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विदिशा की दमयंती गाला की अंतिम इच्छा पूरी, मृत्यु के बाद की दो लोगों की जिंदगी रोशन - VIDISHA DONATE BODY AND EYES

एम्स भोपाल में दो लोगों को नेत्रों की जरूरत थी. ऐसे में विदिशा की एक महान महिला ने दोनों के जीवन में उजियारा भर दिया.

Vidisha donate body and eyes
विदिशा की दमयंती गाला की अंतिम इच्छा पूरी (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 19, 2024, 7:44 PM IST

विदिशा : विदिशा में रहने वाली दमयंती गाला का निधन हो गया. परिवार के लोगों ने उनकी अंतिम इच्छा को पूरा करते हुए देहदान और नेत्रदान जैसे महान कार्य किया. इससे मेडिकल की पढ़ाई करने स्टूडेंट्स को रिसर्च में तो मदद मिलेगी ही, दो जरूरतमंदों को नई रोशनी भी मिल गई. विदिशा मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. मनीष निगम और समाजसेवी अतुल शाह ने बताया "मूल रूप से गुजरात के कच्छ की निवासी और विदिशा में रह रहीं दमयंती गाला का निधन हुआ. उनके परिवार ने उनकी अंतिम इच्छा को पूरा करते हुए नेत्रदान भोपाल एम्स में और देहदान अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय विदिशा में किया."

मेडिकल स्टाफ ने गाला परिवार का आभार माना

समाजसेवी अतुल शाह ने बताया "गाला परिवार ने अपनी प्रियजन की अंतिम इच्छा को पूरा कर समाज के लिए प्रेरणा का उदाहरण पेश किया. यह कदम मेडिकल कॉलेज के छात्रों के अध्ययन के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगा." मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. मनीष निगम ने भी इस कार्य की सराहना की और गाला परिवार का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा "दमयंती गाला का देहदान और नेत्रदान मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा योगदान है. उनके परिवार का यह प्रयास अन्य लोगों को भी प्रेरित करेगा. दमयंती गाला का यह कदम समाज में देहदान और नेत्रदान के महत्व को रेखांकित करता है. उनके परिवार ने उनकी अंतिम इच्छा को पूरा कर एक मिसाल कायम की है."

एम्स भोपाल में दो नेत्रहीनों को मिलेगी ज्योति (ETV BHARAT)

एम्स भोपाल में दो नेत्रहीनों को मिलेगी ज्योति

मूल रूप से आदिपुर कच्छ, गुजरात की निवासी दिवंगत दमयंती बेन रमनलाल गाला की अंतिम इच्छा ने समाज को एक बड़ी सीख दी है. सोमवार देर रात विदिशा के एक निजी अस्पताल में अल्प बीमारी के बाद दम तोड़ने वाली दमयंती गाला ने अपने जीवन के आखिरी पल में भी मानवता की मिसाल पेश की. उनकी नेत्रदान और देहदान की इच्छा को डॉ. रुपाली जैन के प्रयासों से पूरा किया गया. डॉ. रुपाली जैन ने कहा "चलो आज कुछ अच्छा करते हैं ग्रुप के अनुरोध पर दिवंगत की आंखें निकालीं और भोपाल एम्स भेजने में अतुल शाह का सहयोग लिया. भोपाल एम्स के नेत्र रोग विभाग से जानकारी मिली है कि इन नेत्रों का प्रत्यारोपण अगले दो दिन में किया जाएगा, जिससे दो नेत्रहीन व्यक्तियों को नई रोशनी मिलेगी."

विदिशा : विदिशा में रहने वाली दमयंती गाला का निधन हो गया. परिवार के लोगों ने उनकी अंतिम इच्छा को पूरा करते हुए देहदान और नेत्रदान जैसे महान कार्य किया. इससे मेडिकल की पढ़ाई करने स्टूडेंट्स को रिसर्च में तो मदद मिलेगी ही, दो जरूरतमंदों को नई रोशनी भी मिल गई. विदिशा मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. मनीष निगम और समाजसेवी अतुल शाह ने बताया "मूल रूप से गुजरात के कच्छ की निवासी और विदिशा में रह रहीं दमयंती गाला का निधन हुआ. उनके परिवार ने उनकी अंतिम इच्छा को पूरा करते हुए नेत्रदान भोपाल एम्स में और देहदान अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय विदिशा में किया."

मेडिकल स्टाफ ने गाला परिवार का आभार माना

समाजसेवी अतुल शाह ने बताया "गाला परिवार ने अपनी प्रियजन की अंतिम इच्छा को पूरा कर समाज के लिए प्रेरणा का उदाहरण पेश किया. यह कदम मेडिकल कॉलेज के छात्रों के अध्ययन के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगा." मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. मनीष निगम ने भी इस कार्य की सराहना की और गाला परिवार का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा "दमयंती गाला का देहदान और नेत्रदान मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा योगदान है. उनके परिवार का यह प्रयास अन्य लोगों को भी प्रेरित करेगा. दमयंती गाला का यह कदम समाज में देहदान और नेत्रदान के महत्व को रेखांकित करता है. उनके परिवार ने उनकी अंतिम इच्छा को पूरा कर एक मिसाल कायम की है."

एम्स भोपाल में दो नेत्रहीनों को मिलेगी ज्योति (ETV BHARAT)

एम्स भोपाल में दो नेत्रहीनों को मिलेगी ज्योति

मूल रूप से आदिपुर कच्छ, गुजरात की निवासी दिवंगत दमयंती बेन रमनलाल गाला की अंतिम इच्छा ने समाज को एक बड़ी सीख दी है. सोमवार देर रात विदिशा के एक निजी अस्पताल में अल्प बीमारी के बाद दम तोड़ने वाली दमयंती गाला ने अपने जीवन के आखिरी पल में भी मानवता की मिसाल पेश की. उनकी नेत्रदान और देहदान की इच्छा को डॉ. रुपाली जैन के प्रयासों से पूरा किया गया. डॉ. रुपाली जैन ने कहा "चलो आज कुछ अच्छा करते हैं ग्रुप के अनुरोध पर दिवंगत की आंखें निकालीं और भोपाल एम्स भेजने में अतुल शाह का सहयोग लिया. भोपाल एम्स के नेत्र रोग विभाग से जानकारी मिली है कि इन नेत्रों का प्रत्यारोपण अगले दो दिन में किया जाएगा, जिससे दो नेत्रहीन व्यक्तियों को नई रोशनी मिलेगी."

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