बीकानेर. जीवन में सकारात्मक ऊर्जा को होना जरूरी है. लेकिन कई बार हमें बिना वजह ऐसा लगता है कि हमारे आसपास नकारात्मक माहौल है. दरअसल घर में पड़ी बेकार वस्तुओं के से नकारात्मकता पैदा होती है लेकिन कई बार हम जिस चीज को अच्छा समझ कर घर में ले आते हैं वह वास्तव में नकारात्मकता पैदा करती है लेकिन हमें इसका भान नहीं होता है. इसके साथ ही आंतरिक साज सज्जा में किस दिशा में और किस जगह कौनसी वस्तु का होना चाहिए, इसका वास्तु शास्त्र में उल्लेख मिलता है
इन बातों का रखें ध्यान :-
- घर से टूटे हुए कांच, खराब क्रॉकरी और टूटे हुए बर्तनों को तुरंत बाहर कर देना चाहिए. इनसे घर के लोगों में उदासी और निराशा का भाव उत्पन्न होता है.
- अगर घर में किसी भी प्रकार की दरार आती है या पेंट खराब होता है तो उसे शीघ्र ही सही करवाना चाहिए. अगर घर में कोई खिड़की दरवाजा आवाज कर रहा हो तो उसे तुरंत ही ठीक करवाना चाहिए.
- घर में जलपोतों, युद्ध, रोते हुए बच्चों, और डूबते सूरज की तस्वीरें नहीं लगाना चाहिए. इनसे घर में रहने वाले लोगों के दिमाग में नकारात्मक छवि बनती है और लोग उदास रहने लगते हैं. इसके अलावा यदि घर में झरने, फव्वारे, समुद्र, बारिश या एक्वैरियम की तस्वीरें लगी हों तो उन्हें तुरंत ही हटा दें.
- घर में गमलों में लगे हुए पौधों का ध्यान रखना चाहिए. अगर वो सूख गए हैं या मुरझा गए हैं तो उन्हें तुरंत ही हटा दें. उनके स्थान पर गमले में नए पौधे लगा दें. सूखे हुए पौधे घर में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह में व्यवधान उत्पन्न करते हैं. इनके साथ ही घर में काटों वाले पौधे नहीं लगाना चाहिए. ऐसे पौधों के कारण घर के सदस्यों के बीच झगड़ा होना शुरू हो सकता है.
- घर में किसी भी प्रकार के मृत जानवरों खाल, दांत या सींग नहीं लगाना चाहिए. इन वस्तुओं को लगाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और घर के सदस्यों के ऊपर मृत्यु मंडराती रहती है.