लखनऊ : उत्तर प्रदेश की कुल 80 में से 22 सीटों पर कांटे की लड़ाई दिख रही है. यहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और इंडी एलायंस (INDIA) के बीच कांटे की लड़ाई है. जबकि उत्तर प्रदेश की बची हुई 58 सीटों पर बदलाव न होने की बात कही जा रही है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इन सीटों पर भाजपा आसान जीत दर्ज करेगी. अधिकांश एग्जिट पोल भी इसी तरह के नतीजे की ओर इशारा कर रहे हैं, जिसमें बीजेपी को 65 से 72 के बीच सीटें दी जा रही हैं.
इन सीटों पर रोचक मुकाबला
सहारनपुर: इंडी एलायंस की ओर से सहारनपुर से इमरान मसूद उम्मीदवार हैं. इमरान मसूद को मुस्लिम वोट एकतरफा मिल रहा है. हिंदू वोट हासिल करने के लिए मसूद ने इस बार मंदिरों में दर्शन तक किए हैं. दूसरी और भारतीय जनता पार्टी से राव लखनपाल उम्मीदवार हैं. 2019 में सहारनपुर सीट बीजेपी हार गई थी. इस बार कांटे की लड़ाई में नतीजा चौंकाने वाला हो सकता है.
कैराना : मुस्लिम बाहुल्य सीट कैराना में समाजवादी पार्टी की ओर से इकरा हसन उम्मीदवार हैं. यहां भारतीय जनता पार्टी से प्रदीप कुमार उम्मीदवार हैं. दोनों के बीच मजबूत लड़ाई है. जीत का पासा किसी ओर भी पलट सकता है.
मुजफ्फरनगर : मुजफ्फरनगर सीट साल 2013 के दंगों के बाद लगातार भारतीय जनता पार्टी के खाते में जाती रही है. इस सीट पर एक बार फिर भाजपा की ओर से डॉक्टर संजीव बालियान उम्मीदवार हैं. समाजवादी पार्टी से हरेंद्र मलिक चुनाव लड़ रहे हैं. यहां तगड़ी लड़ाई बताई जा रही है. जिसमें बीजेपी सांसद डॉक्टर संजीव बालियान को थोड़ा सा आगे बताया जा रहा है.
मुरादाबाद : मुरादाबाद सीट पर समाजवादी पार्टी से रुचि वीरा उम्मीदवार है. जबकि भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार की मृत्यु मतदान से ठीक अगले दिन हो गई थी. ऐसे में अगर भारतीय जनता पार्टी का उम्मीदवार यहां से जीत हासिल करता है तो मुरादाबाद में उपचुनाव होंगे. सपा प्रत्याशी के जीतने की दशा में उपचुनाव नहीं होगा.
रामपुर : आजम खान का गढ़ कहे जाने वाले रामपुर में बीजेपी ने उपचुनाव जीता था. जबकि 2019 के आम चुनाव में भाजपा यहां हार गई थी. भारतीय जनता पार्टी से घनश्याम लोधी जो कि वर्तमान सांसद हैं, वे इस सीट पर उम्मीदवार है. जबकि समाजवादी पार्टी ने डॉक्टर एसटी हसन का टिकट काटकर यहां से इमाम मुहिबुल्लाह को टिकट दिया था. सीट पर लड़ाई मजबूत है.
अमरोहा : भारतीय जनता पार्टी से चौधरी कंवर सिंह तंवर उम्मीदवार हैं. पहले भी सांसद रह चुके हैं. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन से दानिश अली को यहां उम्मीदवार बनाया गया है. काफी रोचक मुकाबला यहां है. जिसमें ऊंट किसी भी करवट बैठ सकता है.
सम्भल : संभल सीट पर भारतीय जनता पार्टी की ओर से परमेश्वर लाल सैनी उम्मीदवार हैं. जबकि समाजवादी पार्टी ने यहां से जियाउर रहमान को उतारा है. हिंदू वोट एकजुट होने से बीजेपी के उम्मीदवार को कुछ फायदा नजर आ रहा है. जबकि समाजवादी पार्टी का मुस्लिम वोट बहुजन समाज पार्टी के चौधरी शोलत अली भी काट रहे हैं.
बदायूं : बदायूं सीट पर समाजवादी पार्टी के सैफई परिवार से शिवपाल सिंह यादव के पुत्र आदित्य यादव चुनाव लड़ रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी ने यहां से दुर्विजय सिंह शाक्य को उतारा है. पहले यहां से शिवपाल सिंह यादव को टिकट दिया गया था. शिवपाल के मना करने के बाद उनके बेटे को टिकट थमा दिया गया. इस सीट पर काफी कांटे की लड़ाई नजर आ रही है.
फतेहपुर सीकरी : आगरा जिले की फतेहपुर सीकरी सीट पर भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और वर्तमान सांसद राजकुमार सिंह चाहर उम्मीदवार है. बीजेपी के स्थानीय विधायक उनका खुलकर विरोध कर रहे हैं और अपने बेटे को निर्दलीय चुनाव लड़ा दिया है. इसलिए यह सीट काफी रोचक हो गई है. कांग्रेस पार्टी ने यहां से रामनाथ सिकरवार को चुनाव मैदान में उतारा है मुकाबला बहुत रोचक है.
मैनपुरी : मैनपुरी सीट पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव चुनाव लड़ रही हैं. मुलायम सिंह यादव की मृत्यु के बाद हुए उपचुनाव में भी डिंपल यादव ने ही जीत दर्ज की थी. आम चुनाव में अब उनका सामना बीजेपी के पर्यटन मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह से है. जयवीर सिंह भी पूरी मेहनत से चुनाव लड़े हैं. फिर भी सीट पर डिंपल यादव कुछ आगे बताई जा रही हैं.
कन्नौज : कन्नौज लोकसभा सीट पर कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है. कुछ हजार वोटो की हार जीत संभव है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव खुद चुनाव लड़ रहे हैं. उनका सामना वर्तमान सांसद सुब्रत पाठक से होगा. लड़ाई बहुत अधिक रोचक है. परिणाम दोनों में से किसी भी नेता के पक्ष में आ सकता है.
मोहनलालगंज : लखनऊ जिले की दूसरी सीट मोहनलालगंज में केंद्रीय नगर विकास राज्य मंत्री कौशल किशोर का मुकाबला समाजवादी पार्टी के नेता आरके चौधरी से हो रहा है. दोनों में कौन भारी पड़ रहा है, इसे लेकर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता. सभी को यहां 4 जून का इंतजार है.
अमेठी : 2019 के चुनाव में अमेठी से राहुल गांधी बीजेपी की स्मृति ईरानी से हार गए थे. राहुल इस बार रायबरेली से चुनाव लड़ रहे हैं. स्मृति ईरानी का मुकाबला कांग्रेस के किशोरी लाल शर्मा से हो रहा है. गांधी परिवार का गढ़ रही इस सीट का मुकाबला काफी रोचक हो गया है.
रायबरेली : रायबरेली सीट पर राहुल गांधी का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के दिनेश प्रताप सिंह से है. दिनेश प्रताप सिंह पिछली बार भी सोनिया गांधी के खिलाफ भाजपा से उम्मीदवार थे. तब उन्होंने सोनिया गांधी का जीत का अंतर कम कर दिया था. वह इस बार राहुल गांधी को हारने की बात कह रहे हैं. फिर भी रायबरेली सीट पर राहुल गांधी आगे बताए जा रहे हैं.
इन 5 सीटों के नतीजे चौंका सकते हैं
कौशाम्बी, अम्बेडकर नगर, श्रावस्ती, लालगंज, आज़मगढ़ में भी लड़ाई कांटे की बताई जा रही है. घोसी, गाजीपुर और चंदौली सीट पर भी नतीजे चौंका सकते हैं.