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वट सावित्री का व्रत : पति की लंबी उम्र की कामना के लिए महिलाओं ने की बरगद की पूजा - Vat Savitri Pooja

अपने पति की लंबी उम्र की कामना को लेकर महिलाएं वट सावित्री व्रत रख रही हैं. बड़ी संख्या में महिलाएं बरगद के पेड़ नीचे की पूजा-अर्चना के लिए पहुंची.

वट सावित्री का व्रत
वट सावित्री का व्रत (ETV Bharat GFX Team)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 6, 2024, 4:58 PM IST

वट सावित्री का व्रत (ETV Bharat Bhilwara)

भीलवाड़ा. जेठ माह की अमावस्या के दिन सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना को लेकर वट सावित्री की पूजा करती हैं और व्रत रखती हैं. इस व्रत में महिलाएं बरगद की पेड़ की विशेष पूजा-अर्चना करती है. महिलाएं बरगद के पेड़ के चारों तरफ मौली बंधन भी बांधती हैं. प्रतिवर्ष जेठ माह की अमावस्या को वट सावित्री व्रत रखा जाता है.

वट सावित्री के अवसर पर जिले भर में महिलाएं व्रत रखकर बरगद के वृक्ष की पूजा-अर्चना कर रही हैं. इस दौरान महिलाएं सज-धज कर मंगल गीत गाती हुई बरगद के पेड़ के पास पहुंची और बरगद के पेड़ को कुमकुम से तिलक लगाकर फल, गुड़ व नारियल का प्रसाद चढ़ाती हैं. इस दौरान महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना को लेकर बरगद के पेड़ के चारों तरफ मौली बंधन बाधते हुऐ परिक्रमा करती हैं. भीलवाड़ा शहर के गणेश मंदिर के पास स्थित बरगद के पेड़ पर आज काफी संख्या में महिलाएं पूजा-अर्चना के लिए पहुंची.

इसे भी पढ़ें-आज है ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष अमावस्या, वट सावित्री व्रत और शनि जयंती - Shani Jayanti Vat Savitri Vrat

बरगद के पेड़ की होती है पूजा : पूजा करने पहुंची महिला कृष्णा राठी ने कहा कि आज वट सावित्री व्रत है. इस मौके पर हम सभी महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा करती है. उन्होंने व्रत की कहानी सुनाते हुए कहा कि सावित्री ने अपने पति की लंबी आयु के लिए पूजा की थी और यमराज से अपने पति को वापस लेकर आई थी. उन्होंने कहा कि बरगद के पेड़ की उम्र भी अन्य पेड़ों की तुलना में लंबी होती है, उसी तरह पति की भी बरगद के पेड़ के समान उम्र हो इसलिए भी बरगद की पूजा महिलाएं करती हैं.

वट सावित्री का व्रत (ETV Bharat Bhilwara)

भीलवाड़ा. जेठ माह की अमावस्या के दिन सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना को लेकर वट सावित्री की पूजा करती हैं और व्रत रखती हैं. इस व्रत में महिलाएं बरगद की पेड़ की विशेष पूजा-अर्चना करती है. महिलाएं बरगद के पेड़ के चारों तरफ मौली बंधन भी बांधती हैं. प्रतिवर्ष जेठ माह की अमावस्या को वट सावित्री व्रत रखा जाता है.

वट सावित्री के अवसर पर जिले भर में महिलाएं व्रत रखकर बरगद के वृक्ष की पूजा-अर्चना कर रही हैं. इस दौरान महिलाएं सज-धज कर मंगल गीत गाती हुई बरगद के पेड़ के पास पहुंची और बरगद के पेड़ को कुमकुम से तिलक लगाकर फल, गुड़ व नारियल का प्रसाद चढ़ाती हैं. इस दौरान महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना को लेकर बरगद के पेड़ के चारों तरफ मौली बंधन बाधते हुऐ परिक्रमा करती हैं. भीलवाड़ा शहर के गणेश मंदिर के पास स्थित बरगद के पेड़ पर आज काफी संख्या में महिलाएं पूजा-अर्चना के लिए पहुंची.

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बरगद के पेड़ की होती है पूजा : पूजा करने पहुंची महिला कृष्णा राठी ने कहा कि आज वट सावित्री व्रत है. इस मौके पर हम सभी महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा करती है. उन्होंने व्रत की कहानी सुनाते हुए कहा कि सावित्री ने अपने पति की लंबी आयु के लिए पूजा की थी और यमराज से अपने पति को वापस लेकर आई थी. उन्होंने कहा कि बरगद के पेड़ की उम्र भी अन्य पेड़ों की तुलना में लंबी होती है, उसी तरह पति की भी बरगद के पेड़ के समान उम्र हो इसलिए भी बरगद की पूजा महिलाएं करती हैं.

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