विदिशा। ये हैं विदिशा के असीम शर्मा, पेड़ सूख न जाए इसलिए भीषण गर्मी की तपती दोपहर में यह पेड़ों में पानी दे रहे हैं, वो भी अपनी बुलेट से. जिसे उन्होंने जुगाड़ से बनाया है. बुलेट बाइक पर उन्होंने पानी का टैंकर और उसमें पानी की एक बड़ी और 4 छोटी टंकी फिट करवा ली है. यहां तक की सरकार के हिस्से के पेड़ों में भी यही पानी दे रहे हैं. उनका मानना है कि इंसान को खुली हवा में सांस लेना है तो पेड़ों को जीवित रखना बहुत जरूरी है.
तपती धूप में निकल पड़ते हैं पेड़ों को पानी देने
विदिशा में रहने वाले असीम शर्मा पर्यावरण प्रेमी हैं. इतनी भीषण गर्मी की में जब आसमान से आग बरस रही हो और पारा लगभग 43 डिग्री तक पहुंच गया हो, उस समय आने वाली पीढ़ियों को शुद्ध और ठंडी हवा मिल सके इसके लिए असीम अपने लगाए पेड़ों में पानी दे रहे हैं. इन्हें ऐसा करते देख लोग हैरत में पड़ जाते हैं. क्योंकि इन्होंने अपनी बुलेट मोटरसाइकल को पानी के टैंकर में बदल दिया है. असीम शर्मा ने अपनी बुलेट को तिपहिया करवाकर उसमें 300 लीटर की टंकी फिट करवाई है. साथ ही उन्होंने टंकी के आसपास 50-50 लीटर के बड़े-बड़े कंटेनर में पानी भरकर रख लिए हैं.
प्रशासन ने बना दी सड़क, पेड़ लगाना भूल गया
दोपहर 3 बजे के आसपास यह अपने लगाए पौधों में पानी देने निकल पड़ते हैं. सड़क पर लगे पेड़ पौधों और सूख रहे पेड़ों में भी यह पानी देते हैं. कमाल की बात यह है कि प्रशासन पेड़ काटकर सड़क बनाकर चला गया लेकिन एक ओर पेड़ लगाना भूल गया. तब इन्होंने नव निर्मित सड़क के एक ओर पेड़ लगाए और असीम शर्मा उन सभी पौधों में पानी देते हैं. इनका दावा है कि इन्होंने शो पीस पेड़ों की बजाय पर्यावरण को शुद्ध करने वाले पेड़ लगाए हैं. इनका कहना है कि बजाय प्रशासन को दोष देने के हमें भी अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए.