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हत्या मामले में 19 साल बाद आया फैसला, दोनों दोषियों को उम्रकैद की सजा - unnao murder case

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 13, 2024, 4:36 PM IST

उन्नाव में हत्या के मामले में न्यायालय ने 19 साल बाद फैसला सुनाया. कोर्ट ने दो युवकों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 25 हजार का जुर्माना भी लगाया. सुनवाई के दौरान मुकदमे के एक आरोपी की मौत हो गई थी.

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हत्या मामले में 19 साल बाद दोषियों को आजीवन कारवास (photo credit- Etv Bharat)

उन्नाव: जिले में साल 2005 में दो युवकों ने मिलकर एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी. मृतक के परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने दो युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. मंगलवार को 19 साल बाद न्यायालय ने दोनों युवकों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 25 हजार का जुर्माना भी लगाया है.

उन्नाव के सदर कोतवाली क्षेत्र के कुबेरखेड़ा गांव में 16 जनवरी 2005 को एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसमें 17 जनवरी 2005 को कुबेर खेड़ा गांव के ही रहने वाले देशराज ने प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया था कि उसके गांव के कालिका पासी एवं चुन्नू सिंह ने अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर उसके भाई हंसराज की गोली मारकर हत्या कर दी.

इसे भी पढ़े-प्रभात हत्याकांड में वादी पक्ष का आरोप, अजय मिश्रा टेनी की ओर से सुनवाई से बचने का हो रहा है प्रयास

देशराज ने बताया कि दोनों के बीच करीब 6 माह पहले पेड़ की लकड़ी काटने को लेकर विवाद हुआ था. साथ ही मारपीट भी हुई थी. इसकी कालिका और चुन्नू रंजिश मानते थे. इसी के चलते उन्होंने हंसराज की हत्या कर दी. पुलिस ने देशराज की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. विवेचना तत्कालीन एसपी त्रिभुवन सिंह ने 23 फरवरी 2005 को न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की थी.

दिवंगत हंसराज अनुसूचित जाति से आता था. इससे मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायालय एससी एसटी में शुरू हुई. सुनवाई के दौरान मुकदमे के एक आरोपी की मौत हो गई. करीब 19 साल चले इस मुकदमे में न्यायालय ने मंगलवार को सजा सुनाते हुए विशेष लोक अभियोजक दीपक मिश्रा की दलील को सुनते हुए कालिका और चुन्नू को दोषी करार दिया. न्यायालय ने कालिका पर 40000 और चुन्नू पर 25000 का जुर्माना भी लगाया.

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उन्नाव: जिले में साल 2005 में दो युवकों ने मिलकर एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी. मृतक के परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने दो युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. मंगलवार को 19 साल बाद न्यायालय ने दोनों युवकों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 25 हजार का जुर्माना भी लगाया है.

उन्नाव के सदर कोतवाली क्षेत्र के कुबेरखेड़ा गांव में 16 जनवरी 2005 को एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसमें 17 जनवरी 2005 को कुबेर खेड़ा गांव के ही रहने वाले देशराज ने प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया था कि उसके गांव के कालिका पासी एवं चुन्नू सिंह ने अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर उसके भाई हंसराज की गोली मारकर हत्या कर दी.

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देशराज ने बताया कि दोनों के बीच करीब 6 माह पहले पेड़ की लकड़ी काटने को लेकर विवाद हुआ था. साथ ही मारपीट भी हुई थी. इसकी कालिका और चुन्नू रंजिश मानते थे. इसी के चलते उन्होंने हंसराज की हत्या कर दी. पुलिस ने देशराज की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. विवेचना तत्कालीन एसपी त्रिभुवन सिंह ने 23 फरवरी 2005 को न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की थी.

दिवंगत हंसराज अनुसूचित जाति से आता था. इससे मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायालय एससी एसटी में शुरू हुई. सुनवाई के दौरान मुकदमे के एक आरोपी की मौत हो गई. करीब 19 साल चले इस मुकदमे में न्यायालय ने मंगलवार को सजा सुनाते हुए विशेष लोक अभियोजक दीपक मिश्रा की दलील को सुनते हुए कालिका और चुन्नू को दोषी करार दिया. न्यायालय ने कालिका पर 40000 और चुन्नू पर 25000 का जुर्माना भी लगाया.

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