गढ़वा: जिले के सदर अस्पताल में एक दर्जन से अधिक वेंटिलेटर खरीदे गए. लेकिन अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से बर्बाद होता जा रहा है. आलम यह है कि यहां वेंटिलेटर की सुविधा होने के बावजूद मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. कोरोना काल के दौरान जिले के सदर अस्पताल में मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत को देखते हुए पीएम निधि से करीब एक दर्जन से अधिक वेंटिलेटर खरीदे गए थे. लेकिन अस्पताल में देखभाल की कमी के कारण मशीन पड़े-पड़े बर्बाद हो रही है.
टेक्नीशियन नहीं होने के कारण बंद हैं वेंटिलेटर
स्वास्थ्य विभाग द्वारा वेंटिलेटर तो अस्पताल में भेज दिया गया, लेकिन इसे चलाने वाले टेक्नीशियन का सदर अस्पताल में अभाव है, जिसके चलते वेंटिलेटर का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है. अस्पतालों में वेंटिलेटर को चलाने वालों की बहाली होती है. लेकिन यहां न तो कोई बहाली हुई ही नहीं.
जनवरी के अंत तक आईसीयू में शिफ्ट होगा वेंटिलेटर
इस मामले में सीएस ने बताया कि कुछ दिक्कतें आ रही है. इन सभी वेंटिलेटरों की मरम्मत कराई जा रही है. जनवरी के अंत तक वेंटिलेटर को आईसीयू वार्ड में शिफ्ट कर लिया जाएगा. अस्पताल में अभी बारह बेड का आईसीयू तैयार हो रहा है. कुछ टेक्नीशियन को लेकर दिक्कतें आ रही हैं, उसकी भी व्यवस्था कर ली जाएगी. गढ़वा सदर अस्पताल में एक तरफ जहां डॉक्टरों की कमी है तो वहीं इलाज की सारी व्यवस्था होने के बाद भी मरीजों को उसकी सुविधा नहीं मिल पा रही है. ऐसे में मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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