जयपुर. राजनीति में तस्वीरें न सिर्फ बोलती हैं , बल्कि एक पैगाम भी देती है. इन दिनों राजस्थान में छह निर्दलीय विधायकों की तस्वीर न सिर्फ वायरल हो रही है, बल्कि इसे लेकर राजनीतिक कयासबाजी का दौर भी तेज हो चला है. प्रदेश में छह विधानसभा सीटों पर आने वाले वक्त में उपचुनाव अपेक्षित हैं. ऐसे में चर्चा है कि भजनलाल शर्मा सरकार अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकती है.
इसमें क्षेत्रीय संतुलन के साथ-साथ जातीय संतुलन पर भी ध्यान रखा जा सकता है. जयपुर के पांच सितारा होटल में इस डिनर की फोटो में 6 विधायकों में पूर्व मंत्री और डीडवाना विधायक यूनुस खान, बाड़मेर विधायक डॉक्टर प्रियंका चौधरी, चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान आक्या, सांचौर से जीवाराम चौधरी, बयाना से विधायक रितु बनावत और शिव से विधायक रविन्द्र सिंह भाटी नजर आ रहे हैं.
राजे खेमे के हैं विधायकः पूर्व मंत्री यूनुस खान और जीवाराम चौधरी तो साफ तौर पर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे खेमे के माने जाते हैं. इसके अलावा प्रियंका चौधरी, चंद्रभान आक्या,रविन्द्र सिंह भाटी भी वक्त-वक्त पर राजे के साथ नजर आए हैं. हालांकि, रितु बनावत और उनके पति ऋषि बंसल कुछ वक्त के लिए राजनीतिक मुद्दों पर राजे से दूर हुए थे, लेकिन इस बार वे भी राजे के कैंप में देखे जा रहे हैं. गौरतलब है कि बानावत ने बीते दिनों शिवसेना शिंदे की सदस्यता भी ली थी. लिहाजा इन सभी का एक जगह पर जमा होना , लाजमी है कि कई चर्चाओं को जोर दे रहा है. माना जा रहा है कि राजनीतिक रूप से एक होकर ये विधायक सरकार के सामने राजनीतिक मंच पर अपने लिए प्रभावी भूमिका की मांग कर सकते हैं.
पूर्व सरकार में सुपर सिक्स की थी चर्चाः पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में बहुजन समाज पार्टी छोड़कर आए छह विधायकों ने अशोक गहलोत को समर्थन देकर खुद की पार्टी का कांग्रेस में विलय कर लिया था. इनमें मंत्री रहे राजेन्द्र गुढ़ा के अलावा जोगेंद्र सिंह अवाना , वाजिब अली , लाखन सिंह मीणा , संदीप यादव और दीपचंद खेरिया शामिल थे. इन सभी विधायकों को सुपर सिक्स के नाम से राजस्थान के राजनीतिक हलकों में पहचाना जाता था. गहलोत सरकार के संकटकाल में इनकी भूमिका हमेशा सुर्खियों में रही थी.
समीकरणों का यह इशाराः जयपुर में मुलाकात करने वाले छह निर्दलीय विधायकों में से चार यूनुस खान , रविन्द्र भाटी, जीवाराम और प्रियंका चौधरी मारवाड़ से आते हैं. भाटी और प्रियंका सरहदी जिले बाड़मेर के विधायक हैं, तो जीवाराम सांचौर के. इसी तरह चंद्रभान आक्या मेवाड़ और बानावत ब्रज भूमि का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. दो महिला विधायकों के साथ ही दो राजपूत , एक ओबीसी और एक अल्पसंख्यक विधायक इस सुपर सिक्स का हिस्सा है. सरकार के मंत्रिमंडल में फिलहाल महिलाओं का प्रतिनिधित्व कमजोर है, तो एक भी अल्पसंख्यक चेहरा नहीं है. इसी तरह से विभिन्न बोर्ड्स में भी नियुक्तियां की जानी हैं. जहां निर्दलीय विधायक अपने लिए जगह तलाश रहे हैं.
आने वाले चुनाव और लोकसभा के नतीजेः राजस्थान में दो बार 25 सीट जीतने वाली बीजेपी ने इस दफा 11 सीटें गंवा दी थी. इनमें सुपर सिक्स वाले विधायक भाटी और चौधरी की बाड़मेर सीट, यूनुस खान के गृह जिले की नागौर सीट और बानावत की भरतपुर सीट शामिल हैं. अब नागौर के खींवसर में वोटिंग होगी. अन्य सीटों पर हालांकि सुपर सिक्स वाले विधायकों का सीधा असर नहीं है पर राजनीतिक पैगाम जरूर जा सकता है. लिहाजा माना जा रहा है कि विधायकों का एक जाजम पर आना, राजनीतिक मायनों में सुपर सिक्स की मजबूती की ओर इशारा कर रहा है.