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सिरोंज में 49 स्कूलों के भवन खंडहर, मंदिर के चबूतरे पर चल रहा स्कूल, सरकार के दावों की उड़ी धज्जियां - Sironj Students Studying in Temple

सिरोंज तहसील के 49 सरकारी स्कूलों के भवनों की हालत दयनीय हो गई है. कभी भी इन स्कूलों के भवन भरभरा कर गिर सकते हैं, जिससे बड़े हादसे की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है. इन जर्जर भवनों की वजह से बच्चे स्कूल नहीं आते हैं और जितने बच्चे आते हैं उनको खुले आसमान में पढ़ाई करनी पढ़ रही है.

SIRONJ STUDENT STUDYING IN TEMPLE
मंदिर के चबूतरे पर चल रहा है स्कूल (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 15, 2024, 5:51 PM IST

विदिशा। सिरोंज के सरकारी स्कूल के भवनों की हालत जर्जर हो गई है. अधिकतर स्कूलों के भवनों की छतों से प्लास्टर टूटकर गिर रहे हैं, तो कई स्कूलों के कमरों से बारिश का पानी टपकता है और दीवारों में दरारे आ गई है. भवनों की दुर्दशा के कारण बच्चों की पढ़ाई छूट रही है. जर्जर दीवारों और गिरती छतों के कारण बच्चे स्कूल भवनों में बैठते नहीं है. बीआरसी रमेश किरार ने बताया कि "सरकार की तरफ से निर्देश है कि जर्जर भवनों में बच्चों को न बैठाया जाय". कठौतिया ग्राम की तुलसा बाई कहती हैं कि "टूटी गिरती हुई स्कूल बिल्डिंग में कैसे अपने बच्चे भेज दें. मास्साब खुद डर के मारे बाहर ही रहते हैं, फिर हम अपने बच्चों को कैसे स्कूल में भेज दें."

सिरोंज के 49 सरकारी स्कूलों के भवन जर्जर (ETV Bharat)

मंदिर के चबूतरे पर चल रहा स्कूल

हद तो ये हो गई है कि अब इस स्कूल में सिर्फ 6 बच्चे बचे हैं. जिन्हें शिक्षक खुशीलाल मंदिर के चबूतरे पर बैठकर पढ़ाते हैं. वे कहते है कि "बारिश होती है तो बच्चों की छुट्टी करनी पड़ती है. स्कूल भवन की जानकारी अधिकारियों को है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. सिरोंज विकासखंड में मुरादपुर, चौड़ा खेड़ी भूरी टोरी बिशनपुर हरिजन बस्ती, अयोध्या बस्ती सहित 8 स्कूल भवन विहीन हैं. ये स्कूल पेड़ के नीचे या किसी चबूतरे पर संचालित हो रहे हैं."

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प्रशासन गहरी नींद में

कठौतिया, चितौरा, धानोदा, रुसल्ला, अभयराज, उदयरामपुरखुजा, सियलपुर, बकेना सहित 49 स्कूलों के भवन जर्जर हैं. जिनकी बिल्डिंग उपयोग लायक नहीं है. इन स्कूलों के हजारों बच्चों को पढ़ाई ठीक से नहीं हो पा रही. वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी दी जा चुकी है, लेकिन अब तक प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है. प्रशासन गहरी नींद में सोया हुआ है. किसी अनहोनी के बाद प्रशासन की नींद टूटेगी. बता दें कि स्कूल के भवनों की ऐसी स्थिति सालों से बनी हुई है.

विदिशा। सिरोंज के सरकारी स्कूल के भवनों की हालत जर्जर हो गई है. अधिकतर स्कूलों के भवनों की छतों से प्लास्टर टूटकर गिर रहे हैं, तो कई स्कूलों के कमरों से बारिश का पानी टपकता है और दीवारों में दरारे आ गई है. भवनों की दुर्दशा के कारण बच्चों की पढ़ाई छूट रही है. जर्जर दीवारों और गिरती छतों के कारण बच्चे स्कूल भवनों में बैठते नहीं है. बीआरसी रमेश किरार ने बताया कि "सरकार की तरफ से निर्देश है कि जर्जर भवनों में बच्चों को न बैठाया जाय". कठौतिया ग्राम की तुलसा बाई कहती हैं कि "टूटी गिरती हुई स्कूल बिल्डिंग में कैसे अपने बच्चे भेज दें. मास्साब खुद डर के मारे बाहर ही रहते हैं, फिर हम अपने बच्चों को कैसे स्कूल में भेज दें."

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मंदिर के चबूतरे पर चल रहा स्कूल

हद तो ये हो गई है कि अब इस स्कूल में सिर्फ 6 बच्चे बचे हैं. जिन्हें शिक्षक खुशीलाल मंदिर के चबूतरे पर बैठकर पढ़ाते हैं. वे कहते है कि "बारिश होती है तो बच्चों की छुट्टी करनी पड़ती है. स्कूल भवन की जानकारी अधिकारियों को है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. सिरोंज विकासखंड में मुरादपुर, चौड़ा खेड़ी भूरी टोरी बिशनपुर हरिजन बस्ती, अयोध्या बस्ती सहित 8 स्कूल भवन विहीन हैं. ये स्कूल पेड़ के नीचे या किसी चबूतरे पर संचालित हो रहे हैं."

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