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मोरी के कई इलाकों में लैंडस्लाइड, खस्ताहाल हुई सड़कें, दुर्घटनाग्रस्त हुआ पिकअप वाहन - Landslide in Uttarkashi

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 1, 2024, 5:06 PM IST

Updated : Sep 1, 2024, 5:19 PM IST

Landslide in Uttarkashi उत्तरकाशी के मोरी तहसील के गमरी, भुटाणू, मैंजणी, पावली और किरोली मोटरमार्ग पर लगातार भूस्खलन हो रहा है. ऐसे में मलबे के कारण सेब से भरा एक वाहन मंडी जाते समय पलट गया. जिससे लाखों रुपए का सेब बर्बाद हो गया है. गनीमत रही कि हादसे में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ.

Landslide in Uttarkashi
सेब से भरा वाहन पलटा (photo- ETV Bharat)

उत्तरकाशी: मोरी तहसील के आराकोट न्याय पंचायत के ग्रामीणों और खासकर सेब बागवानों के लिए गमरी-भुटाणू-मैंजणी-पावली-किरोली मोटरमार्ग पर जारी भूस्खलन मुसीबत बन गया है. आलम ये है कि सेब से भरा एक पिकअप वाहन मंडी जाते समय मलबे में धंसकर पलट गया. हादसे में वाहन चालक और एक अन्य व्यक्ति बाल-बाल बच गए, लेकिन लाखों रुपए का सेब बर्बाद हो गया है.

भूस्खलन और मलबा से किसान और ग्रामीण परेशान: मोरी ब्लॉक के बंगाण क्षेत्र में कारगिल शहीद दिनेश रावत के नाम से गमरी-मैंजणी-भुटाणू-पावली-किरोली 20 किलोमीटर मोटर मार्ग का निर्माण साल 2010 में लोनिवि ने किया था, लेकिन डेढ़ दशक बाद भी अभी तक सड़क का डामरीकरण न होने से जगह-जगह भूस्खलन और मलबा आने से काश्तकारों व ग्रामीणों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. भुटाणू, मैंजणी, किरोली और पावली के ग्रामीणों की आवाजाही के साथ ही हर साल 30-40 हजार सेब पेटी मंडियों तक पहुंचती हैं, लेकिन डामरीकरण न होने से हर समय दुर्घटना की आशंका बनी रहती है.

ग्रामीणों ने अनदेखी का लगाया आरोप: सामाजिक कार्यकर्ता मनमोहन चौहान और बलवीर सिंह रावत ने बताया कि भुटाणू, मैंजणी, किरोली और पावली मोटर मार्ग पर साल 2010 में कटिंग कार्य पूरा हो गया था, तब से अब तक इस सड़क की हालत जस की तस है. पिछले साल 5 किलोमीटर का डामरीकरण किया गया. बाकी का 15 किलोमीटर सड़क आज भी खच्चर मार्ग की तरह है. यह क्षेत्र सेब बाहुल्य है. ऐसे में डामरीकरण को लेकर मुख्यमंत्री और विधायक से कई बार गुहार लगाई गई, लेकिन आज तक इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की गई.

मार्ग को बहाल करने में जुटा लोक निर्माण विभाग: लोक निर्माण विभाग के एई (असिस्टेंट इंजीनियर) सुमित सिंह ने बताया कि बारिश से गमरी, मैंजणी और पावली रोड दो-तीन दिन से लगातार मलबा आने के कारण बार-बार बंद हो रही है. सेब से भरी गाड़ियों को निकालने के लिए भूस्खलन जोन पावली और मैंजणी में दो जेसीबी लगी हुई हैं. फिलहालस यातायात नियमित रूप से सुचारू है.

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उत्तरकाशी: मोरी तहसील के आराकोट न्याय पंचायत के ग्रामीणों और खासकर सेब बागवानों के लिए गमरी-भुटाणू-मैंजणी-पावली-किरोली मोटरमार्ग पर जारी भूस्खलन मुसीबत बन गया है. आलम ये है कि सेब से भरा एक पिकअप वाहन मंडी जाते समय मलबे में धंसकर पलट गया. हादसे में वाहन चालक और एक अन्य व्यक्ति बाल-बाल बच गए, लेकिन लाखों रुपए का सेब बर्बाद हो गया है.

भूस्खलन और मलबा से किसान और ग्रामीण परेशान: मोरी ब्लॉक के बंगाण क्षेत्र में कारगिल शहीद दिनेश रावत के नाम से गमरी-मैंजणी-भुटाणू-पावली-किरोली 20 किलोमीटर मोटर मार्ग का निर्माण साल 2010 में लोनिवि ने किया था, लेकिन डेढ़ दशक बाद भी अभी तक सड़क का डामरीकरण न होने से जगह-जगह भूस्खलन और मलबा आने से काश्तकारों व ग्रामीणों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. भुटाणू, मैंजणी, किरोली और पावली के ग्रामीणों की आवाजाही के साथ ही हर साल 30-40 हजार सेब पेटी मंडियों तक पहुंचती हैं, लेकिन डामरीकरण न होने से हर समय दुर्घटना की आशंका बनी रहती है.

ग्रामीणों ने अनदेखी का लगाया आरोप: सामाजिक कार्यकर्ता मनमोहन चौहान और बलवीर सिंह रावत ने बताया कि भुटाणू, मैंजणी, किरोली और पावली मोटर मार्ग पर साल 2010 में कटिंग कार्य पूरा हो गया था, तब से अब तक इस सड़क की हालत जस की तस है. पिछले साल 5 किलोमीटर का डामरीकरण किया गया. बाकी का 15 किलोमीटर सड़क आज भी खच्चर मार्ग की तरह है. यह क्षेत्र सेब बाहुल्य है. ऐसे में डामरीकरण को लेकर मुख्यमंत्री और विधायक से कई बार गुहार लगाई गई, लेकिन आज तक इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की गई.

मार्ग को बहाल करने में जुटा लोक निर्माण विभाग: लोक निर्माण विभाग के एई (असिस्टेंट इंजीनियर) सुमित सिंह ने बताया कि बारिश से गमरी, मैंजणी और पावली रोड दो-तीन दिन से लगातार मलबा आने के कारण बार-बार बंद हो रही है. सेब से भरी गाड़ियों को निकालने के लिए भूस्खलन जोन पावली और मैंजणी में दो जेसीबी लगी हुई हैं. फिलहालस यातायात नियमित रूप से सुचारू है.

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Last Updated : Sep 1, 2024, 5:19 PM IST
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