चंडीगढ़: हैदराबाद में नकाब विवाद गहराने के बाद भारतीय चुनाव आयोग (ECI) हरियाणा में भी सक्रिय हो गया है. नतीजतन आयोग अब मतदान केंद्रों पर आने वाले 'पर्दानशीन' मतदाताओं की जांच कराएगा. इसकी जिम्मेदारी आंगनवाड़ी कर्मचारियों और असिस्टेंट नर्स (दाइयों) को सौंपी गई है. इनकी अधिकांश नियुक्ति ग्रामीण क्षेत्र के मतदान केंद्रों पर की जा रही है, क्योंकि यहां हिंदू महिलाएं 'घूंघट' और मुस्लिम महिलाएं बुर्का आमतौर पर पहनती हैं.
मतदाता पहचान पत्र से चेहरे की पहचान: आंगनबाड़ी कर्मचारी और दाई पर्दानशीन मतदाताओं की पहचान उनके मतदाता पहचान पत्र (वोटर कार्ड) से उनके चेहरे का मिलान कर करेंगे, ताकि फर्जी मतदान को रोका जा सके.
आरओ व अन्य अधिकारियों को निर्देश जारी: ECI के मानदंडों के अनुसार आवश्यकता पड़ने पर मतदान अधिकारियों को मतदाता कार्ड पर फोटो के अनुसार वोटर की उपस्थिति की जांच करनी आवश्यक है. घूंघट, बुर्का और नकाब में महिला मतदाताओं की गोपनीयता की रक्षा भी की जा सके, ये सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग ने निर्वाचन क्षेत्रों के रिटर्निंग अफसरों और मतदान केंद्रों के पीठासीन अधिकारियों को स्थायी निर्देश जारी किए हैं.
'पर्दानशीन' के लिए गाइडलाइन: चुनाव आयोग की हैंडबुक में पीठासीन अधिकारी के लिए कहा गया है कि यदि मतदान केंद्र पर बड़ी संख्या में 'पर्दानशीन' (बुर्का पहने) महिला मतदाता आती हैं तो उनकी पहचान के लिए विशेष व्यवस्था करनी चाहिए. साथ ही बाईं तर्जनी (उंगली) पर अमिट स्याही लगाने की व्यवस्था करनी चाहिए. इस दौरान महिला मतदाता को उनकी गोपनीयता, गरिमा और शालीनता का ध्यान रखते हुए एक अलग घेरे में रखा जाएगा.
क्या है हैदराबाद नकाब विवाद? लोकसभा चुनाव के चौथे चरण, 13 मई को हैदराबाद में भाजपा उम्मीदवार माधवी लता पर सवाल खड़े हो गए थे. उनका एक वीडियो सामने आया, जिसमें वो बुर्का डाले हुए मतदाताओं से अपना चेहरा उनके सामने दिखाने के लिए कहती दिखी. इस पर हैदराबाद पुलिस ने उनके खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है.