12 महीनों रहती है. इस स्कूल में एडमिशन लेने के बाद आसपास की गंदगी को देखकर बच्चे टीसी मांगने लगते हैं. बड़ी मुश्किल से हमारे द्वारा पालकों से संपर्क करके बच्चों को रोका जाता है. अभी हमारे विद्यालय में 105 बच्चे हैं, 120 बच्चे हो चुके थे, लेकिन गंदगी के कारण वे टीसी लेकर चले गए. आज से 5 वर्ष पहले यानी 2019 में 150 बच्चे थे, लेकिन गंदगी के कारण बच्चे कम होते जा रहे हैं. आज मात्र 22 बच्चे ही स्कूल आए हुए हैं. हम 2010 से इस मामले को लेकर शिकायत कर रहे हैं, लेकिन कोई सुधार नहीं हो रहा है. स्कूल की बिल्डिंग भी बहुत जर्जर है. स्कूल के मुख्य प्रवेश द्वार में गंदगी होने के कारण हमने पीछे की दीवार तोड़कर आने जाने का रास्ता बनाया गया है.''

विदिशा: मध्य प्रदेश के विदिशा में एक ऐसा सरकारी स्कूल है, जहां गंदगी की वजह से हर साल छात्रों की संख्या तेजी से घट रही है. स्कूल के आसपास गंदगी का अंबार लगा हुआ है. हालात ये हैं कि बच्चों को स्कूल के सभी दरवाजे व खिड़की बंद करके पढ़ाई करनी पड़ती है. ये कचरा न केवल स्थानीय लोग फेंक रहे हैं, बल्कि नगर पालिका के कर्मचारी भी विभिन्न मोहल्लों से इकट्ठा किया हुआ कचरा यहां फेंकते हैं. साथ ही स्कूल की बिल्डिंग भी जर्जर हो चुकी है.

स्कूल के आसपास लगा है गंदगी का अंबार

दरअसल, ये मामला विदिशा जिला मुख्यालय के खाई मोहल्ले के माध्यमिक शाला पेढ़ी का है. यहां स्कूल भवन की दरकती दीवारें, छत से दिखता खुला असमान, बच्चों के बैठने वाले पंडाल पर लगा गंदगी का अंबार, खाली पड़े क्लास रूम में पढ़ते चंद बच्चे, ये हालात इस माध्यमिक शाला के हैं. स्कूल प्रबंधक हर साल बच्चों की संख्या बढ़ाने की कवायद करते हैं, लेकिन हर साल स्कूल में बच्चों की संख्या कम हो जाती है. अब माध्यमिक शाला में कोई आने को तैयार ही नहीं होता, उसका सबसे बड़ा कारण है स्कूल के चारों तरफ लगा गंदगी का अंबार. प्रधान अध्यापिका लक्ष्मी मरावी कहती हैं, '' हम क्या कर सकते है? कई बार शिक्षा विभाग को अवगत करा दिया गया है, लेकिन विभाग से कोई सुनवाई नहीं होती. आसपास में गंदगी तो है ही, नगर पालिका खुद स्कूल परिसर में कचरा डालते हैं.''

जानकारी देती हुईं प्रधान अध्यापिका लक्ष्मी मरावी (ETV Bharat)

गंदगी से स्कूली बच्चों का बुरा हाल

स्थानीय निवासी गोविंद सिंह यादव व रिंकू विश्वकर्मा ने बताया कि स्कूल परिसर में बहुत गंदगी है. इससे बच्चे ही परेशान नहीं होते, बल्कि आसपास के लोग भी बेहद परेशान हैं. गंदगी से डेंगू जैसी बीमारी का सामना पूरे इलाके के लोगों को करना पड़ता है. प्रधान अध्यापिका लक्ष्मी मरावी ने बताया, '' विद्यालय परिसर के पास नगर पालिका के द्वारा यहां पर कचरा इकट्ठा कर दिया जाता है. साथ ही आसपास के लोगों द्वारा भी कचरा यहीं लाकर फेंका जाता है. इसी वजह से हमारे विद्यालय में अध्यनरत बच्चे जब कक्षा में बैठते हैं तो गेट व खिड़की बंद करके बैठते हैं. बाहर से भयानक बदबू आती है और मच्छरों के काटने से बच्चों बीमार होने की संभावना भी रहती है.''

Vidisha govt school garbage problem
स्कूल के आसपास लगा है गंदगी का अंबार (ETV Bharat)

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प्रधान अध्यापिका ने आगे बताया, '' हम कई बार अपने विभाग व तहसीलदार को इस समस्या से अवगत करा चुके हैं, लेकिन आज तक कुछ भी नहीं हुआ. चारों ओर कम से कम एक ट्रक से ऊपर कचरा फेंका गया है. यह स्थिति 12 महीनों रहती है. इस स्कूल में एडमिशन लेने के बाद आसपास की गंदगी को देखकर बच्चे टीसी मांगने लगते हैं. बड़ी मुश्किल से हमारे द्वारा पालकों से संपर्क करके बच्चों को रोका जाता है. अभी हमारे विद्यालय में 105 बच्चे हैं, 120 बच्चे हो चुके थे, लेकिन गंदगी के कारण वे टीसी लेकर चले गए. आज से 5 वर्ष पहले यानी 2019 में 150 बच्चे थे, लेकिन गंदगी के कारण बच्चे कम होते जा रहे हैं. आज मात्र 22 बच्चे ही स्कूल आए हुए हैं. हम 2010 से इस मामले को लेकर शिकायत कर रहे हैं, लेकिन कोई सुधार नहीं हो रहा है. स्कूल की बिल्डिंग भी बहुत जर्जर है. स्कूल के मुख्य प्रवेश द्वार में गंदगी होने के कारण हमने पीछे की दीवार तोड़कर आने जाने का रास्ता बनाया गया है.''

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