विदिशा: जैन समाज के लोगों ने पर्युषण पर्व के अंतिम दिन विदिशा के कच्ची धर्मशाला में क्षमापना का पर्व मनाया. 8 दिन तक चले जैन समाज के पर्युषण पर्व पर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. वहीं 8 सितंबर को अंतिम दिन जैन समाज के सभी लोग इकट्ठे हुए एक दूसरे से गले लगकर क्षमा मांगी और भगवान महावीर के रास्ते पर चलने का प्रण लिया. इस मौके पर पूर्व वित्त मंत्री राघवजी भी मौजूद रहे.
पूर्व मंत्री राघवजी ने किया तपस्वियों का सम्मान
क्षमापना के मौके पर कच्ची धर्मशाला में लोगों की भीड़ मौजूद रही. वहीं इस मौके पर 8 दिन तपस्या करने वाले तपस्वियों का सम्मान मध्य प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री राघव जी ने किया. 8 दिनों तक मुंबई से आए प्रवचनकारों ने जैन धर्म के विधि विधान को और भगवान के आदेश को जैन समाज के लोगों तक पहुंचाने का कार्य किया. इसके बाद अंतिम दिन पर उनका भी सम्मान शॉल और श्रीफल देकर किया गया. वहीं दीपेश शाह नामक एक व्यक्ति ने सवा किलो चांदी का छत्र चढ़ाया है.
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जैन धर्म में तपस्या का विशेष महत्व
पूर्व मंत्री राघवजी ने कहा, ''जैन धर्म में तपस्या का बहुत महत्व बताया गया है. विदिशा के लिए गर्व की बात है कि विदिशा में तपस्या अच्छी होती रही है. आज तो काफी अच्छी देखने को मिली हैं. इसमें पुरुष वर्ग के साथ महिला वर्ग भी हैं, जो कि बहुत संतोषजनक बात है. दिपेश शाह ने यहां चांदी का छत्र चढ़ाया और बाकी मंदिरों में भी उन्होंने चढ़ावा चढ़ाया है. इतना ही नहीं है वह प्रतिदिन पूजा करते हैं. इसीलिए एक युवा होते हुए भी धर्म की रास्ते पर उनकी जो भावना है वह वास्तव में बाकी लोगों के लिए उदाहरण है.''